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भारतीय मूर्तिशिल्प में भगवान् सूर्य
मानव समाज में था। सूर्य के साक्षात् देव होने पर ही उनके मन्दिर देश के विभिन्न स्थानों पर निर्मित प्राप्त होते हैं। सूर्य नारायण प्रत्यक्ष भगवान् हैं और हमें उनके प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त होता है।
मकर संक्रान्ति एवं सूर्योपासना
अपार ऊर्जा का सृजन होता है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार सूर्य ब्रह्मस्वरूप हैं। नवग्रहों में प्रमुख ग्रह हैं। सूर्य का वर्ण लाल है। सूर्य के रथ में एक ही चक्र है, जो 'संवत्सर' कहलाता है। इस रथ में 12 आरे हैं, जो बारह मास के प्रतीक हैं। चक्र, शक्ति, पाश और अंकुश इनके मुख्य शस्त्र हैं।
ओज और प्रगति का पर्व मकर संक्रान्ति
भारत पर्वों और त्योहारों का देश है। यहाँ वर्षभर का कोई भी ऐसा माह नहीं होता, जिसमें कोई न कोई त्योहार नहीं पड़ता हो। इसलिए यहाँ यह उक्ति प्रसिद्ध है : 'सदा दीपावाली सालभर, सातों वार त्योहार ।' इन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है 'मकर संक्रान्ति', जिसकी अपनी विशेषता है।
मन्त्र जप जीवन को व्यस्थित करता है
हम सबके जीवन में मन्त्र का प्रबल प्रभाव होता है। अपनी उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि हमने किन मन्त्रों का जप किया है? मन्त्र जप अपनी कुण्डली के अनुसार करें, जिससे आपको पूर्णतः लाभ मिल सके।
देवी सरस्वती के साम्य स्वरूप मिनर्वा और म्युजेज
भारतीय धर्म परिवेश में विद्या की देवी सरस्वती के समान ही मिनर्वा (रोमन देवी) और म्युजेज (ग्रीक) विद्या एवं कला की देवी के रूप में पावन एवं पूज्य स्थान रखती हैं।
माँ सरस्वती का प्राकट्य दिवस है बसन्त पंचमी
माँ! तुम ज्ञान देने वाली हो, जब चारों ओर संशय है, तो फिर हम कहाँ जाएँ? तुम्हारी छवि का ध्यान ही हमारी अज्ञानता को दूर कर देता है। शारदे ! हम एक दीप जलाते हैं और बस, इतना जानते हैं कि कहीं कोई लयबद्ध सितार बज रहा हो, तो वह भी आपकी ही उपासना है।
ज्योतिष में ग्रहों के बल का मापक षड्बल
जो ग्रह अधिक बलवान् होंगे, वह कुण्डली में जातक को अधिक फल देगा और जो बलहीन होगा। वह फल देने में कमजोर होगा अर्थात फल नहीं देगा।
पेट सम्बन्धी बीमारियों से छुटकारा दिलाता है भुजंगासन
भुजंग एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'सर्प'। इस आसन में हमारे शरीर की आकृति फन उठाये सर्प की तरह होती है, अतः इस आसन को 'भुजंगासन' कहते हैं।
केन्द्रगत शनि से बना अद्भुत यशस्वी योग
हम बात कर रहे हैं शनि की ऐसी स्थिति की, जिसमें शनि विशेष प्रसिद्धि और राजयोग के साथ निरन्तर प्रगति पथ की ओर भी ले जा रहा है और वह स्थिति है, जब शनि केन्द्र (विशेषकर चतुर्थ एवं सप्तम भाव) में वृषभ राशि में स्थित हो। शनि वृषभ राशि में अकेला स्थित हो
विश्वकप विजेता लियोनेल मेसी
18 दिसम्बर, 2022 दोहा के स्टेडियम में लगभग 89 हजार दर्शकों के साथ करोड़ों टीवी दर्शकों की साँसें फीफा वर्ल्डकप मैच की गति के साथ-साथ ऊपरनीचे हो रही थीं।
गणेश जी का 400 साल पुराना मन्दिर, जहाँ स्वयं प्रकट हुए थे बप्पा
बात अगर मन्दिरों की करें, तो देश के इकलौते मन्दिर में समुद्र की लहरें भी दस्तक देती हैं, जिसका इतिहास *लगभग 400 साल पुराना है।
भूखे भूतों को खिलाते हैं टेस्टी खाना
15 दिन के लिए खुलता है 'नरक का द्वार'
2025 में फिर चांद पर उतरेगा इन्सान!
