हर पत्थर में मूर्ति विद्यमान रहती है। पर उसे अनावृत्त करने के लिए एक कुशल मूर्तिकार की आवश्यकता होती है। मूर्तिकार ही अनगढ़ पत्थर को तराशकर उसमें से प्रतिमा को प्रकट कर सकता है। ठीक ऐसे ही, हर मनुष्य में प्रकाश स्वरूप परमात्मा विद्यमान है। पर उसे प्रकट करने के लिए परम कलाकार की आवश्यकता होती है। हर युग में इस कला को पूर्णता दी है, तत्समय के सद्गुरुओं ने! ईसा पूर्व 599 की चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को अवतरित हुए जैन मत के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर। वे भी इस परम कला में निष्णात थे। उन्होंने अनेक मनुष्य-प्रस्तरों में परमात्मा प्रकट किया था। उनके ज्ञान की छेनी में वह धार थी कि जिसे वह छू जाती, उसमें परमात्मा प्रकट हो जाता। आइए, उनकी कृपा पाने वाले कुछ पात्रों के निर्माण क्रम का दर्शन करते हैं।
उन्हीं दिनों की बात है... अनेकानेक जनपदों में ज्ञान-ज्योति प्रज्वलित करते हुए महावीर साकेत में पधारे। महावीर के आगमन से साकेत का कण-कण हर्षित हो उठा। जन-जन का मन महावीर को देखने और सुनने के लिए उत्कंठित हो उठा।
साकेत का एक निवासी थाजिनदेव। वह भगवान महावीर का श्रावक (गृहस्थ अनुयायी) था। उन दिनों वह व्यापार हेतु कोटिवर्ष गया हुआ था। मर्यादानुसार कुछ बहुमूल्य रत्न लेकर वह कोटिवर्ष के राजा किरातराज के पास पहुँचा। उन रत्नों को देखकर किरातराज अति प्रसन्न हो उठा। बोला'वाह! जिनदेव, तुमने तो हमें मुग्ध कर दिया। इतने सुन्दर रत्न तो हमने पहले कभी नहीं देखे!' जिनदेव ने मौका संभाला और कहा'राजन्, ये रत्न तो कुछ भी नहीं। इससे अधिक चमकीले और मूल्यवान रत्न मेरे देश में मिलते हैं।'
किरातराज ( उत्सुकता से)-फिर तुम हमारे लिए वे रत्न क्यों नहीं लाए?
जिनदेव- उन्हें लाने का सामर्थ्य मुझमें नहीं है। यदि आप उन्हें पाना चाहते हैं, तो आपको स्वयं मेरे देश चलना होगा।
रत्नों का प्रेमी किरातराज तुरन्त साकेत प्रस्थान करने को अधीर हो उठा। जब वह साकेत पहुँचा, तो उसने वहाँ बहुत हलचल देखी। जिज्ञासावश उसने सार्थवाह से पूछा'क्या आज तुम्हारे नगर में कोई उत्सव है?'
जिनदेव- नहीं महाराज, उत्सव तो नहीं है।
किरातराज- फिर ये नागरिक इतने उल्लसित हो तेज़ कदमों से कहाँ जा रहे हैं?
जिनदेव- महाराज, हमारी नगरी में रत्नों का एक महा-व्यापारी आया है। कहते हैं, उसके पास वह बहुमूल्य रत्न है जो पूरी धरा पर किसी अन्य के पास नहीं।
किरातराज- फिर तुम विलंब क्यों कर रहे हो? हमें भी शीघ्र उस महा-व्यापारी के पास लेकर चलो।
जिनदेव- जैसी आपकी आज्ञा, राजन्।
तदोपरान्त जिनदेव किरातराज को अपने गुरुदेव भगवान महावीर के चरणों में ले गया। वहाँ पहुँचकर किरातराज ने भगवान महावीर से कहा'मैंने सुना है कि आप रत्नों के व्यापारी हैं। आपके पास एक बहुमूल्य रत्न है।'
महावीर मंद-मंद मुस्कुरा दिए। जिनदेव की ओर देखा। जिनदेव ने नेत्रों से ही सारी बात कह डाली और महावीर ने सुन ली। फिर वे किरातराज से बोले'तुमने सही सुना है, देवानुप्रिय!'
किरातराज- मैं उस रत्न को देखने का अभिलाषी हूँ। मेरी मनोकामना पूर्ण करें।
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एका बना वैष्णव वीर!
आपने पिछले प्रकाशित अंक (मार्च 2020) में पढ़ा था, एका शयन कक्ष में अपने गुरुदेव जनार्दन स्वामी की चरण-सेवा कर रहा था। सद्गुरु स्वामी योगनिद्रा में प्रवेश कर समाधिस्थ हो गए थे। इतने में, सेवारत एका को उस कक्ष के भीतर अलौकिक दृश्य दिखाई देने लगे। श्री कृष्ण की द्वापरकालीन अद्भुत लीलाएँ उसे अनुभूति रूप में प्रत्यक्ष होती गईं। इन दिव्यानुभूतियों के प्रभाव से एका को आभास हुआ जैसे कि एक महामानव उसकी देह में प्रवेश कर गया हो। तभी एक दरोगा कक्ष के द्वार पर आया और हाँफते-हाँफते उसने सूचना दी कि 'शत्रु सेना ने देवगढ़ पर चढ़ाई कर दी है। अतः हमारी सेना मुख्य फाटक पर जनार्दन स्वामी के नेतृत्व की प्रतीक्षा में है।' एका ने सद्गुरु स्वामी की समाधिस्थ स्थिति में विघ्न डालना उचित नहीं समझा और स्वयं उनकी युद्ध की पोशाक धारण करके मुख्य फाटक पर पहुँच गया। अब आगे...
