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Religious-Spiritual

Jyotish Sagar

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इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ

सितासिते सरिते यत्र संगते तत्राप्लुतासो दिवमुत्पतन्ति। ये वे तन्वं विसृजति धीरास्ते जनासो अमृतत्वं भजन्ते ।।

6 min  |

January 2025
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कैसा रहेगा भारतीय गणतन्त्र के लिए 76वाँ वर्ष?

26 जनवरी, 2025 को भारतीय गणतन्त्र 75 वर्ष पूर्ण कर 76वें वर्ष में प्रवेश करेगा। यह 75वाँ वर्ष भारतीय गणतन्त्र के लिए कैसा रहेगा? आइए ज्योतिषीय आधार पर इसकी चर्चा करते हैं।

5 min  |

January 2025
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बारहवाँ भाव : मोक्ष अथवा भोग

किसी भी जन्मपत्रिका के चतुर्थ, अष्टम और द्वादश भाव को 'मोक्ष त्रिकोण भाव' कहा जाता है, जिसमें से बारहवाँ भाव 'सर्वोच्च मोक्ष भाव' कहलाता है। लग्न से कोई आत्मा शरीर धारण करके पृथ्वी पर अपना नया जीवन प्रारम्भ करती है तथा बारहवें भाव से वही आत्मा शरीर का त्याग करके इस जीवन के समाप्ति की सूचना देती है अर्थात् इस भाव से ही आत्मा शरीर के बन्धन से मुक्त हो जाती है और अनन्त की ओर अग्रसर हो जाती है।

10 min  |

December-2024
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रामजन्मभूमि अयोध्या

रात के सप्तमोक्षदायी पुरियों में से एक अयोध्या को ब्रह्मा के पुत्र मनु ने बसाया था। वसिष्ठ ऋषि अयोध्या में सरयू नदी को लेकर आए थे। अयोध्या में काफी संख्या में घाट और मन्दिर बने हुए हैं। कार्तिक मास में अयोध्या में स्नान करना मोक्षदायी माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहाँ भक्त आकर सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं।

2 min  |

December-2024
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जीवन प्रबन्धन का अनुपम ग्रन्थ श्रीमद्भगवद्गीता

यह सर्वविदित है कि महाभारत के युद्ध में ही श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था। यह उपदेश मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी (11 दिसम्बर) को प्रदत्त किया गया था। महाभारत के युद्ध से पूर्व पाण्डव और कौरवों की ओर से भगवान् श्रीकृष्ण से सहायतार्थ अर्जुन और दुर्योधन दोनों ही गए थे, क्योंकि श्रीकृष्ण शक्तिशाली राज्य के स्वामी भी थे और स्वयं भी सामर्थ्यशाली थे।

5 min  |

December-2024
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तरक्की के द्वार खोलता है पुष्कर नवांशस्थ ग्रह

नवांश से सम्बन्धित 'वर्गोत्तम' अवधारणा से तो आप भली भाँति परिचित ही हैं। इसी प्रकार की एक अवधारणा 'पुष्कर नवांश' है।

6 min  |

December-2024
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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी

गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

2 min  |

September 2024
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सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार

प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

5 min  |

September 2024
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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि

राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।

4 min  |

September 2024
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

5 min  |

September 2024
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वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति

प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

2 min  |

September 2024
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व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?

ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

5 min  |

September 2024
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श्रीगणेश नाम रहस्य

हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।

2 min  |

September 2024
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प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'

कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।

3 min  |

September 2024
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राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव

राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।

2 min  |

September 2024
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जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव

जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।

8 min  |

September 2024
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अपनों के दिए जख्मों का बोझ

ये इल्जाम उसकी पत्नी उस पर लगा रही थी । इस तरह पहली पत्नी से विनोद का तलाक हो गया और फिर एक वर्ष बाद उसने दूसरी शादी की और उस शादी को भी 20 माह खींचने की कोशिश की।

4 min  |

September 2024
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विघ्नविनाशक श्रीगणेश

अपनी तपस्या भंग होते देखकर वे कुपित हो गए और तुलसी को शाप दिया कि उसका विवाह किसी असुर से होगा। साथ ही, मेरी पूजा में तुम्हें कभी भी सम्मिलित नहीं किया जाएगा।

4 min  |

September 2024
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गाणपत्य सम्प्रदाय एक विहंगम दृष्टि!

हिन्दू धर्म परम्परा में पंच प्रधान देवों की उपासना हिन्दूधर्माधारित मुख्यत: पाँच सम्प्रदाय हुए हैं; ये हैं : शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य एवं सौर। ये सम्प्रदाय दीर्घकाल तक और विस्तृत क्षेत्र में प्रचलित होने के कारण प्रधानता रखते हैं। प्रत्येक सम्प्रदाय अपने आराध्य को परब्रह्म के रूप में उपासित करता हुआ अभिव्यक्त करता है और उसी से ही सृष्टि एवं अन्य देवी-देवताओं की उत्पत्ति मानता है।

8 min  |

September 2024
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क्यों चर्चा में है केदारनाथ धाम?

दिल्ली में केदारनाथ धाम!

