CATEGORIES

उज्जैन में पंचमहाभूत पर होगी गोष्टी
Panchjanya

उज्जैन में पंचमहाभूत पर होगी गोष्टी

जलवायु परिवर्तन से आई समस्याओं को समझने और दुनिया को समझाने के लिए तथा भारतीय दृष्टिकोण से उसका समाधान क्या हो, इस पर हो रही है तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी

time-read
1 min  |
January 01, 2023
ब्रह्मपुत्र का भार, ‘भारालू' नदी
Panchjanya

ब्रह्मपुत्र का भार, ‘भारालू' नदी

ब्रह्मपुत्र की तमाम सहायक नदियों में से सबसे बदहाल और सबसे बड़े खतरे का सबब भारालू ही है। सात शहरी वार्डों को छूकर गुजरती इस नदी में जहरीले रसायनों का स्तर खतरनाक है। भारालू नदी पर अलग-अलग एजेंसियों ने वक्त-वक्त पर चेताया है। इस पर कुछ काम भी हुआ है, परंतु सरकारी अमले और नागरिकों को इस बारे में और जागरूक होना पड़ेगा

time-read
6 mins  |
January 01, 2023
धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर
Panchjanya

धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर

1705 में 21 से 27 दिसम्बर की अवधि में गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों ने धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उस समय आधा पंजाब रोया था और आधा जमीन पर सोया था। खेद की बात है कि अब वही राज्य 21 से 27 दिसम्बर तक क्रिसमस मना रहा

time-read
4 mins  |
January 01, 2023
चर्च में बगावत पादरी नाराज
Panchjanya

चर्च में बगावत पादरी नाराज

सिरो-मलाबार चर्च इन दिनों आंतरिक कलह से जूझ रहा है। पोप ने प्रार्थना पद्धति में मामूली बदलाव के निर्देश दिए हैं, जिसे एर्नाकुलम-अंकामाली डायोसिस मानने को तैयार नहीं है। कुछ पादरी पुरानी प्रार्थना पद्धति छोड़ने को तैयार नहीं हैं

time-read
5 mins  |
January 01, 2023
संस्कृति की सलामती के लिए सुधार
Panchjanya

संस्कृति की सलामती के लिए सुधार

टीपू सुल्तान के कार्यकाल में संस्कृति से जो छेड़छाड़ की गई थी, कर्नाटक की भाजपा सरकार अब उसे सुधार रही है। राज्य के मंदिरों में होने वाली आरती पर लगे मजहबी ठप्पे को हटाया जाएगा

time-read
2 mins  |
January 01, 2023
उपेक्षित ऐतिहासिक धरोहर
Panchjanya

उपेक्षित ऐतिहासिक धरोहर

उज्जैन में नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक योगी मत्स्येंद्रनाथ की समाधि बरसों तक उपेक्षित रही। उन्हें अपना पीर बताकर मुसलमानों ने समाधि स्थल पर कब्जा कर लिया, जो लंबी लड़ाई के बाद अब हिंदुओं के पास है। हालांकि 2,000 वर्ष का इतिहास होने के बावजूद यह स्थान तकनीकी कारणों से एएसआई की सूची में नहीं है

time-read
3 mins  |
January 01, 2023
भारत का जागता रक्षा बोध
Panchjanya

भारत का जागता रक्षा बोध

बहुत समय नहीं हुआ, जब देश में इस बात को लेकर चर्चा होती थी कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाह बना हुआ है। अब यह स्थिति बदलती जा रही है। भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में लंबे समय से चली आ रही कमियों को पूरा करने में सक्षम है, बल्कि वह अपने उस रक्षा बोध को साकार कर रहा है, जिसकी उसे हमेशा आवश्यकता थी

time-read
6 mins  |
January 01, 2023
.... हमने तो दिलों को जीता है
Panchjanya

.... हमने तो दिलों को जीता है

भारत विश्व का अनूठा देश है, जिसकी सॉफ्ट पावर उसकी सभ्यतागत विरासत और सांस्कृतिक कौशल पर आधारित है। भारत की छवि ऐसे सौम्य देश की है जो सैन्य शक्ति होने के बावजूद स्वभाव से आक्रामक नहीं है, जिसकी बढ़ती सैन्य शक्ति को खतरे के रूप में नहीं देखा जाता है

time-read
5 mins  |
January 01, 2023
भारतीय संस्कृति का विश्व वितान
Panchjanya

भारतीय संस्कृति का विश्व वितान

भारत सरकार कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल आदि देशों में अनेक मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है। यही नहीं, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन जैसे मुस्लिम देशों में भी ऐसे कार्य हो रहे हैं। अबूधाबी में तो नया मंदिर बन रहा है

time-read
5 mins  |
January 01, 2023
सांस्कृतिक जागरण का जरिया बने मोदी
Panchjanya