'सुख' 'धन' से ज्यादा महंगा!
हेनरी फोर्ड हर पड़ाव पर सुख को तलाशते रहे। कभी अमीरी में, कभी गरीबी में, कभी भोजन में, कभी नींद में कभी मित्रता में! पर यह 'सुख' उनके जीवन से नदारद ही रहा।
कैसा होगा तृतीय विश्व युद्ध?
विश्व इतिहास के पन्नों में दो ऐसे युद्ध दर्ज किए जा चुके हैं, जिनके बारे में सोचकर आज भी मानवता काँप उठती है। पहला था, सन् 1914 में शुरु हुआ प्रथम विश्व युद्ध। कई मिलियन शवों पर खड़े होकर इस विश्व युद्ध ने पूरे संसार में भयंकर तबाही मचाई थी। चार वर्षों तक चले इस मौत के तांडव को आगामी सब युद्धों को खत्म कर देने वाला युद्ध माना गया था।
अपने संग चला लो, हे प्रभु!
जलतरंग- शताब्दियों पूर्व भारत में ही विकसित हुआ था यह वाद्य यंत्र। संगीत जगत का अनुपम यंत्र! विश्व के प्राचीनतम वाद्य यंत्रों में से एक। भारतीय शास्त्रीय संगीत में आज भी इसका विशेष स्थान है। इतने आधुनिक और परिष्कृत यंत्र बनने के बावजूद भी जब कभी जलतरंग से मधुर व अनूठे सुर या राग छेड़े जाते हैं, तो गज़ब का समाँ बँध जाता है। सुनने वालों के हृदय तरंगमय हो उठते हैं।
चित्रकला में भगवान नीले रंग के क्यों?
अपनी साधना को इतना प्रबल करें कि अत्यंत गहरे नील वर्ण के सहस्रार चक्र तक पहुँचकर ईश्वर को पूर्ण रूप से प्राप्त कर लें।
ठक! ठक! ठक! क्या ईश्वर है?
यदि तुम नास्तिकों के सामने ईश्वर प्रत्यक्ष भी हो जाए, तुम्हें दिखाई भी दे, सुनाई मी, तुम उसे महसूस भी कर सको, अन्य लोग उसके होने की गवाही भी दें, तो भी तुम उसे नहीं मानोगे। एक भ्रम, छलावा, धोखा कहकर नकार दोगे। फिर तुमने ईश्वर को मानने का कौन-सा पैमाना तय किया है?
आइए, शपथ लें..!
एक शिष्य के जीवन में भी सबसे अधिक महत्त्व मात्र एक ही पहलू का हैवह हर साँस में गुरु की ओर उन्मुख हो। भूल से भी बागियों की ओर रुख करके गुरु से बेमुख न हो जाए। क्याकि गुरु से बेमुख होने का अर्थ है-शिष्यत्व का दागदार हो जाना! शिष्यत्व की हार हो जाना!
अंतिम इच्छा
भारत की धरा को समय-समय पर महापुरुषों, ऋषि-मुनियों व सद्गुरुओं के पावन चरणों की रज मिली है। आइए, आज उन्हीं में से एक महान तपस्वी महर्षि दधीची के त्यागमय, भक्तिमय और कल्याणकारी चरित्र को जानें।
भगवान महावीर की मानव-निर्माण कला!
मूर्तिकार ही अनगढ़ पत्थर को तराशकर उसमें से प्रतिमा को प्रकट कर सकता है। ठीक ऐसे ही, हर मनुष्य में प्रकाश स्वरूप परमात्मा विद्यमान है। पर उसे प्रकट करने के लिए परम कलाकार की आवश्यकता होती है। हर युग में इस कला को पूर्णता दी है, तत्समय के सद्गुरुओं ने!
ठंडी बयार
सर्दियों में भले ही आप थोड़े सुस्त हो गए हों, परन्तु हम आपके लिए रेपिड फायर (जल्दी-जल्दी पूछे जाने वाले) प्रश्न लेकर आए हैं। तो तैयार हो जाइए, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए। उत्तर 'हाँ' या 'न' में दें।
Mental health blueprint
From moderating social media use to changing the way you work, the following expert-led advice will help you protect and understand your mental health better
Social Realism
Warren Chang breaks down his recent paintings capturing elements of life in California during the past two years
Young at Art
Harley Brown's fascinating things no one else will tell you
Louis Carr — Intimate Spaces and Youthful Portraits
Louis Carr is an artist based in Raleigh, North Carolina, who is well-known for his intimate and delicately rendered portrait and landscape paintings.
He Bought a Lighthouse
Randy Polumbo won the not-so-gently used 1899 Orient Point landmark in a government auction six years ago and turned it into an artists’ retreat.
Salman Toor
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Dusty Hill 1949-2021 – Top Man
When ZZ Top bassist Dusty Hill left us on July 27, he left a legacy like few others. Jamie Blaine pays tribute, and we revisit words of wisdom from Hill himself
Andi Arnovitz – Medical Exploration
"There are certain elements of the human form that immediately denote ” female.” The pelvis certainly suggests fertility, the womb, the center of life in its most graphic simplicity. Playing with this form, with bones that feel like lace, with blood that is at once terrifying and beautiful, I draw attention to the female form and its cycles". -Andi Arnovitz
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Carlos Santana’s long-time bassist Benny Rietveld reflects on a career at the front line of expression
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Want to learn the secrets of the universe? Then you’d better join us as we sit down with Stephen ‘Thundercat’ Bruner, the pre-eminent bassist of his generation. This one goes deep!