2 min  |

September 2024
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अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव-2024 डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस कितनी सम्भावना है जीतने की?

योग एवं दशाओं की दृष्टि से देखें, तो कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की अच्छी उम्मीदवार साबित होंगी और वे न केवल ट्रम्प को कड़ी चुनौती दे पाएँगी, वरन् उनके जीतने की भी सम्भावना है।

2 min  |

September 2024
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हस्तरेखाओं से कुछ विशेष उपलब्धिकारक सूत्र

बृहदारण्यकोपनिषद् (1–45) में कहते हैं— 'आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः श्रोतव्यो मन्तव्यो निदिध्यासितव्यः।' अर्थात् अरे ! यह आत्मा ही देखने और जानने योग्य है, सुनने योग्य है, मनन करने योग्य है तथा ध्यान करने योग्य है। यानि आत्मा के सम्बन्ध में पहले सुनना होगा, उसके बाद मनन अर्थात् चिन्तन करना होगा। उसके बाद लगातार ध्यान करना होगा।

5 min  |

August 2024
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हँसी के बिना जीवन नहीं!

कुछ मत सोचिएगा, बस हँसिएगा। तब तक हँसते रहिएगा, जब तक आपके शरीर का प्रत्येक अंग हँसने नहीं लगे। हँसता हुआ ध्यान कीजिए, खिलखिलाता हुआ ध्यान।

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August 2024
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व्यावसायिक बिल्डिंग में अग्निकोण का पानी स्रोत बन्द कर देगा कारोबार!

किसी भी कॉमर्शियल भवन अथवा बिल्डिंग के अग्निकोण में स्थित गड्ढ़ा या फिर पानी होने से व्यापार पूरी तरह से ठण्डा हो जाता है, क्योंकि पानी का काम ही होता है, गर्मी अथवा ताप को शान्त करना, तो ऐसे में यह बहुत ही जरूरी हो जाता है, कि जब भी आप किसी फैक्ट्री, मॉल, कारखाना, इण्डस्ट्री, होटल, स्कूल, कॉलेज, शोरूम, सरकारी भवनों का निर्माण प्रारम्भ करते हैं, तो इनके अग्निकोण में किसी भी प्रकार का गड्ढ़ा अथवा कोई पानी का स्रोत नहीं होना चाहिए अन्यथा निर्माण के दौरान से लेकर निर्माण होने तक कई प्रकार की रुकावटें आती हैं।

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August 2024
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भगवान् विष्णु का अन्तिम अवतार कल्कि

वर्तमान में श्रावण शुक्ल षष्ठी का ही कल्कि जयन्ती के रूप में प्रचलन है। इस दिन भगवान् कल्कि के मन्दिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और भक्तगण उनकी स्तुति, मन्त्रजप, सहस्रनाम मन्त्र पाठ इत्यादि के द्वारा उन्हें प्रसन्न करते हैं।

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August 2024
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भारतीय खगोलशास्त्री वराहमिहिर

वराहमिहिर ईसा की पाँचवी-छठी शताब्दी में हुए थे। वे खगोलशास्त्री के साथ गणितज्ञ भी थे। वे मगध सम्राट् चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे। मान्यता है कि वराहमिहिर का जन्म 505 ई. में हुआ था और उनकी मृत्यु 587 ई. में हुई थी। वे अवन्तिका (उज्जैन) के निवासी थे। वे 'पंच सिद्धान्तिका' के लेखक थे। वराहमिहिर को ज्योतिष विद्या का भी अच्छा ज्ञान प्राप्त था।

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August 2024
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भगवान् शिव और श्रावण मास

सभी 12 महीनों का नाम 12 नक्षत्रों पर आधारित हैं और जिस तरह ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियाँ होती हैं, उसी तरह एक साल में 12 महीने भी होते हैं। श्रावण मास का नाम श्रवण नक्षत्र पर आधारित है। जब भी श्रावण मास अथवा श्रवण नक्षत्र का नाम आता है, तब श्रवण कुमार की निःस्वार्थ माता-पिता की भक्ति याद आ जाती है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्रदेव और देवता भगवान् विष्णु हैं। जब भगवान् विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि से तीन पग धरती माँगी थी, उस समय श्रवण नक्षत्र था।

6 min  |

August 2024
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भारतीय संस्कृति का मूलाधार श्रीकृष्ण

भीतर की जन्माष्टमी कौन मना पाएगा? वही जिसके भीतर कृष्ण रूपी चेतना का जन्म हो। कृष्ण चेतना का जन्म किसके भीतर होगा...?

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August 2024
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कुण्डली में बिजनेस में सफलता-संघर्ष के योग

जातक की जन्मपत्रिका में एकादश भाव, सप्तम भाव और बुध का कमजोर होना बिजनेस की सफलता में बाधक बनता है।

4 min  |

August 2024
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कर्मक्षेत्र में उन्नति दिलाने वाला जया योग

जया योग एक शुभ योग है और इस योग से यह निश्चित होता है कि जातक जीवन के सभी पहलुओं में अपने विरोधियों या प्रतिस्पर्धियों द्वारा निर्धारित किसी भी बाधा पर विजय प्राप्त करने में सक्षम रहेगा।

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August 2024