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रक्षाबन्धन महान् घटनाओं का संगम दिवस!
देवों और दानवों के युद्ध में जब देवता हारने लगे, तब वे देवराज इन्द्र के पास गए। देवताओं को भयभीत देखकर इन्द्राणी (देवराज इन्द्र की पत्नी) ने उनके हाथों में रक्षासूत्र बाँध दिया।
सच्चरित्र तथा कुलवधिंनी स्त्री प्राप्ति के योग
सभी ऐश्वर्य स्त्री के बिना अपूर्ण होते हैं। यानि एक स्त्री ही पुरुष को पूर्ण करती है और समस्त ऐश्वर्य नहीं होने पर भी सद्गुणी स्त्री की प्राप्ति इस खामी की कमी खलने तक नहीं देती है।
कालजयी हैं तुलसीदास जी
लोकमंगल की भावना से तुलसी ने भक्ति, ज्ञान और कर्म की ऐसी त्रिधारा बहाई, जिसमें गोता लगाकर मन को शान्ति और आनन्द मिलता है। जहाँ राम हैं, वहीं तुलसी का नाम भी सहज ही स्मरण हो जाता है।
परम शान्ति मिलती है भगवान् शंकर को जल चढ़ाने से
भगवान् शंकर को जल चढ़ाने से परम शान्ति मिलती है। दूध एवं दही की धारा चढ़ाने से सन्तान प्राप्ति, गन्ना के रस चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति, मधु धारा के चढ़ाने से कोष की वृद्धि, घी के चढ़ाने से ऐश्वर्य की प्राप्ति और तीर्थ जल चढ़ाने से मोक्ष मिलता है।
आई तीज बिखेर गई बीज
राजस्थान का सांस्कृतिक वैभव अतुलनीय है। कहीं मेले-उत्सव, तीज-त्योहार की उमंग है, तो कहीं धोरों में गूँजती स्वर लहरियाँ हैं।
क्या आप प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हो पाएँगे?
प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता का विचार करते समय लग्न, तृतीय, पंचम, षष्ठ, सप्तम, नवम एवं एकादश भाव का विचार मुख्य रूप से करना चाहिए।
आखिर कब होगा कल्कि अवतार?
भारतीय परम्परा में अवतारवाद का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
रक्षाबन्धन मुहूर्त
30 अगस्त, 2023
गोस्वामी तुलसीदास की जन्मतिथि: एक गवेषणा
रामचरितमानस के लेखक एवं महान् संत गोस्वामी तुलसीदासजी का यशोगान समस्त हिन्दू धर्मावलम्बियों के घरों में किया जाता है, परन्तु ऐसे महान् संत की जन्मतिथि के सम्बन्ध में अभी भी निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
तुलसीदासजी की जन्मपत्रिका!
हाल ही में तुलसीदासजी की एक जन्मपत्रिका संज्ञान में आई, जो कि तुला लग्न की थी, जिसमें लग्न में शनि-गुरु, मकर का राहु, मिथुन का चन्द्रमा, कर्क का सूर्य, मंगल और केतु, सिंह का बुध तथा कन्या का शुक्र था।
चंद्रयान-3 उडा चांद की ओर... नए राज़ खुलेंगे अब
चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिक टीम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरामुत्थुवल के अलावा 29 एसोसिएट व डिप्टी डायरेक्टर थे। 55 प्रोजेक्ट मैनेजर थे। एसोसिएट डायरेक्टर कल्पना की अहम भूमिका रही।
भवसागर पार कराने वाले गुरु ईश्वर-तुल्य हैं
‘आचार्य देवोभवः' का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परम्परा है और वेद आदि धर्मग्रन्थों का अनुपम आदेश है।
सावन में झूलों का मजा ही कुछ और है...
सावन मास में रिमझिम फुहारें, मेघाच्छन्न आकाश शीतल मन्द समीर चारों ओर हरीतिमा से सज्जित वन-उपवन एवं सुवासित वातावरण में किसका मन उमंगों से नहीं भरता? घनघोर घटाओं को देखकर महिलाएँ तो क्या पशुपक्षी भी आनन्द विभोर हो उठते हैं।
श्रावण अधिकमास क्या करें-क्या नहीं?
