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Religious-Spiritual

Jyotish Sagar

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तन्त्र में पुरश्चरण विधान

मन्त्र का पुरश्चरण सामान्य क्रिया नहीं है, वरन् विशेष क्रिया है, जो गुरु की आज्ञा एवं उनकी कृपा पर निर्भर करती है। यह दीर्घकालिक और श्रमसाध्य प्रक्रिया है । इस सम्बन्ध में जानकारों का कहना है कि पुरश्चरण के आरम्भ में अनेक प्रकार की विघ्न और बाधाएँ आती हैं।

8 min  |

November 2025
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नवांश से विवाह विवेचन

विहंगमः पक्षद्वयेन भूषितः उड्डीयते व्योम्नि सुखेच्छ्या यथा। तथा गृहस्थस्य गृहस्य शोभा प्रजायते यत्र द्वयो अस्ति सौहृदः॥ अर्थात् जिस प्रकार एक पक्षी अपने दोनों पंखों के सहारे आकाश में सुखपूर्वक उड़ता है, उसी तरह पति और पत्नी दोनों के परस्पर प्रेम और सहयोग से ही गृहस्थ जीवन शोभायमान होता है।

10+ min  |

November 2025
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गुलजार जीवन यात्रा, ग्रह-योगों और दशाओं का साथ

समान्यतः माना जाता है कि परिवार का जैसा माहौल होता है, वैसा ही व्यक्ति का आचार-विचार, व्यवहार और यहाँ तक कि कॅरिअर भी बनता है।

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November 2025
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ज्योतिष की प्रमुख अवधारणा 'तिथि'

एकादशी का व्रत करने से क्रोध पर काबू पाया जा सकता है, क्योंकि मंगल क्रोध देने वाला ग्रह होने के साथ-साथ एकादशी का स्वामी भी है।

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November 2025
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सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित बुध एवं गुरु के फल

प्रस्तुत लेखमाला 'कैसे करें सटीक फलादेश?' के अन्तर्गत विगत दो अंकों से सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित ग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से मंगल तक के फलों का विवेचन कर चुके हैं। अब उसी क्रम में प्रस्तुत आलेख में सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित बुध एवं गुरु के भावजन्य, राशिगत, नक्षत्रगत, दृष्टिजन्य एवं युतिजन्य फलों का विवेचन किया जा रहा है।

8 min  |

November 2025
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जानें वह गुप्त हनुमत्साधना, जिसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया

महाभारत युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण जानते थे कि पाण्डवों का पक्ष निर्बल है, क्योंकि कौरवों के पक्ष में अजेय योद्धा भीष्म और द्रोणाचार्य के अलावा महारथी कर्ण, कृपाचार्य आदि भी थे, जिन्हें सामान्य शस्त्रों से पराजित करना सम्भव नहीं था।

2 min  |

November 2025
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नीचराशिस्थ मंगल के फल

जन्मपत्रिका में नीचराशिस्थ ग्रहों के फल : एक विस्तृत अध्ययन

9 min  |

November 2025
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सूक्ष्म शरीर एवं उसकी असीम शक्ति

भारतीय दर्शन के अनुसार देह के तीन भेद हैं—(1) स्थूल देह, (2) सूक्ष्म देह और (3) कारण देह। दिखाई देने वाला पार्थिव शरीर ही स्थूल शरीर है। इससे परे सूक्ष्म शरीर है। सूक्ष्म शरीर कैसा है? किन तत्त्वों से बना हुआ है और उनमें क्या विशेषताएँ हैं? उसके चारों ओर फैला आभामण्डल कैसा है? आदि विषयों पर विद्वानों ने विभिन्न मत प्रस्तुत किए हैं। विश्व के प्रायः सभी धर्म और सम्प्रदाय सूक्ष्म शरीर के अस्तित्व पर विश्वास करते हैं।

4 min  |

November 2025
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॥ आत्मदीपो भव ।।

दीपक ज्ञान एवं प्रकाश का सदैव से प्रतीक रहा है। दीपोत्सव पूर्व वैदिक काल से भारत ही नहीं, वरन् विश्व के अधिकांश भागों में मनाया जाता रहा है। आज से लगभग 3,000 वर्षों पूर्व विश्व की आदिम जातियाँ प्रकृति पूजक ही रही हैं। अग्नि ऊर्जा का रूप है, जिसका अधिदेवता सूर्यदेव को माना गया है। दीपोत्सव प्रकाशमय पर्व है। ज्योति अर्थात् प्रकाश की उपासना का उल्लेख भारतीय वाङ्मय वेदों में भी हुआ है। यथा;

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November 2025
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गुजरात की आस्था का अद्भुत तीर्थ डाकोर का रणछोड़राय मन्दिर

