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गर्व के साथ आत्ममंथन का अवसर भी है स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्र शब्द का सीधा अर्थ है 'अपना तंत्र'। राजनीतिक संदर्भ में स्वतंत्रता समाज के अपने बनाए हुए तंत्र का अर्थ व्यक्त करती है।
जलवायु संकट पर सख्ती से ध्यान देने की जरूरत
कुछ दिनों पहले 'वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम्स' नामक जर्नल में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक पर्चे में 1970 से लेकर 2019 तक के जलवायु आंकड़ों का इस्तेमाल करके यह निष्कर्ष निकाला गया था कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण देश में मृत्यु दर में 94 फीसदी की कमी (पिछले 20 वर्षों में) आई है जबकि मृत्यु दर में तेज़ गर्मी के कारण 62.2 फीसदी और आकाशीय बिजली गिरने के कारण 52.8 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
हमने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम किया : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में बीते साढ़े तीन साल में परिस्थितियां बदली हैं। हर वर्ग के आय को बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है।
सुखद होती भारतीय एथलेटिक्स की तस्वीर
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी पिछले कुछ समय से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
देश में संसदीय शब्दावली का मुद्दा
पता नहीं अब संसद में 'भ्रष्ट' या 'तानाशाही' जैसे शब्द सुनाई देंगे या नहीं और यह भी नहीं कह सकते कि सांसद यदि इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो इनकी जगह कौन-से शब्द काम में लेंगे, पर यह तय है कि संसद के वर्तमान सत्र में इन और ऐसे शब्दों को लेकर कुछ बहस जरूर होगी।
हर घर तिरंगा के जश्न में डूबा पूरा देश
पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है।
सरकारी नजरअंदाजी+लापरवाही = भीषण अग्निकांड
हाल ही में जितने अग्निकांड प्रदेश में हुए हैं, उससे दो महत्वपूर्ण तथ्य तो सामने आ गए कि जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों ने फायर एन.ओ.सी को जबरदस्त तरीकों से नजरअंदाज किया और फिर संस्थानों ने अग्नि सुरक्षा को लेकर भारी लापरवाही बरती। नतीजा भीषण अग्निकांड के रूप में सामने आया। अभी तो नगर निगम और प्रशासन अस्पतालों की जांच में लगा है, क्योंकि वहां हादसे हुए है। जबकि अग्नि सुरक्षा नियम सिर्फ अस्पतालों में नहीं बल्कि होटल, रेस्टोरेंट, आवासीय एवं व्यवसायिक भवन, कोचिंग सेंटरों तथा अन्य संस्थानों पर भी लागू है पर इन पर सरकार का ध्यान तब तक नहीं जाएगा, जब तक वहां कोई भीषण अग्निकांड नहीं होगा!
नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का बढ़ता दायरा
नरेन्द्र मोदी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। मोदी की विदेश यात्राओं में इसकी झलक भी मिलती है।
निवेशकों को पसंद आ रहा उत्तरप्रदेश
कोरोना काल के बाद जब निवेशक समाज बहुत सोचसमझकर और फूंक-फूंककर निवेश कर रहा है, तब उत्तर प्रदेश में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा हो चुका है।
... तो भारत भी बढ़ सकता है श्रीलंका एपीसोड की ओर
मानसून का आगमन हो चुका है। देश के कई राज्यों में बारिश और बाढ़ के प्रलयकारी दृश्य देखे जा रहे हैं।
कैसे सहेजा जाएगा बारिश का पानी?
कुछ वर्ष पहले नेचर कंजरवेंसी ने साढ़े सात लाख से अधिक जनसंख्या वाले दुनिया के 500 शहरों के जलगत ढांचे का अध्ययन कर एक निष्कर्ष निकाला था जिसमें राजधानी दिल्ली पानी की कमी से जूझ रहे विश्व के 20 शहरों में दूसरे स्थान पर रही जबकि जापान की राजधानी टोक्यो पहले पर थी।
माननीया द्रौपदी मुर्मू क्या भारतीयों की राष्ट्रपति बन रही है या सिर्फ 'आदिवासियों' की?
