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धर्म - अध्यात्म,आयुर्वेद - स्वास्थ्य एवं ज्योतिष - संस्कृति की मासिक पत्रिका साधना पथ के नवंबर अंक में आप पढ़ सकते हैं -

धर्म-अध्यात्म
पंच पर्वों का महापर्व दीपावली
लक्ष्मी के साथ गणेश आराधना क्यों?
कैसे करें लक्ष्मी पूजन
रंग-बिरंगी आतिशबाजी का सफर
जीवन में ज्योति का संचार करता- दीपक
अटूट स्नेह और विश्वास का बंधन है भाई-दूज
विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली
लक्ष्मी को प्रिय उल्लू, कौड़ी और कमल
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्घा की छटा का पर्व 'छठ'
सूर्योपासना एवं श्रद्घा के चार दिन
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम है सत्य: नानक
गुरु नानक एवं उनसे जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब
उह हंस अकेला जाइ
भारत में सूर्योपासना एवं सूर्य मन्दिर
दान पुण्य का अक्षय फल देता अक्षय नवमी
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कैसे करें दीपावली पर बहीखाता, तराजू व कलम का पूजन?

स्वास्थ्य
आसनों से जुड़े नियम व सावधानियां
स्वाद ही नहीं, सेहत भी जरूरी
पौष्टिïक एवं संतुलित आहार से पाएं दीर्घाय.
स्वस्थ शरीर के लिए प्रकृति का अनंत वरदान है धूप
सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं.
ताकि बनी रहे आंखों की ज्योति

गुरुवाणी
धर्म की साधना होती है, शिक्षा नहीं
मृत्यु अंत नहीं अगल चरण है
मन की भूख अपार है
जीवन का उज्ज्वल पक्ष है आत्मज्ञान
मानसिक व्यसन की प्रवृति

ज्योतिष - वास्तु
दीपावली में रखें वास्तु का ख्याल
वास्तु के अनुसार जल का स्थान
पंचांग

अन्य
बाल मजदूरी की आग में झुलसता बचपन
देश का भविष्य हैं बच्चे: पंडित नेहरू
सफरनामा मिट्टी के बर्तनों का
धार से कम न हो जीवन की रफ्तार

पंच पर्वो का महापर्व दीपावली

दीपावली यानी आनन्द और उल्लास का उत्सव तथा प्रकाश का पर्व । दीपावली का पर्व धन-प्राप्ति अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है लेकिन दीपावली का महान पर्व अकेले ही नहीं आता है, इसके साथ ही आते हैं पांच महान पर्व, जिन्हें हम पंचपर्व के रूप में मनाते हैं। इन पंच पर्वो का हिन्दू धर्म में महत्त्व जानें इस लेख से।

पंच पर्वो का महापर्व दीपावली

1 min

कैसे करें लक्ष्मी पूजन

दिवाली पर भगवान गणेश, विष्णु, कुबेर, बही-रवाता के पूजन की परंपरा है, लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी को धन एवं समृद्धि की देवी कहा जाता है। जिस घर में लक्ष्मी का अनादर होता है, वहां दरिद्रता घर कर लेती है। जानें इस लेख से लक्ष्मी पूजा की विधि।

कैसे करें लक्ष्मी पूजन

1 min

रंग-बिरंगी आतिशबाजी का सफर

रंग-बिरंगी आतिशबाजियां हर खुशी के मौके को और भी रंगीन कर देती हैं। लेकिन इन आतिशबाजियों की परंपरा कब, कहां और कैसे शुरू हुई, जानते हैं इस लेख से।

रंग-बिरंगी आतिशबाजी का सफर

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जीवन में ज्योति का संचार करता - दीपक

दीपक का प्रकाश जहां जीवन से अंधकार दूर करता है वहीं शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। वैदिक काल से ही भारतीय दर्शन में पूजा में दीपक की अहम भूमिका रही है जो आज तक कायम है विशेषकर दीपावली में दीयों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। विस्तार से जानें इस लेख से।

जीवन में ज्योति का संचार करता - दीपक

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विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली

दीपावली के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक दीपों की जगमगाहट और पटारवों की गूंज होती है। लेकिन यह त्योहार सरहद और सात समंदर पार भी उसी उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। कहां और कैसे, जानें लेख से।

विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली

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एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व'छठ'

छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर रवींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना...यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।

एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व'छठ'

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सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम है सत्यः नानक

सिखों के प्रथम गुरु थे नानक । अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है । गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है । संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।

सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम है सत्यः नानक

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भारत में सूर्योपासना एवं सूर्य मन्दिर

जीवन का आधार एवं शक्ति प्रदाता सूर्य है, ऐसा वर्णन करती अनेक ऋचाएं वेदों में आती हैं। भारतीय महाद्वीप में भी सूर्य उपासना की युगों पुरानी परंपरा के दर्शन सूर्य मंदिरों में होते हैं।

भारत में सूर्योपासना एवं सूर्य मन्दिर

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बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है । बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा

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स्वाद ही नहीं, सेहत भी जरूरी

त्योहारों का मौसम आते ही तरह-तरह के पकवानों का भी दौर शुरू हो जाता है, लेकिन त्योहारों के मौसम में अपने खान-पान और सेहत पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है नहीं तो कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

स्वाद ही नहीं, सेहत भी जरूरी

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सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं

बढ़ते वजन और मोटापे से आज हर दूसरा व्यक्ति ग्रस्त है । वयस्क से लेकर छोटे बच्चे भी इस कतार में शामिल हैं। अस्त-व्यस्त जीवनशैली भी बढ़ते मोटापे का एक कारण है। कुछ आसान तरीकों को अपनाकर हम अपना शरीर सुडौल बना सकते हैं। कैसे, जानें इस लेख से।

सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं

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ताकि बनी रहे आँखों की ज्योति

यदि आखें न हों...ये सोचकर ही दिमाग में अंधेरा छाने लगता है, आखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इसीलिए जरूरी है समय के साथ उनकी पूरी देखभाल करना, जानिए कैसे?

ताकि बनी रहे आँखों की ज्योति

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बाल मजदूरी की आग में झुलसता बचपन

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकलन के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 12 करोड़ बाल श्रमिक हैं जिनमें से अकेले भारत में ही 3 करोड़ बाल श्रमिक हैं। सबसे अधिक बाल श्रमिक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो प्रायः बंधुआ मजदूर के रूप में रखेतों में या ईंट भट्ठों पर कार्य करते हैं।

बाल मजदूरी की आग में झुलसता बचपन

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देश का भविष्य हैं बच्चेः पंडित नेहरू

14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाए या फिर नेहरू जयंती, दोनों ही एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को जितना प्रेम अपने राष्ट्र से था उतना ही राष्ट्र के भविष्य कहे जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से भी था। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।

देश का भविष्य हैं बच्चेः पंडित नेहरू

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कैसे करें दीपावली पर बहीखाता, तराजू व कलम का पूजन?

व्यापार से मनुष्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। यदि व्यापार चल जाये तो मनुष्य धनी बन जाता है और यदि नुकसान हो जाये तो बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कैसे करें दीपावली पर बहीखाता, तराजू व कलम का पूजन?

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धर्म की साधना होती है, शिक्षा नहीं

इस दुनिया में दो-तीन अरब लोग हैं। चार-छः अरब आंखें हैं। एक अंधे आदमी की दो आंखों का जो मूल्य है, वह छ: अरब आंखों का नहीं है। मैं आपसे यह कहना चाहूंगा। अपने भीतर श्रद्धा की जगह विवेक को जगाने के उपाय करने चाहिए और विवेक को जगाने के क्या नियम हो सकते हैं, उस संबंध में थोड़ी-सी बात आपसे कहूं।

धर्म की साधना होती है, शिक्षा नहीं

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Sadhana Path Magazine Description:

EditorDiamond Magazines Pvt. Ltd

CategoríaHealth

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Sadhna Path is a health and wellness magazine which also covers spirituality and ayurveda in collaboration with Sadhna Channel. Sadhna Path is an endeavour taken under the aegis of Diamond magazines, to make discerning and callous people stop aping the West blindly and realise their country's worth. It is a monthly Hindi transformative magazine being published for the last eight years, covering religion, astrology, spirituality, vaastu and Feng Shui. It is a complete magazine for your mind, body and soul.

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