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जग कल्याण के लिए अवतरित हुए थे भगवान झूलेलाल
यह हिन्दुस्तान की खूबसूरती ही है कि यहाँ सभी मजहबों के तीज-त्योहार उत्साह, सदभाव, आस्था के साथ मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है झूलेलाल जयंती। भारत और पाकिस्तान के साथ ही दुनिया भर में जहां भी सिंधी समाज के लोग रहते हैं वो झूलेलाल जयंती पूरे उत्साह के साथ मनाते है।
अदालत की बेंच की तरह काम करता है चुनाव आयोग
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे ने आयोग के भीतर सर्वसम्मति से होने वाले कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए। वैसे, कुछ बरसों के अंतराल में संस्था के भीतर गंभीर मतभेद सामने आते रहे हैं।
भाजपा के राजनीतिक करिश्मे के कर्णधार अटल बिहारी वाजपेयी
पूर्व सांसद एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा देश में जनसंघ का पहला अपना निजी कार्यालय जो ग्वालियर में बना था, उसमें रहता था, मैं भी स्वर्गीय शेजवलकर जी के साथ बैठक में बतौर पत्रकार चला गया।
धर्म आधारित आरक्षण में सेंधमारी का मुद्दा
अल्पसंख्यका बनाम मुस्लिमों को पिछड़ों, दलित और आदिवासियों के संविधान में निर्धारित कोटा के अंतर्गत 4.5 प्रतिशत आरक्षण देने की केंद्र सरकार की मंशा रही थी। लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप के चलते इस मंशा को पलीता लग गया था।
बंगाल में इस बार रोचक होगा चुनावी मुकाबला
यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का पहला अवसर है जब किसी राजनीतिक दल के सांसदों ने चुनाव आयोग का दरवाजा इसलिए खटखटाया कि केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई ईडी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदल जाए।
राजनीतिक बयानों की चल रही है आंधी
देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों में बयानों की आंधी सी चल रही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने आपको आम जनता का हितैषी सिद्ध करने का प्रचार कर रहे हैं। इन बयानों में कहीं कहीं राजनीति की मर्यादा का भी उल्लंघन भी होता दिख रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दल अपने अपने हिसाब से ढोल पीटकर जनता को अपने पाले में लाने की कवायद कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि राजनीतिक दलों द्वारा जो बयान दिए जा रहे हैं, वह देखने में तो ऐसा ही लगता है कि यह सब बातें अप्रमाणिक सी लगती हैं।
अन्नामलाई की भाजपा को दक्षिण में कमल खिलाने की गारंटी?
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इस धारणा को बदल दिया है और फिर पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलाई को तमिलनाडु का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद द्रविड़ पार्टी के प्रभुत्व वाले दक्षिणी राज्य में बीजेपी की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
देश में 83 प्रतिशत है बेरोजगारी!
हालांकि हम लोग एक भयावह रूप से हिंसाग्रस्त विश्व में जी रहे हैं, वह जिसमें लगातार होने वाले युद्ध, सैन्यीकरण, नए किस्म का अधिनायकवाद, बढ़ती आर्थिक असमानता, पर्यावरण संकट और सामाजिक कारणों से बना मानसिक संताप इसका चरित्र बन गया है और मानो इन सबके बीच 'खुशी' ढूंढ़ना एक अनन्त खोज बन गई है।
नौ शक्तियों का मिलन पर्व है नवरात्रि
रतीय समाज में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है, जो आदि शक्ति की पूजा का पावन पर्व है। नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित हैं और इसीलिए नवरात्रि को नौ शक्तियों के मिलन का पर्व भी कहा जाता है।
भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना ही संघ का है मुख्य लक्ष्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में दिनांक 15 से 17 मार्च 2024 को सम्पन्न हुई है। इस बैठक में पूरे देश से 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और श्रीराम मंदिर से राष्ट्रीय पुनरुत्थान की ओर विषय पर एक प्रस्ताव भी पास किया गया।
सीएम हाउस में हनुमान जयंती पर विशेष पूजा, सीएम साय ने सपरिवार की पूजा-अर्चना
सालों बाद मंगलवार को हनुमान जयंती पड़ी है। इसके चलते श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी मंगलवार को सुबह सीएम निवास पर हनुमान जी की पूजा अर्चना की।
पानी की बूंद-बूंद सहेजने की मानसिकता बनाए देश
इस बार भी अनुमान है कि मानसून की कृपा देश पर बनी रहेगी। ऐसा बीते दो साल भी हुआ उसके बावजूद बरसात के विदा होते ही देश के बड़े हिस्से में बूंद-बूंद के लिए मारामारी शुरू हो जाती है। मानना चाहिए कि जल स्रोत तो बारिश ही है और जलवायु परिवर्तन के कारण साल दर साल बारिश का अनियमित होना, बेसमय होना और अचानक तेजगति से होना घटित होगा ही। आंकड़ों के आधार पर हम पानी के मामले में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा समृद्ध हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि पूरे पानी का कोई 85 फीसदी बारिश के तीन महीनों में समुद्र की ओर बह जाता है और नदियां सूखी रह जाती हैं। यह सवाल देश में हर तीसरे साल खड़ा हो जाता है कि \"औसत से कम\" पानी बरसा या बरसेगा, अब क्या होगा?
