1) क्या आपका सुबह देर तक बिस्तर छोड़ने का मन नहीं करता?
2) क्या आजकल आप गरिष्ठ भोजन का सेवन बड़े चाव से कर रहे हैं?
3) क्या एक ज़माना हो गया है, आपको सूर्य देवता की गोद में बैठे हुए?
4) क्या आप नहाने का कार्यक्रम अक्सर एक दिन छोड़ कर करने लगे हैं?
5) क्या आप सैर पर जाने से कतराने लगे हैं?
6) क्या इन दिनों व्यायाम का आपने तर्पण कर दिया है?
7) क्या आप हर समय हीटर के आसपास रहना पसंद करते हैं?
यदि इस प्रश्नावली के किसी एक भी प्रश्न का उत्तर 'हाँ' में है, तो आपके लिए यह लेख बहुत फायदेमंद होने वाला है।
विज्ञान और आयुर्वेद ने सर्दियों को सबसे स्वास्थ्यवर्धक मौसम कहा है। परन्तु फिर भी इन दिनों अधिकतर लोग नाक पर रुमाल रखे हुए, छींक मारते हुए, शरीर में कहीं दर्द से कराहते हुए, बुखार से पीड़ित क्यों दिखाई देते हैं? क्योंकि इस मौसम में हमसे कुछ ऐसी छोटी-छोटी लापरवाहियाँ हो जाती हैं, जो हमारे शरीर को हानि पहुँचाती हैं। हमारी इन असावधानियों के कारण ही बीमारियाँ हम पर धावा बोल देती हैं। जैसे कि-
समय-प्रातः पाँच बजे! ट्रिन...ट्रिन...ट्रिन... विपिन जी अपनी रजाई में सिकुड़े-सिमटे हुए लेटे हैं। बड़ी मुश्किल से उन्होंने रजाई से अपना हाथ बाहर निकाला और अलार्म घड़ी बंद की। फिर शुरु हो गया संघर्ष उनके मन और बुद्धि के बीच।
मन- भला इतनी ठंड में कौन सैर के लिए जाता है!
बुद्धि- पर डॉक्टर ने तो कहा है कि बिना सैर के मेरा मोटापा कम नहीं हो पाएगा।
मन- बाहर कोहरा बहुत होगा... कोहरे में तो नहीं जाना चाहिए।
बुद्धि- ऑफिस में पूरा दिन एक सीट पर बैठकर निकालना है। चल उठ जा। सैर न सही, लेकिन घर पर ही थोड़ा व्यायाम कर ले... ट्रैडमिल पर ही खड़ा हो जा!
मन- अच्छा, अभी बस पाँच मिनट में उठता हूँ...
होता है न, सर्दियों में आए दिन ऐसा ही द्वंद्व हमारे मन और बुद्धि के बीच भी! और अक्सर देखा जाता है कि हमारा मन हमारी बुद्धि पर हावी हो जाता है। हम रजाई में दुबक कर, अलार्म बंद करके फिर सो जाते हैं। ठण्ड लग जाने के भय से सैर को और आलस में व्यायाम को तिलांजलि दे देते हैं। पर विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सैर व व्यायाम केवल गर्मियों में ही नहीं, सर्दियों में भी उतने ही आवश्यक हैं। इसलिए सर्दियों में-
1) आप गरम कपड़े अच्छी तरह पहनकर सैर पर जाएँ। लेकिन सुबह की ताज़ी हवा का लुत्फ ज़रूर लें और शरीर को तंदुरुस्त रखें।
2) यदि ज़्यादा ही ठंड है, धुंध/कोहरा हैतो घर में ही कुछ वार्म-अप (हल्के-फुल्के व्यायाम) कर लें।
3) लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
माँ- चलो चिंटू! नहाने चलो!
