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सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित शुक्र एवं शनि के फल

Jyotish Sagar

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December 2025

प्रस्तुत लेखमाला 'कैसे करें सटीक फलादेश?' के अन्तर्गत विगत तीन अंकों से सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित ग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से गुरु तक के फलों का विवेचन कर चुके हैं।

सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित शुक्र एवं शनि के फल

अब उसी क्रम में प्रस्तुत आलेख में सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित शुक्र एवं शनि के भावजन्य, राशिगत, नक्षत्रगत, दृष्टिजन्य एवं युतिजन्य फलों का विवेचन किया जा रहा है।

सिंह लग्न के नवम भाव में स्थित शुक्र के फल

सिंह लग्न में शुक्र तृतीयेश और दशमेश होकर अकारक होता है। नवम भाव में तृतीयेश-दशमेश की उपस्थिति प्रायः अशुभ नहीं मानी जाती। वैसे भी नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह शुक्र की त्रिकोण भाव नवम में उपस्थिति प्रायः शुभ फलदायक होती है। जातक को पिता का सुख पर्याप्त मिलता है। जातक धार्मिक एवं अपनी संस्कृति में आस्था रखने वाला होता है। सामान्यतः जातक शक्ति उपासक होता है। ऐसा जातक मन्त्र-स्तोत्र आदि के माध्यम से अपनी पूजा-उपासना करता है। कर्मकाण्ड की ओर उसका अधिक रुझान होता है।

तृतीयेश का नवम भाव में सम ग्रह की राशि में स्थित होना भाई-बहिनों के सुख आदि की दृष्टि से अनुकूल कहा जा सकता है। यहाँ स्थित शुक्र अपने भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है, जिसके चलते उसे तृतीय भाव से सम्बन्धित शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

दशमेश का अपने से द्वादश भाव नवम में स्थित होना कॅरिअर आदि की दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता, परन्तु दशमेश शुक्र यदि योगकारक मंगल, लग्नेश सूर्य अथवा पंचमेश गुरु के साथ सम्बन्ध बनाता है, तो राजयोग का निर्माण करता है, जिसके प्रभाव से कॅरिअर और जीवनस्तर बेहतर होता है।

दृष्टिजन्य फल : नवम भावस्थ शुक्र अपनी पूर्ण दृष्टि से अपने भाव तृतीय को देखता है, जिसके फलस्वरूप उसे भाई-बहिनों का सुख प्राप्त होता है। ऐसा जातक अपने गुरुओं की सेवा करने वाला और उनके उपदेशों का पालन करने वाला होता है।

नक्षत्रगत फल : सिंह लग्न के नवम भाव में शुक्र अश्विनी, भरणी अथवा कृत्तिका नक्षत्र में स्थित हो सकता है। यदि शुक्र अश्विनी नक्षत्र में स्थित हो, तो जातक को भाई-बहिनों से सम्बन्धित रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।

यदि शुक्र भरणी नक्षत्र में स्थित हो, तो कॅरिअर आदि की दृष्टि से शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही, भाई-बहिनों का पर्याप्त सुख मिलता है।

यदि शुक्र कृत्तिका नक्षत्र में स्थित हो, तो कॅरिअर की दृष्टि से सामान्यतः शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा जातक विनम्र और उदार होता है।

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