विकसित भारत की रूपरेखा है भाजपा का संकल्प पत्र
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार आने के बाद भाजपा अपने महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक संकल्पों को एक के बाद एक पूरा कर रही है। अयोध्या में दिव्य भव्य एवं नव्य राम मंदिर का निर्माण और उसमें भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। अयोध्या विश्व के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर तीव्रता के साथ उभर रहा है और सनातन का वैश्विक उभार हो रहा है।
पतंजलि के विज्ञापनों को लेकर सुको को एतराज
पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों की तार्किकता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जारी कानूनी लड़ाई ने अनेकानेक कारणों से काफी जिज्ञासा जगाई है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पतंजलि के कर्ता-धर्ताओं बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अदालत की अवमानना के लिए निजी तौर पर पेश होकर बार-बार माफी मांगने पर जोर देना अभूतपूर्व है।
गहराते जल-संकट से जीवन एवं कृषि खतरे में
भारत भर में 150 प्रमुख जलाशयों में जल स्तर वर्तमान में 31 प्रतिशत है, दक्षिण भारत में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जिसके 42 जलाशय वर्तमान में केवल 17 प्रतिशत क्षमता पर हैं। यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में देखी गई सबसे कम जल क्षमता का प्रतीक है।
मस्ती में सरोबार होकर मनाते हैं राजस्थान में होली
होली के अवसर पर राजस्थान के विभिन्न शहरों में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं। राजस्थान में होली के विविध रंग देखने में आते हैं। होली के दिनों में जयपुर के इष्टदेव गोविंद देव मंदिर में नजारा देखने लायक होता है।
सीएए नागरिकता देने का कानून है, न कि छीनने का
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लेकर पूरे देश में एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। इससे पहले भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई बार विवाद देखने को मिल चुके हैं। इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा थी कि नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए कब अमल में आएगा।
गठबंधन में उलझनों से आसान होती भाजपा की राह
इंडिया गठबन्धन लगातार कमजोर होता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए में नये दलों के जुड़ने की खबरों से उसके बड़े लक्ष्य के साथ जीत की राह आसान होती जा रही है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के साथ 400 सीटें जीतने का लक्ष्य निश्चित किया है।
सीएए पर भ्रम की राजनीति के निहितार्थ
भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद एक बार फिर से राजनीतिक गुणा भाग का खेल प्रारंभ हो गया है। तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले राजनीतिक दल इस मामले में पूर्व नियोजित राजनीति ही कर रहे हैं।
अठारहवीं बार बिसात पर भारत का लोकतंत्र
भारत का लोकतंत्र अठारहवीं बार बिसात पर है। लोकतंत्र को जीतने के लिए बाजियां लग रहीं है। कोई जान की बाजी लगा रहा है तो कोई ईमान की बाजी लगा रहा है। किसी ने आँखें खोलकर बाजी लगाने की तैयारी की है तो कोई आँखें बंद कर ब्लाइंड खेलने पर आमादा है।
क्या कारण है कांग्रेस की मंद होती रोशनी के?
देश की सबसे पुरानी एवं मजबूत कांग्रेस पार्टी बिखर चुकी है, पार्टी के कद्दावर, निष्ठाशील एवं मजबूत जमीनी नेता पार्टी छोड़कर अपनी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी पार्टी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं, वह भी तब जब लोकसभा चुनाव सन्निकट है।
लोकगीतों के संग चढ़ता है होली का रंग!