चांद के सबसे करीब पहुँचा नासा का मून मिशन
बिना मूर्ति का मन्दिर, जहाँ होती है देवी के चरणों की पूजा
हिडम्बा देवी मन्दिर हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा मन्दिर है जो हिडिम्बी देवी या हिरमा देवी को समर्पित है। हिडिम्बा का वर्णन महाभारत में भीम की पत्नी के रूप में मिलता है।
महामना मदनमोहन मालवीय की गौभक्ति
महामना जयन्ती (25 दिसम्बर, 2022) पर विशेष
ज्योतिष के अनुसार घर में लगाएँ कौनसा पौधा ?
प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि यदि उसके पास जगह है, तो वह अपने घर के बगीचे में तरह तरह के पेड़-पौधे लगाए, लेकिन यह भी सच है कि उनमें से कई पेड़-पौधों का घर के आस-पास होना अशुभ माना जाता है और कई ऐसे होते हैं, जो दोष निवारक माने गए हैं। आइए जानें, कौन-सा पेड़ लगाना होता है अच्छा और कौन-सा है अशुभ?
संस्कृति एवं अखण्ड सौभाग्य की प्रतीक अक्षय नवमी (02 नवम्बर, 2022)
भारतीय संस्कृति को संसार की अत्यधिक विलक्षण और ज्ञानात्मक संस्कृति मानी जाती है। इस संस्कृति में तमाम मौके इस तरह बताए गए हैं, जो मानवीय जीवन में समग्र दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी हैं। इन्हीं मौकों में से एक है 'अक्षय नवमी।
प्रेम एवं भक्ति का संदेश देने वाले महान् सन्त गुरुनानक देव जी
उनके दर्शन में वैराग्य तो है ही साथ ही उन्होंने तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक स्थितियों पर भी नजर डाली है। सन्त साहित्य में नानक ने नारी को उच्च स्थान दिया है। इनके उपदेश का सार यही होता था कि 'ईश्वर एक है।'
योग से पाएँ नवीन स्फूर्ति और दर्द से छुटकारा
योग नवीनतम रुझानों में से एक है, जो फिटनेस की दुनिया पर कब्जा कर रहा है। यह सदियों पुराना अभ्यास न केवल आपके शरीर को 'टोन' करने के लिए बहुत अच्छा है, बल्कि कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जो इसे सर्वोत्तम प्रकार के कसरत में से एक बनाता है, क्योंकि यह कई प्रकार की बीमारियों को निर्देशित करता है और आपको समग्र रूप से जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्रदान कर सकता है।
आखिर कब होगा आपका विवाह?
देर से विवाह होने के परिणामस्वरूप कई बार उपयुक्त जीवनसाथी नहीं मिल पाता है। विवाह में देरी से अभिप्राय उस समय से है जब आप विवाह करना चाहते हो और कहीं कोई बात बन नहीं पा रही है।
राशि और आँखें
धनु राशि की आँखों में दृढ़ आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलती है। इन लोगों से बहुत देर तक आँखों में आँखें डालकर बात करना मुश्किल होता है, क्योंकि इनका आत्मविश्वास प्राय: सामने वाले के विश्वास को डिगा देता है।
ईश्वर भक्ति से हो सकता है समस्याओं का समाधान
जो मनुष्य भगवान् की लीलाओं को सुनते-सुनते रोने लग जाते हैं, उनके जन्म-जन्मान्तर के पाप नष्ट हो जाते हैं। प्रभु की लीलाओं के सुनने एवं याद करने से बढ़कर अन्य कोई उपाय मनुष्य के उद्धार के लिए नहीं है।
नवांश से फलकथन के सिद्धान्त
फलित ज्योतिष में नवांश का उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में किया जाता है। नवांश के आधार पर किया गया फलित अधिक सटीक और सूक्ष्म होता है। सामान्यतः नवांश की उपयोगिता के विषय में कहा जाता है :
फ्रेंचाइज व्यवसाय और ज्योतिष
कम लागत और सुरक्षित लाभ का अनोखा बिजनस
कार्तिक माह का दूसरा ग्रहण
चन्द्रग्रहण (08 नवम्बर, 2022)
क्या कहते हैं नए दल के सितारे?
भारत राष्ट्र समिति (BRS)
नवरात्र में आद्याशक्ति की उपासना
चारों नवरात्र का अपना अलग-अलग महत्त्व है। वैसे शारदीय नवरात्र में ही अधिक अनुष्ठान आदि किए जाते हैं। गुप्त नवरात्र में तन्त्र सिद्धियाँ अधिक होती हैं।
महाकाल और महाकाली साधना
दीपावली पर विशेष
आखिर क्यों पूजा जाता है स्वस्तिक
दीपावली पर विशेष
देवपूजन में 'न्यास'
न्यास किए बिना जो अनुष्ठानादि कार्यों में विशिष्ट पूजावसरों पर पूजा करते हैं, उन्हें भक्ति रहित होकर पूजा करने के समान विपरीत फल मिलता है।