भारत भूमि पर अनगिनत तीर्थस्थल हैं, जहाँ केवल दर्शन ही नहीं वरन् आत्मा का शुद्धिकरण और आस्था का साक्षात्कार होता है। ऐसा ही एक पवित्र धाम है गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित डाकोर का श्री रणछोड़राय जी मन्दिर। भगवान् श्रीकृष्ण को 'रणछोड़राय' के रूप में यहाँ पूजित किया जाता है। इसलिए इस धार्मिक स्थल का इतिहास भक्ति और लोकजीवन का अनूठा संगम है। मान्यता है कि श्री रणछोड़राय जी मन्दिर के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

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November 2025
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बिना तोड़फोड़ वास्तुदोष निवारण का उपाय

वास्तुदोषनाशक यन्त्र पैकेज

3 min  |

November 2025
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तन्त्र का विज्ञान और उसके तत्त्व

जहाँ धर्म मौन है, वहाँ तन्त्र बोलता है, जहाँ विज्ञान ठहर जाता है, वहाँ तन्त्र चलता है। भारतीय संस्कृति के गर्भ में तन्त्र एक ऐसा रहस्यमय विज्ञान है, जिसे केवल ग्रन्थों से नहीं, अपितु अनुभूतियों से जाना जाता है। तन्त्र कोई अन्धविश्वास नहीं है, न ही यह केवल तान्त्रिकों की साधना का विषय है। यह एक ऐसा व्यवस्थित ज्ञान-विज्ञान है, जिसमें सृष्टि, शक्ति और साधक तीनों की गहराई में उतरने की क्षमता है। तन्त्र का शाब्दिक अर्थ है- 'तन्' (विस्तार) + 'त्र' (मुक्ति) अर्थात् 'विस्तार के माध्यम से मुक्ति'। यही तन्त्र का आधारभूत विज्ञान है।

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November 2025
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भूत-वर्तमान-भविष्य की जानकारी देने वाली कर्णपिशाची मन्त्र साधना

भविष्यवक्ता के रूप में प्रसिद्धि चाहने वाले लोग इस देवी की उपासना करते हैं ताकि वे भी भूत, वर्तमान एवं भविष्य की बातें जानकर न केवल अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें वरन् लोगों को चमत्कृत भी कर सकें।

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November 2025
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तन्त्रसारोक्त महागणेश मन्त्र साधना

यूँ तो गणेशजी के अनेक मन्त्र मिलते हैं। उनमें से कुछ अधिक लोकप्रिय हैं और प्रभावशाली माने जाते हैं। ऐसा ही एक मन्त्र 'महागणेश मन्त्र' है। यह मन्त्र 28 अक्षरों का है। इस मन्त्र-साधना से मनोकामना की पूर्ति होती है, समृद्धि में वृद्धि होती है तथा राजा भी वश में हो जाता है। यह मन्त्र-साधना गणेश चतुर्थी, दीपावली आदि विशेष मुहूर्तों से आरम्भ करनी चाहिए। इस का पुरश्चरण 4 लाख 44 हजार मन्त्र जप है। जिस दिन से साधना आरम्भ करनी है, उस दिन मन्त्र जप का संकल्प लेना चाहिए।

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November 2025
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प्रसिद्धि से भय तक केप्स कैफे की अनोखी कहानी

कनाडा के सरे नामक शहर के न्यूटन एरिया में प्रसिद्ध कॉमेडियन कपिल शर्मा ने 4 जुलाई, 2025 को 'केप्स कैफे' खोला। कैफे की अन्दरूनी साज-सज्जा हल्के गुलाबी रंग से हुई है, जिसमें सुन्दर सोफे और झूमर शामिल हैं, जो इसे एक खास और आकर्षक 'लुक' देते हैं। कैफे खुलने के बाद से ही स्थानीय लोगों के बीच यह कैफे काफी लोकप्रिय हुआ। खुलने के बाद से ही हमेशा इस कैफे पर चहल-पहल रहती थी।

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November 2025
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और जब हनुमान जी ने ताम्रपत्र निकाल कर दिया !

अचानक से मनुष्य के आकार-प्रकार का एक बन्दर घने वृक्ष से बावड़ी में कूद गया और कुछ पलों में बाहर आकर उसने एक...

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November 2025
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शत्रुबाधा शमन हेतु श्रीबगला-मृत्युंजय प्रयोग

कई बार शत्रु-बाधा इतनी घातक होती है कि व्यक्ति के शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए परेशानीदायक हो जाती है। तन्त्र-मन्त्र के हानिकारक प्रयोग से भी इस प्रकार की समस्याएँ शत्रु उत्पन्न कर देता है। ऐसी स्थिति में ईशाराधना के अलावा अन्य कोई विकल्प व्यक्ति के पास नहीं होता। शास्त्रों में इस प्रकार की समस्याओं के निवारण हेतु श्रीबगलामुखी महाविद्या एवं मृत्युंजय भगवान् को प्रभावशाली माना गया है। यदि इन दोनों की संयुक्त साधना की जाए, तो समस्या जड़मूल से समाप्त होती है। तन्त्रज्ञों के अनुसार इसके लिए त्रयक्षरी मृत्युंजय मन्त्र को श्रीबगलामुखी देवी के बीज मन्त्र से सम्पुटित कर जप करना चाहिए। साथ ही, मृत्युंजय स्तोत्र का भी इस मन्त्र को सम्पुटित कर पाठ करना चाहिए। संक्षेप में इसकी विधि निम्नानुसार है :

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November 2025
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सावित्री उपासना से विजय और कीर्ति प्राप्ति साधना विधान

सावित्री धनुर्वेद का महान् अंग हैं।

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November 2025
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रावण ने किस मुहूर्त में किया सीता जी का अपहरण और हो गया नष्ट?