सांस्कृतिक जागरण का जरिया बने मोदी

सदियों की परतंत्रता के बाद 1947 में देश को राजनीतिक स्वतंत्रता तो मिली, किंतु सांस्कृतिक स्वतंत्रता नहीं आई। हमारे मंदिर, मठ और तीर्थस्थल उपेक्षित ही रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्थिति को बदलने का कार्य कर रहे हैं

time-read
4 mins  |
January 01, 2023
फिर बहेगी संस्कृति की गंगा
Panchjanya

फिर बहेगी संस्कृति की गंगा

एक लघु भारत विश्व भर में बसा हुआ है।

time-read
3 mins  |
January 01, 2023
...और रशीद ने गोली चला दी !
Panchjanya

...और रशीद ने गोली चला दी !

23 दिसंबर, 1926 को दिल्ली में स्वामी श्रद्धानंद की हत्या अब्दुल रशीद नामक एक व्यक्ति ने कर दी थी। अब्दुल को स्वामी जी का शुद्धि आंदोलन पसंद नहीं था

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
गोवा मुक्ति आंदोलन के बलिदानी के
Panchjanya

गोवा मुक्ति आंदोलन के बलिदानी के

गोवा को आजाद कराने में रा. स्व. संघ के स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे ही एक निष्ठावान कार्यकर्ता थे बलिदानी राजा भाऊ महाकाल, जो गांव-गांव से सैकड़ों युवाओं को एकत्रित कर गोवा ले गए

time-read
4 mins  |
December 25, 2022
रातों-रात बनी 'मजारें', देखते-देखते गायब
Panchjanya

रातों-रात बनी 'मजारें', देखते-देखते गायब

उत्तराखंड में अवैध मजारों को गिराने का काम शुरू। राज्य की सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने को ऐसी कार्रवाई जरूरी

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
तवांग से जुड़े हैं राजनीतिक तार
Panchjanya

तवांग से जुड़े हैं राजनीतिक तार

तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश चीन की सैन्य रणनीति के बजाय राजनीतिक रणनीति ज्यादा प्रतीत होती है। इससे पहले गलवान में और उससे पूर्व डोकलाम में भी भारत-चीन टकराव के साथ राजनीतिक पहलू जुड़ा दिखता है

time-read
5 mins  |
December 25, 2022
हर आदमी को तिरंगे के सामने झुकना पड़ेगा
Panchjanya

हर आदमी को तिरंगे के सामने झुकना पड़ेगा

अटल जी ने कई अवसरों पर इस्लाम, मुसलमान और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के छिपे इरादों को रेखांकित किया। इस संदर्भ में उनके सारगर्भित भाषणों के अंश प्रस्तुत हैं-

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
'धर्मनिरपेक्षता' सिर्फ नारा नहीं
Panchjanya

'धर्मनिरपेक्षता' सिर्फ नारा नहीं

एक वास्तविक ‘धर्मनिरपेक्ष' समाज बनाने का कार्य तभी पूरा होगा, जब भारतीयत्व स्वयं को प्रभावी रूप में प्रकट करेगा ताकि हम संकीर्ण आस्थाओं से ऊपर उठकर यह अनुभव कर सकें कि हम एक राष्ट्र

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
अयोध्या हमारे स्वाभिमान की प्रतीक
Panchjanya

अयोध्या हमारे स्वाभिमान की प्रतीक

अयोध्या किसी नगर का नाम नहीं है। वह किसी मंदिर-मस्जिद विवाद की भी जगह नहीं

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
संसद और सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा संविधान
Panchjanya

संसद और सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा संविधान

अटल बिहारी वाजपेयी ने 28 फरवरी, 1970 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा न्यायपालिका के विरुद्ध मोर्चा खोलने के संदर्भ में संसद में वक्तव्य दिया था। प्रस्तुत हैं उसी वक्तव्य के अंश-

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
शिक्षा का रंग भगवा नहीं तो क्या हो ?
Panchjanya

शिक्षा का रंग भगवा नहीं तो क्या हो ?

5 जनवरी, 2003 को तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी के 69वें जन्म दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संबोधन के अंश -

time-read
2 mins  |
December 25, 2022
पाञ्चजन्य के प्रश्न अटल जी के कालजयी उत्तर
Panchjanya