चिंटू- माँ, आज फिर... कल ही तो नहाया था। सर्दियों में रोज़ कौन नहाता है? आज मैं बस हाथ-मुँह धो लेता हूँ। पर उसके लिए पानी गर्म कर दो।
सच, सर्दियों में सबसे मुश्किल काम नहाना लगता है। यदि नहाते भी हैं, तो अत्यधिक गर्म पानी से! न नहाने के और अधिक गर्म पानी से नहाने के बहुत नुकसान हैं-
1) नहाने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity System) ) मजबूत रहती है। इसलिए प्रतिदिन नहाएँ।
2) नहाने से हमारा तंत्रिका तंत्र सक्रिय होता है, जिससे बीटा-एंडोर्फिन और नोरएड्रीनलिन हॉर्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है। इस कारण मानसिक अवसाद दूर होता है।
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एका बना वैष्णव वीर!
आपने पिछले प्रकाशित अंक (मार्च 2020) में पढ़ा था, एका शयन कक्ष में अपने गुरुदेव जनार्दन स्वामी की चरण-सेवा कर रहा था। सद्गुरु स्वामी योगनिद्रा में प्रवेश कर समाधिस्थ हो गए थे। इतने में, सेवारत एका को उस कक्ष के भीतर अलौकिक दृश्य दिखाई देने लगे। श्री कृष्ण की द्वापरकालीन अद्भुत लीलाएँ उसे अनुभूति रूप में प्रत्यक्ष होती गईं। इन दिव्यानुभूतियों के प्रभाव से एका को आभास हुआ जैसे कि एक महामानव उसकी देह में प्रवेश कर गया हो। तभी एक दरोगा कक्ष के द्वार पर आया और हाँफते-हाँफते उसने सूचना दी कि 'शत्रु सेना ने देवगढ़ पर चढ़ाई कर दी है। अतः हमारी सेना मुख्य फाटक पर जनार्दन स्वामी के नेतृत्व की प्रतीक्षा में है।' एका ने सद्गुरु स्वामी की समाधिस्थ स्थिति में विघ्न डालना उचित नहीं समझा और स्वयं उनकी युद्ध की पोशाक धारण करके मुख्य फाटक पर पहुँच गया। अब आगे...
'सुख' 'धन' से ज्यादा महंगा!
हेनरी फोर्ड हर पड़ाव पर सुख को तलाशते रहे। कभी अमीरी में, कभी गरीबी में, कभी भोजन में, कभी नींद में कभी मित्रता में! पर यह 'सुख' उनके जीवन से नदारद ही रहा।
कैसा होगा तृतीय विश्व युद्ध?
विश्व इतिहास के पन्नों में दो ऐसे युद्ध दर्ज किए जा चुके हैं, जिनके बारे में सोचकर आज भी मानवता काँप उठती है। पहला था, सन् 1914 में शुरु हुआ प्रथम विश्व युद्ध। कई मिलियन शवों पर खड़े होकर इस विश्व युद्ध ने पूरे संसार में भयंकर तबाही मचाई थी। चार वर्षों तक चले इस मौत के तांडव को आगामी सब युद्धों को खत्म कर देने वाला युद्ध माना गया था।
अपने संग चला लो, हे प्रभु!
जलतरंग- शताब्दियों पूर्व भारत में ही विकसित हुआ था यह वाद्य यंत्र। संगीत जगत का अनुपम यंत्र! विश्व के प्राचीनतम वाद्य यंत्रों में से एक। भारतीय शास्त्रीय संगीत में आज भी इसका विशेष स्थान है। इतने आधुनिक और परिष्कृत यंत्र बनने के बावजूद भी जब कभी जलतरंग से मधुर व अनूठे सुर या राग छेड़े जाते हैं, तो गज़ब का समाँ बँध जाता है। सुनने वालों के हृदय तरंगमय हो उठते हैं।
चित्रकला में भगवान नीले रंग के क्यों?