होली का रंग चढ़ने लगा है, हर कोई मदमस्त होने लगा है। प्रकृति भी खिली खिली दिखने लगी, मौसम मे गर्माहट सी होने लगी पर होली पर हुड़दंग ठीक नहीं है। होली पर बदरंगता ठीक नहीं है, होली पर होली रहना जरूरी है। बुराईयों से मुक्ति पाना जरूरी है जो भी विकार बचे है जला दो होली में आत्मा का परमात्मा से योग लगा लो होली में।
जागरूक मतदाता के हाथ हो राजनीति की नकेल
देश के मतदाताओं के मन की बात जानने का दावा करने वालों अथवा अनुमान लगाने वालों का, मानना है कि आज की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आम चुनाव में भाजपा को आसानी से बढ़त मिलने की संभावना है।
यूपी के चुनावी चक्रव्यूह में फंसे राजनीतिक दल
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर पूरे देश मे कौतुहल दिखाई दे रहा है। लोकसभा सीटों के हिसाब से सबसे बड़े राज्य यूपी में मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले में एक तरफ एनडीए के तले मोदी की 'सेना' जीत की हुंकार भर रही है तो दूसरी ओर राहुल गांधी के अगुवाई में 'इंडी' गठबंधन ताल ठोक रहा है।
कांग्रेस से पलायन को लेकर गंभीर क्यों नहीं हैं आलाकमान?
कांग्रेस के दिग्गज एवं कद्दावर नेताओं में नाराजगी, हताशा एवं राजनीतिक नेतृत्व को लेकर निराशा के बादल लगातार मंडरा रहे हैं, पार्टी लगातार बिखराव एवं टूटन की ओर बढ़ रही है। पार्टी में उल्टी गिनती चल रहा है, लेकिन आश्चर्य इस बात को लेकर है कि इस उल्टी गिनती को रोकने के लिए कोई मजबूत उपाय नहीं हो रहे हैं।
चुनावी बांड मामले में 'सुप्रीम' फैसला है स्वागतयोग्य
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आखिरकार भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड खरीद का विस्तृत डेटा अदालत को पेश कर ही दिया। साथ ही यह भी सार्वजनिक कर दिया कि इन इलेक्टोरल बांड के माध्यम से किस राजनैतिक दल को कितने पैसे प्राप्त हुये।
कांग्रेस राज में शराब के दो काउंटर, एक भूपेश और दूसरा सोनिया-राहुल का सीएम साय बोले - कांग्रेस डूबती हुई जहाज
पिछली कांग्रेस की भूपेश राज में भ्रष्टाचार और शराब घोटाले के दो काउंटर थे। एक राज्य सरकार यानी भूपेश बघेल का और दूसरा सोनिया-राहुल गांधी का। भूपेश सरकार ने करप्शन की सारी हदें पार कर दी थी।
ईमानदार राजनीति के परसेप्शन पर भ्रष्टाचार का तड़का
याद कीजिए! अप्रैल 2011 में दिल्ली के जंतर मंतर पर \"जन लोकपाल विधेयक\" के लिए महाराष्ट्र के रालेगांव सिद्धि निवासी, समाजसेवी गांधीवादी बाबूराव हजारे जो अन्ना हजारे के नाम से जाने जाते हैं, का \"इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप\" के बैनर तले भ्रष्टाचार के विरुद्ध, गैर राजनैतिक, अहिंसा वादी आंदोलन लगभग चार महीने सफलतापूर्वक चला।
सांस्कृतिक स्वाभिमान और आर्थिक आत्मनिर्भरता से समृद्धता की पहल
मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की नगरी उज्जयिनी अब आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक इतिहास रचने जा रही है।
कितना सार्थक है भारतीय रेल में निजी ठेकेदारों की भागीदारी
भारतीय रेल ने कुछ वर्षों पहले रेल यात्रियों को सुलभ और साफ सुथरे डिब्बों के साथ आरामदेह सफर बनाने के लिए निजी ठेकेदारों की भागीदारी से 'ऑनबोर्ड हाऊसकीपिंग सर्विसेज' शुरू की थी। माह अक्टूबर 2023 में इस सेवा में बरती जा रही लापरवाही को 'ओपन आई न्यूज' ने प्रकाशित किया था और इस मामले का अनुसरण करते हुए पत्रिका ने उच्च स्तर पर मामला पहुंचाने के साथ-साथ 'सूचना का अधिकार एक्ट' के जरिए अंदर की हकीकत जानने का प्रयास किया। आरटीआई के तहत जो दस्तावेज हासिल हुए वे काफी रोचक और आश्चर्यजनक होने के साथ-साथ ये भी सवाल खड़े करते हैं कि क्या वाकई यात्रियों के लिए बनी सेवाओं को भारतीय रेल से छीनकर निजी हाथों में सौंपने का भारतीय रेल मंत्रालय का फैसला सही था? क्या निजी हाथों में ये सेवाएं देना सार्थक सिद्ध हुआ है?