पाञ्चजन्य के प्रश्न अटल जी के कालजयी उत्तर

देश के पूर्व प्रधानमंत्री, सर्वप्रिय राजनेता, कवि, पत्रकार और पाञ्चजन्य के प्रथम संपादक स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का पाञ्चजन्य के साथ संवाद सदैव बना रहा। यहां तक कि पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले पाञ्चजन्य को ही साक्षात्कार दिया था। संभवतः अटल जी ने पाञ्चजन्य को ही सबसे अधिक साक्षात्कार दिए। उन्हीं साक्षात्कारों में से यहां प्रस्तुत हैं चुनिंदा प्रश्न और अटल जी के कालजयी उत्तर

time-read
3 mins  |
December 25, 2022
समाज का हित ही लेखनी का ध्येय
Panchjanya

समाज का हित ही लेखनी का ध्येय

अटल जी ‘राष्ट्रधर्म’ और ‘पाञ्चजन्य' के प्रथम संपादक थे। पत्रकारिता छोड़ कर राजनीति में पूरी तरह रम जाने और राजनीतिक ऊंचाइयां चढ़ने के बाद भी अटल जी की न सिर्फ दृष्टि और लेखनी की धार पैनी बनी रही बल्कि पत्रकारिता के तमाम पहलुओं पर वह चिंतन भी करते थे

time-read
4 mins  |
December 25, 2022
गुटनिरपेक्षता नहीं है तटस्थता
Panchjanya

गुटनिरपेक्षता नहीं है तटस्थता

दुनिया अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति का लोहा मानती है। जनता पार्टी की सरकार में वे विदेश मंत्री थे। ऐसे ही जब भी संसद में विदेशी मामलों पर चर्चा होती थी, वे अपने विचारों से लोगों को चकित कर देते थे

time-read
5 mins  |
December 25, 2022
'थोड़ी देर बाद प्रधानमंत्री नहीं रहूंगा'
Panchjanya

'थोड़ी देर बाद प्रधानमंत्री नहीं रहूंगा'

28 मई, 1996 को अपने मंत्रिमंडल के प्रति अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद अटल जी ने चर्चा का उत्तर दिया। इस लेख की शुरुआत उनके उसी भाषण से होती है

time-read
5 mins  |
December 25, 2022
एक कवि हृदय राजनेता
Panchjanya

एक कवि हृदय राजनेता

मेरे और अटल जी के बीच संबंधों में कभी स्पर्धा की भावना नहीं रही। कभी-कभी हम दोनों के विचार अलग-अलग रहे हैं। लेकिन हमने कभी ऐसे मतभेदों को बढ़ावा नहीं दिया, जिससे परस्पर विश्वास और आदर का मूल्य कम हो

time-read
5 mins  |
December 25, 2022
नींव के पत्थर मील के पत्थर
Panchjanya

नींव के पत्थर मील के पत्थर

वामपंथ की आंधी और जनसंघ भाजपा के अंध-विरोध के तूफानों को चीर कर भारत के प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में आधुनिक भारत की नींव के पत्थर रखे, और मील के पत्थर स्थापित किए

time-read
4 mins  |
December 25, 2022
माल-ए-मुफ्त यानी फायदे का सौदा?
Panchjanya

माल-ए-मुफ्त यानी फायदे का सौदा?

पहले मुफ्त सेवाएं देकर गूगल जैसी कंपनियां निःशुल्क सेवाएं देकर ग्राहकों के बीच अपना अधार बनाती हैं, फिर सेवाओं के बदले पैसे लेकर ग्राहक बनाती हैं

time-read
3 mins  |
December 18, 2022
भारतीय भाषाओं का इंद्रधनुष
Panchjanya

भारतीय भाषाओं का इंद्रधनुष

भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार इस साल से विख्यात तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती के जन्म दिवस को 'भारतीय भाषा दिवस उत्सव' के रूप में मनाएगी

time-read
5 mins  |
December 18, 2022
"....ऐसा कहर आए कि आशिक इश्क भूल जाएं”
Panchjanya

"....ऐसा कहर आए कि आशिक इश्क भूल जाएं”

देश के अलग-अलग इलाकों से बीते कुछ समय में दर्जनों ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिनमें जिहादियों ने बर्बरता की सीमा पार की श्रद्धा के 35 टुकड़े किए गए तो कहीं किसी लड़की को जलाकर, उसके स्तन काटकर और सिर तन से जुदा कर मार डाला गया। इस राक्षसी मनोवृत्ति पर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस को ऐसी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कि वह एक उदाहरण बन जाए। पाञ्चजन्य संवाददाता अश्वनी मिश्र ने उनसे इन घटनाओं के पीछे की मानसिकता, कारण आदि पर विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-

time-read
4 mins  |
December 18, 2022
नारियों ने दिखाई हिम्मत
Panchjanya

नारियों ने दिखाई हिम्मत

16 सितम्बर 2022 को ईरान के इतिहास में एक बड़ा मोड़ आया। महसा की मौत ने 'मजहब को बचाने में जुटी' ईरान की कट्टर शिया सत्ता को हिला कर रख दिया है। हिजाब विरोधी आंदोलन दूर-दूर तक थमता नहीं दिख रहा

time-read
5 mins  |
December 18, 2022