महामहिम 'द्रौपदी मुर्मू' के भारत की अगली राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना को देखते हुए उन्हें हार्दिक अग्रिम बधाइयां।
कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से मुश्किलें और बढ़ जायेंगी
देश के किसी भी व्यक्ति को जाति, धर्म और भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का दर्जा देना अपने आप में गलत है।
जी - 7 देशों के सम्मेलन में भी भारत का डंका
संवाद और मेल-मिलाप की अपनी ताकत होती है। मिल-बैठकर बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और बड़े से बड़े तनाव पर शांति की मिट्टी डाली जा सकती है।
चिकित्सक सम्मान के सबसे बड़े हकदार
कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर में चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा करते नजर आए।
बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का हुआ खुलासा
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के वर्तमान हालातों के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सिर्फ भोपाल संभाग के जिलों में मौजूद हास्पिटल नर्सिंग होम के निरीक्षण संबंधी शीर्ष अधिकारी यानि अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के आदेश पर किए गए निरीक्षण की जानकारी ली गई, वह बेहद चौंकाने वाली है, और सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बयान करती है।
महापुरुषों के दिखाए पथ पर चल रही हमारी सरकार : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में हम लोग निकले हैं।
युवाओं के प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत थे। ... और युगों-युगों तक रहेंगे।
देशहित में सामाजिक समरसता जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी जब पहली बार संसद भवन में आये थे तो सबसे पहले उन्होंने दो जगह सिर झुकाया था पहले संसद भवन की सीढ़यिों पर, जिसे उन्होंने 'जनतंत्र का मंदिर' कहा था और फिर संसद में रखी देश के संविधान की प्रति पर। तब उन्होंने संविधान को जनतंत्र के 'पवित्र ग्रंथ' की संज्ञा दी थी। यह सही है कि हमारा संविधान उस अर्थ में 'पवित्र ग्रंथ' नहीं है जैसे कुरान, बाइबल या गुरु ग्रंथ साहब हैं। पवित्र ग्रंथ को ईश्वर की वाणी माना जाता है और इसीलिए उसमें कुछ जोड़ने - घटाने का अधिकार मनुष्य को नहीं है।
भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल है ब्रह्मोस
भारत का अचूक ब्रह्मास्त्र मानी जाने वाली 'ब्रह्मोस' सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक के बाद एक सफलता के नए-नए पड़ाव पार करते हुए अपनी क्षमताओं और ताकत से पूरी दुनिया को हतप्रभ कर रही है।
विकसित देश बनने की दिशा में अग्रसर भारत
भारत बीते दिनों अपने रिकॉर्ड निर्यात की स्थिति में पहुँच गया परन्तु यह हर्षित करने वाला अर्ध सत्य है।
सू.अ. अ. के आधार पर प्राप्त सफलताओं का विवरण
मेरे द्वारा इस एक्ट के उपयोग की शुरुआत लगभग 15 वर्ष पूर्व की गई थी । दैनिक जागरण भोपाल में वर्ष 2006-07 के दौरान बीएसएनल भोपाल में सर्किल तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में इसके उपयोग से विभाग में जारी सिविल / इलेक्ट्रिकल्स के टेंडरों के दस्तावेज प्राप्त कर समाचार प्राप्त किए गए। उसके उपरांत नवभारत भोपाल, ईटीवी में सेवारत रहते हुए विभिन्न राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार के विभागों में आरटीआई के जरिए जानकारी प्राप्त कर इन विभागों में चल रही कुछ अनियमितताओं को उजागर किया गया।
सुनहरे भविष्य की ओर इशारा कर रही है आर्थिक प्रगति
31 मार्च 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2021-22 में अर्थ से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों के निष्पादन सम्बंधी आंकड़े लगातार जारी किए जा रहे हैं।
न्यायालयों में राजस्व मामलों का बोझ
यदि नगर निगम, नगरपालिकाएं और ग्राम पंचायत ठीक से अपना काम करें तो नागरिक न्यायालय का रुख क्यों करेगा?
ज्ञानवापी मामले में नेता कूदेंगे तो बढ़ेगा तनाव
हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, जब मुस्लिम जुटे तो दूसरे पक्ष से हर-हर महादेव का उद्घोष होने लगा।
जरूरी है जल संरक्षण
'पुराने तालाब, कुएं, बावड़ी, जोहड़, टांके या झील अपने अंतस में बरसात के पानी को तो सहेजते ही थे, उनमें संचित जल धीरे-धीरे धरती के अंदर जाकर भूगर्भीय जल के स्तर को बचाए रखने में भी मदद करता था। लेकिन दुर्भाग्य से विकास की आधुनिक अवधारणा ने इस सच को अनदेखा कर दिया और इन तालाबों की जमीनों को पाट दिया। गर्मी के मौसम के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से जल संकट की खबरें सामने आने लगती हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। राजस्थान के कोटा शहर का उदाहरण ही लें। यह शहर चंबल नदी के किनारे बसा है। लेकिन इस शहर की अनेक बस्तियों में पानी की किल्लत हो गई है। स्थिति यह है कि कई बस्तियों में तो नलों से बूंद-बूंद टपकने वाले पानी के सहारे अपनी जरूरत पूरी करने के लिए लोगों को रात-रात भर जागना पड़ता है।
औषधि केंद्र से पूरे विश्व के लोगों को होगा लाभ
अब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक पारम्परिक औषधि केंद्र की स्थापना भारत के सहयोग से भारत में किया जाना (इस औषधि केन्द्र की स्थापना के लिये भारत 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा) अपने आप में आभास दिलाता है कि पूरा विश्व ही अब भारतीय पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली पर एक तरह से भरोसा जता रहा है और भारत को यह जिम्मेदारी दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली को विश्व के नागरिकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इसे वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाया जाये। भारत पूरे विश्व के लिए फॉर्मेसी हब तो पहले से ही बन चुका है।
एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय पहलवानों का दिखा जलवा
पिछले दिनों मंगोलिया में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों ने कुल 17 पदक जीते।
आखिर क्यों गहरा रहा है देश में बिजली का संकट?
भीषण गर्मी के बीच बिजली की तेजी से बढ़ती मांग के कारण देश के कई राज्यों में बिजली की कमी का संकट गहरा रहा है।
हिट रहने के लिये फिट रहना जरूरी
स्वास्थ्य ही धन है, स्वस्थ माहौल स्वस्थ लोगों को बनाता है, अगर हिट रहना है तो फिट रहना होगा, योग से करो खुद को निरोग, जब रखोगे शरीर का ध्यान तभी कर सकोगे सारे काम, देश में नागरिक स्वास्थ्य हैं तो देश स्वास्थ्य इत्यादि अनेक वाक्यांश या कहावतें हमने अपने पूर्वजों, बड़े बुजुर्गों, बुद्धिजीवियों से सुने होंगे परंतु इन विचारों पर चलकर अपना शरीर स्वस्थ रखकर मंजिल को पाना अपेक्षाकृत कम लोग करते हैं।