Jyotish Sagar - May 2024Add to Favorites

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Jyotish Sagar’s May, 2024 issue has been published now. This issue is based on Jupiter's Zodiac sign Change in Transit.

अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।

अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

2 mins

सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ

सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।

सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ

2 mins

जब नारद जी ने दिया श्रीहरि को शाप!

जिस रास्ते से नारद जी जा रहे थे, उसी रास्ते पर श्रीहरि ने सौ योजन का एक मायावी नगर रचा। उस नगर की रचना भगवान् विष्णु के नगर वैकुण्ठ से भी ज्यादा सुन्दर थी।

जब नारद जी ने दिया श्रीहरि को शाप!

7 mins

घर की सीढ़ियों की दशा और दिशा आदि का विचार

दक्षिण-पश्चिम अथवा नैर्ऋत्य कोण सीढ़ियों के लिए शुभ माना जाता है, वहीं उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सीढ़ियाँ निर्मित नहीं करनी चाहिए।

घर की सीढ़ियों की दशा और दिशा आदि का विचार

2 mins

भक्ति, वात्सल्य एवं शृंगार के परिचायक महाकवि सूरदास

पुष्टिमार्गीय भक्ति के दार्शनिक स्वरूप को सूरदास जी ने भली-भाँति समझा था तथा समझकर काव्य की भाव भूमि पर उसे प्रेषणीय बनाने के लिए वात्सल्य रस का अवलम्बन लिया।

भक्ति, वात्सल्य एवं शृंगार के परिचायक महाकवि सूरदास

4 mins

क्रान्तिवीर विनायक दामोदर सावरकर!

सावरकर जेल से छूटकर जब वापस भारत आए, तो देश की आजादी का आन्दोलन जोर पकड़ रहा था। अब उन्होंने हिन्दू राष्ट्रवाद का समर्थन किया। जब देश के विभाजन का प्रस्ताव आया, तो सावरकर ने इसका विरोध किया पर तत्कालीन परिस्थितियों के कारण अन्ततोगत्वा देश का विभाजन हुआ।

क्रान्तिवीर विनायक दामोदर सावरकर!

3 mins

पीपल को क्यों नहीं काटना चाहिए?

श्री मद्भगवद्गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने बताया है कि, पीपल उन्हीं का एक रूप है। इसी कारण पीपल की पूजा करने पर भगवान् श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और हमारे दःखों को दूर करते हैं।

पीपल को क्यों नहीं काटना चाहिए?

5 mins

मृत्यु से परे की सत्यता!

उसने मेरे पैरों पर मकड़े से चलाए और मेरे दोनों पैर स्थिर कर दिए। जब मैंने क्षमा माँगी, तो वह मेरे सामने आ गया।

मृत्यु से परे की सत्यता!

5 mins

कैसा रहेगा भारत के लिए वृषभ का गुरु?

संसद एवं विधानसभाओं पर कार्यपालिका की प्रधानता तो रहेगी, परन्तु विपक्ष की बली स्थिति और उसकी सक्रियता के चलते सत्ता पक्ष पर अंकुश भी रहेगा, जिससे संसदीय लोकतन्त्र की शक्ति का अहसास भी होगा।

कैसा रहेगा भारत के लिए वृषभ का गुरु?

4 mins

आम चुनाव, 2024 के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी और राहुल के सितारे!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आम चुनाव, 2024 की दृष्टि से वर्तमान समय बहुत प्रतिकूल नहीं है। हालाँकि राहु की अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा और बाद में आ रही चन्द्रमा की प्रत्यन्तर्दशा नैसर्गिक रूप से अच्छी नहीं मानी जाती।

आम चुनाव, 2024 के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी और राहुल के सितारे!

4 mins

शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!

नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।

शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!

2 mins

वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?

घर के समीप अशुभ वृक्ष लगे हों और उनको किसी कारण से नहीं काट सकते हों, तो अशुभ वृक्ष और घर के बीच में शुभ फल वाले वृक्ष लगा देने चाहिए।

वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?

4 mins

अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर

जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।

अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर

2 mins

ज्योतिष और वैवाहिक सुख

जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।

ज्योतिष और वैवाहिक सुख

3 mins

वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना

अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।

वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना

8 mins

नववर्ष का अभिनन्दन

भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथियाँ मार्च और अप्रैल के माह में आती हैं। पंजाब में नया साल बैसाखी के नाम से 13 अप्रैल को मनाया जाता है।

नववर्ष का अभिनन्दन

2 mins

सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ

पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।

सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ

3 mins

नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...