18 जुलाई से 16 अगस्त, 2023 तक
स्त्रियों के लिए सुख, सौभाग्य लाती है हरियाली तीज
पति-पत्नी के प्रेम को और प्रगाढ़ बनाने तथा आपस में श्रद्धा और विश्वास पैदा करने का त्योहार है 'हरियाली तीज'। इस दिन कुँआरी कन्याएँ व्रत रखकर अपने लिए भगवान् शिव जैसे वर की कामना करती हैं। विवाहित महिलाएँ अपने सुहाग को भगवान् शिव तथा पार्वती से अक्षुण्ण बनाए रखने की कामना करती हैं।
अस्थमा, एलर्जी और ब्रोंकाइटिस में लाभकारी है सूर्यभेदी प्राणायाम
आप किसी भी आसन में जो आपके लिए आरामदायक हो जिसमें हमारा मेरूदण्ड (Spine) सीधा रहे दरी, कम्बल, कुर्सी अथवा थोड़े सख्त सोफे के ऊपर बैठ सकते हैं।
कैसे करें पूजा? जो आपके लिए हो लाभकारी!
दक्षिणावर्ती शंख जिस घर में होता है, उसमें साक्षात् लक्ष्मी का निवास होता है। वहाँ मंगल ही मंगल होते हैं। पूजा स्थान पर दो शंख नहीं होने चाहिए।
मस्तक पर तिलक लगाकर बढ़ाएँ आकर्षण क्षमता !
तिलक का अर्थ है किसी भी शुभ कार्य से पूर्व मस्तक पर लगाया जाने वाला चिह्न पहले तिलक शरीर पर लगता है और बाद में यह अन्तःकरण या मन पर लग जाता है।
स्वतन्त्रता आन्दोलन के सूत्रधार लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
स्वाधीनता संग्राम के पुरोधा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नगिरि के चितपावन ब्राह्मण कुल में हुआ था।
सेंगोल धर्मदण्ड, राजदण्ड और राज्याभिषेक
'सेंगोल' चाँदी से निर्मित और सोने की परत चढ़ा हुआ पाँच फुट लम्बा एक राजदण्ड है। इसे जटिल डिजाइनों से सजाया गया है और शीर्ष पर नन्दी की नक्काशी की गई है।
जन्मराशि के अनुसार करें ज्योतिर्लिंग की पूजा
देवाधिदेव महादेव ही सर्वशक्तिमान हैं। उनकी पूजा का विशेष महत्त्व है।
जानिए किन योगों में होती हैं रेल दुर्घटना ?
बालासोर ट्रेन दुर्घटना
23 ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बने
नोवक जोकोविच ने रचा इतिहास
श्रीकालाहस्ती मन्दिर - यहाँ होती राहुकाल और कालसर्प की पूजा
तिरुपति शहर से करीब 35 कि.मी. दूर श्रीकालहस्ती गाँव में स्थित यह मन्दिर दक्षिण भारत में भगवान् शिव के तीर्थस्थलों में स्थित है।
कोरा जीवन कोरा ही रह गया!
अष्टमेश सूर्य का शनि-राहु द्वारा विशेष रूप से पीड़ित होना शारीरिक कष्ट और आत्महत्या की प्रवृत्ति का प्रबल संकेत भी दे रहा है। मरते समय रोहित बस यही कह रहा था 'कोरा जीवन, कोरा ही रह गया।'
अतीत में सहेजा पर्यावरण संस्कार
अतीत सदैव वर्तमान की धड़कनों में रचा-बसा होता है। वर्तमान में अतीत (इतिहास) की असंख्य पुरातात्विक सामग्री एवं विरासतें अपने अप्रतिम वैभव के साथ अपने आँचल में पर्यावरण को करीने से संजोए हुए हैं।
शनि के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के उपाय
शनि के जन्मपत्रिका में नीच राशि में होने पर अथवा शनि की ढय्या अथवा साढ़ेसाती में शरीर में विशेषकर निचले हिस्से में (कमर से नीचे), हड्डी अथवा स्नायुतन्त्र से सम्बन्धित रोग हो जाते हैं।
भारतीय मूर्तिकला और योग
भगवान् शिव एवं श्रीकृष्ण योग और योगियों के प्रधान योगाचार्य माने जाते हैं। योगी शिव को अपने भीतर देखते हैं, प्रतिमाओं को नहीं। प्रतिमा तो भावना करने के लिए निर्माण की गई है।
नाड़ियों के शुद्धीकरण का सटीक तरीका है अनुलोम-विलोम एवं भस्त्रिका
इस प्राणायाम के अभ्यास से नाड़ियों का शुद्धीकरण होता है, अतः इसे नाड़ीशोधन इ कहते हैं।
क्यों जरूरी है कुलदेवी का आशीर्वाद?
विषय बहुत महत्त्वपूर्ण है...