अपनी साधना को इतना प्रबल करें कि अत्यंत गहरे नील वर्ण के सहस्रार चक्र तक पहुँचकर ईश्वर को पूर्ण रूप से प्राप्त कर लें।
ठक! ठक! ठक! क्या ईश्वर है?
यदि तुम नास्तिकों के सामने ईश्वर प्रत्यक्ष भी हो जाए, तुम्हें दिखाई भी दे, सुनाई मी, तुम उसे महसूस भी कर सको, अन्य लोग उसके होने की गवाही भी दें, तो भी तुम उसे नहीं मानोगे। एक भ्रम, छलावा, धोखा कहकर नकार दोगे। फिर तुमने ईश्वर को मानने का कौन-सा पैमाना तय किया है?
आइए, शपथ लें..!
एक शिष्य के जीवन में भी सबसे अधिक महत्त्व मात्र एक ही पहलू का हैवह हर साँस में गुरु की ओर उन्मुख हो। भूल से भी बागियों की ओर रुख करके गुरु से बेमुख न हो जाए। क्याकि गुरु से बेमुख होने का अर्थ है-शिष्यत्व का दागदार हो जाना! शिष्यत्व की हार हो जाना!
अंतिम इच्छा
भारत की धरा को समय-समय पर महापुरुषों, ऋषि-मुनियों व सद्गुरुओं के पावन चरणों की रज मिली है। आइए, आज उन्हीं में से एक महान तपस्वी महर्षि दधीची के त्यागमय, भक्तिमय और कल्याणकारी चरित्र को जानें।
भगवान महावीर की मानव-निर्माण कला!
मूर्तिकार ही अनगढ़ पत्थर को तराशकर उसमें से प्रतिमा को प्रकट कर सकता है। ठीक ऐसे ही, हर मनुष्य में प्रकाश स्वरूप परमात्मा विद्यमान है। पर उसे प्रकट करने के लिए परम कलाकार की आवश्यकता होती है। हर युग में इस कला को पूर्णता दी है, तत्समय के सद्गुरुओं ने!
ठंडी बयार
सर्दियों में भले ही आप थोड़े सुस्त हो गए हों, परन्तु हम आपके लिए रेपिड फायर (जल्दी-जल्दी पूछे जाने वाले) प्रश्न लेकर आए हैं। तो तैयार हो जाइए, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए। उत्तर 'हाँ' या 'न' में दें।
Snow cool sculptures
Carve out a spot on your bucket list for the World Snow Sculpting Championship!
SMOKE Show
Looking for a COZY WINTER SCENT? Blends laced with the appealingly warm, earthy aroma of TOBACCO strike a surprisingly COMFORTING NOTE.
Winter Layers
In Karen Dudley's house, winter means cosy dinners starring seasonal vegetables given much the same treatment as her cold-weather wardrobe
Shape, Snip, Prune, Repeat
Famed British garden designer Arne Maynard trumpets the ornamental majesty of the topiary. Plus, a look at the showstopping forms throughout history and the master topiarists behind them all
Don't Judge Me... I LOVE TO SEW!
How the Bravo reality star and lawyer turned his school hobby into a legit business endeavor
Why Leaves Change Colour in Autumn
Have you ever wondered why certain trees change leaf colour in autumn, and why some leaves are more red or yellow than others? Let's explore this interesting topic.
Xi's Game
The Chinese leader wants to emerge from the Beijing Olympics as dictator for life
Epic Attractions
Past Winter Games venues keep the Olympic spirit alive for visitors.
Dorothea Wierer Opens up on Life Beyond Sport and "Free Time" Social media Indulgence
Doro is the most successful Italian biathlete holding a love for fashion and food with many of her 600,000 Instagram fans - a record for an active Italian winter athlete-hailing from other countries.
It's Tricky
American-born Eileen Gu is the face of China’s winter sports initiative, a sponsor’s dream, and a teenage daredevil who’s being very careful with controversy