स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।

नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...

5 mins

शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र

रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्

शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र

2 mins

ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति

नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।

ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति

3 mins

नवरात्र पर कुमारी भोजन से पूर्व करें कढ़ाई पूजा

कढ़ाई पूजन एक ऐसी ही परम्परा है, जो आंचलिक भिन्नता के आधार पर अलग-अलग रूपों में प्रचलित रही है। कहीं यह बहुत संक्षेप में है, तो कहीं इसके साथ अन्य अनुष्ठान भी होते हैं।

नवरात्र पर कुमारी भोजन से पूर्व करें कढ़ाई पूजा

1 min

हनूमान् जयन्ती पर करें भयनाशक हनुमत्स्तोत्र

इस स्तोत्र का प्रतिदिन तीन बार पाठ करने का विधान है, परन्तु दो बार भी कर लेना पर्याप्त है। इसे हनूमान् जयन्ती से आरम्भ करते हुए वर्ष पर्यन्त करना है। कुछ ही माहों में आप स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि देखेंगे।

हनूमान् जयन्ती पर करें भयनाशक हनुमत्स्तोत्र

5 mins

हनूमान् जी की जन्मपत्रिका और उसमें विद्यमान प्रमुख योग

लग्नेश उच्च राशिस्थ ग्रह से देखा जाए, तो मरुत्वेग नाम का योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक वायुवेग के समान शीघ्रगमन करने वाला और अत्यधिक कल्पनाशील होता है।

हनूमान् जी की जन्मपत्रिका और उसमें विद्यमान प्रमुख योग

4 mins

क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'

महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?

क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'

8 mins

बासन्तीय नवरात्र पर विशेष - नवरात्र में 'जयन्ती' की महिमा और उसका प्रयोग

जयन्ती घर में सुख-समृद्धि एवं लक्ष्मीका सूचक मानी जाती है। सामान्यत: जयन्ती हरे रंग की होती है, परन्तु कभी-कभी श्वेत जयन्ती भी निकल आती है।

बासन्तीय नवरात्र पर विशेष - नवरात्र में 'जयन्ती' की महिमा और उसका प्रयोग

2 mins

शिव-शक्ति के महामिलन का दिवस है महाशिवरात्रि

शिव का अर्थ है 'कल्याणकारी'। सृष्टि के कल्याण के लिए ही समुद्र मन्थन से उत्पन्न विष को अपने कण्ठ में उतारा और 'नीलकण्ठ' बन गए। शिव का जो कल्याण करने का भाव है, वही 'शिवत्व' कहलाता है। 'शिवोहम्' का उद्घोष वही व्यक्ति कर सकता है, जो स्वयं के भीतर इस शिवत्व को धारण कर लेता है। उसे अपने आचारव्यवहार में उतार लेता है। महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना तभी सार्थक होती है, जब हम दूसरों के कल्याण के लिए विष पीने को भी उद्यत हो जाएँ। इसी तरह हम शिवत्व प्राप्त कर सकते हैं।

शिव-शक्ति के महामिलन का दिवस है महाशिवरात्रि

3 mins

सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य

सेना सम्बन्धी कार्य, मुकदमेबाजी जैसे अदालती कार्य निबटाना, वाहन खरीदना, कलात्मक कार्यों जैसे विद्या, गायन-वादन, नृत्य आदि के लिए विशेष शुभ होती हैं।

सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य

3 mins

स्वामी दयानन्द का बोधोत्सव दिवस है शिवरात्रि

आज समस्त आर्य जगत् महाशिवरात्रि को ‘महर्षि दयानन्द बोधोत्सव' के रूप में मनाता आ रहा है।

स्वामी दयानन्द का बोधोत्सव दिवस है शिवरात्रि

2 mins

ऊँट पर बैठे आदमी को कैसे कुत्ता काट लेता है?

जानें हस्तरेखा विश्लेषण से

ऊँट पर बैठे आदमी को कैसे कुत्ता काट लेता है?

2 mins

वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा

महाशिवरात्रि पर विशेष

वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा

2 mins

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Jyotish Sagar Magazine Description:

YayıncıJyotish Sagar Private Limited

kategoriReligious & Spiritual

DilHindi

SıklıkMonthly

Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.

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