'विन्द मुहूर्त' और उसके फल

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November 2025
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अन्नपूर्णेश्वरी मन्त्र प्रयोग!

माता अन्नपूर्णा साधक को धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं। शिव की अर्धांगिनी (शक्ति) अन्नपूर्णा के वाराणसी में निवास के कारण वहाँ कोई व्यक्ति भूखा नहीं मरता। धन-धान्य की प्राप्ति के लिए माँ अन्नूपर्णा की साधना की जाती है। प्रस्तुत है माँ अन्नपूर्णा की मंत्र साधना।

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November 2025
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मन्त्र साधना में न्यास का महत्त्व

साधना तब ही सफल हो सकती है, जब साधक स्वयं देवता बनकर जप करे। कहा गया है कि न्यास से देवत्व प्राप्त होता है और देवत्व प्राप्त होने के बाद जब मन्त्र साधना की जाती है, तब शीघ्र ही मन्त्र सिद्धि की प्राप्ति होती है। बिना न्यास के किए गए जप को आसुर जप तथा निष्फल कहा गया है। बिना न्यास करने पर की गई मन्त्र साधना में विघ्न बाधाएँ आती हैं। कुलप्रकाशतन्त्र में कथन है कि जो न्यास और कवच से सुरक्षित होकर मन्त्र जप करता है, उसको देखकर ही समस्त विघ्न भाग जाते हैं—

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November 2025

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रोमांच और उतार-चढ़ाव युक्त जीवनगाथा

एक योद्धा, सेना का स्वामी, किंगमेकर, जेल और 7 विवाह

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August 2025
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पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है "योग"

अपने व्यस्त जीवन के बीच हम अक्सर अपने पाचन तन्त्र के महत्त्व को नजरंदाज कर देते हैं। वह मुख्य कार्यकर्ता जो हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले पोषक तत्वों को अथक रूप से संसाधित करता है। हालाँकि, जब हमारा पाचन स्वास्थ्य लड़खड़ाता है, तो यह हमारे समग्र स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालता है।

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August 2025
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सुख-सम्पत्ति का रहस्य और नवग्रहों का प्रभाव

गृहसुख अर्थात् वह आनन्द और सन्तोष जो किसी व्यक्ति को अपने निवास स्थान, परिवार, जीवनसाथी, सन्तान और भौतिक सम्पत्ति से प्राप्त होता है। यह जीवन की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण जरूरत है।

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August 2025
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आत्मकारक ग्रह बनाम कर्मों की गठरी

शनि के आत्मकारक ग्रह होने की स्थिति में जातक को जीवनभर कठिन मेहनत करके संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषकर शनि की महादशा में अत्यधिक संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है।

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August 2025

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पूर्व दिशा में निर्मित भवन और उसका वास्तुशास्त्रीय महत्त्व

पूर्व दिशा में सात्विक कर्म करना शुभ माना गया है। इसलिए इस दिशा में मन्दिर निर्माण, पूजाघर, बच्चों की पढ़ाई का कमरा ( स्टडी रूम) इत्यादि का निर्माण करना शुभ माना गया है।

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August 2025
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थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मन्दिर दक्षिण की द्वारका में दर्शाती है चमत्कारी उपस्थिति

भारतभूमि अनेक ऋषि- मुनियों, देवी-देवताओं और अवतारों की लीलास्थली रही है। सतयुग से लेकर द्वापर युग तक भारतभूमि पर अनेक अवतार हुए हैं। इन्हीं अवतारों ने भारतभूमि पर कई चमत्कारी लीला रची हैं।

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August 2025
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बुद्धि जाग गई!

पूर्वजन्मों में किए कर्मों के आधार पर मिला वर्तमान जन्म, अपने उस कर्म को सिद्ध करके ही रहता है, जिसके लिए जातक का जन्म हुआ है और बुरा, कष्टदायक, शुभ और सफलतादायक समय उसके लिए ही परिचायक होता है।

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August 2025
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9 को है रक्षाबन्धन जानें कब बँधेगी राखी?

भारत में रक्षाबन्धन का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

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August 2025

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जोहरान ममदानी अमेरिका में उभरता भारतीय मूल का राजनेता

भारतीय मूल एवं युगाण्डा में जन्मे अमेरिकन राजनेता जोहरान ममदानी इन दिनों चर्चा में हैं।

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August 2025