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अंध कूप में पाकिस्तान!
पाकिस्तान पर रहम करना तो दूर, विश्व में कोई देश उसे गंभीरता से लेने के लिए भी तैयार नहीं है, जबकि उसकी स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है। उसकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, सेना उस पर बोझ बनी हुई है और तमाम देनदारियां सिर पर हैं। पाकिस्तान का यह हश्र समकालीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है
सत्य, सरोकार और संस्कृति
पाञ्चजन्य का निर्भीक स्वर लोगों को आकर्षित करता रहा तो इससे सरकार की भौहें भी तनती रहीं। 1959 में कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा और दलाईलामा के निष्कासन के समय पाञ्चजन्य ने नेहरू की अदूरदर्शिता और चीन-नीति की तथ्यात्मक आलोचना की।
हिमालयी क्षेत्र से अटल जी को था विशेष लगाव
अटल जी का हृदय उत्तर-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम तक सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र के लिए अतीव प्रेम से आपूरित रहता था। उत्तराखण्ड को राज्य बनाने की बात हो, या वहां के लिए विशेष पैकेज, अटल जी ने सदैव अत्यंत सहजता से कदम बढ़ाए
नीति में खोट, नदियों पर चोट
वर्ष 2018 तक बिहार की 6 नदियां प्रदूषित थीं, लेकिन 2022 में इसमें तीन गुना वृद्धि हुई। नतीजतन, 2022 तक राज्य की 18 नदियों का पानी जहरीला हो गया, लेकिन राज्य सरकार अभी इस पर ध्यान नहीं दे रही
सनातन शक्ति का साक्षात्कार
जलगांव में आयोजित बंजारा, लबाना, नायकड़ा कुंभ में बड़ी संख्या में इन वर्गों के लोगों ने हिस्सा लेकर सनातन शक्ति का परिचय दिया। सबने यह संकल्प भी लिया कि हम सब हिंदू हैं और हिदू ही रहेंगे
श्री अन्नः खेती का नया मंत्र
केंद्र सरकार किसानों, कृषि में निवेश के लिए नई तकनीक, उपकरण के साथ अब मोटा अनाज उपजाने पर भी जोर दे रही है। यह आर्थिक दृष्टि से न केवल किसानों, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से देशवासियों के लिए भी लाभकारी है
अमृतकाल का पहला बजट - विकसित भारत की नींव
इस बार के बजट की विशेषताओं की चर्चा बहुत कुछ आंखों पर पट्टी बांधकर हाथी को देखने जैसी रही। किसी को यह चुनावी बजट नजर आया, तो किसी को इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को दी गई बढ़त दिखाई दी। कृषि का पहलू तो अपने स्थान पर है ही। क्या कोई ऐसी भी बात थी, जो वास्तव में इन सारी बातों का आपस में पिरोए हुए थी ? पाञ्चजन्य ने इस विषय पर बजट के उपरांत वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से हर संभव पहलू बात की। स्वयं वित्त मंत्री की दृष्टि में वह सूत्र क्या था... देखिए इस विशेष प्रस्तुति में...
वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य
पाञ्चजन्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम का समापन जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी के आशीर्वचन से हुआ। इसके लिए वे विशेष रूप से दिल्ली पधारे। स्वामी जी के करकमलों से कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ और सायं को उन्होंने अपना उद्बोधन भी दिया। यहां उनके आशीर्वचन के संपादित स्वरूप को प्रकाशित किया जा रहा है
भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जो हिंदुस्तान का अनाज खाता है, हिंदुस्तान का पानी पीता है, उसको यह अधिकार है कि उसको हिंदू कहा जाए। उन्होंने किसी के विरुद्ध फतवा देने वालों को कुरान विरुद्ध ठहराते हुए कहा कि कुरान ने किसी इंसान को यह अधिकार दिया ही नहीं गया कि वह दूसरे के ईमान का फैसला कर सके
हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने साफ कहा कि हमारे पर्वों में बाधा डालने वालों के विरुद्ध एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि देश को महान बनाना है तो हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा। प्रस्तुत हैं सुनील आम्बेकर की हितेश शंकर से बातचीत के प्रमुख अंश
अद्भुत संगठन, अनोखा समन्वय
रा.स्व.संघ वह विशाल वट वृक्ष है जिससे निकलीं अनेक शाखाएं स्वतंत्र आनुषंगिक संगठनों के नाते वृहत समाज में अपनी विशिष्ट भूमिका निभा रही हैं। संघ का कार्य सिर्फ उनका मार्गदर्शन करना और पाथेय देना है
प्रभु जी ! तुम मोती, हम धागा...
संत रविदास का पूरा जीवन संघर्षमय रहा। इसके बाद भी उन्होंने कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया और जब भी, जहां भी आवश्यकता हुई, वे बोलने से चूके नहीं
नौवहन से खुलेंगे विकास के नवद्वार
गंगा विलास क्रूज (जलयान) भारत के पर्यटन उद्योग को गति देने वाला सिद्ध हो रहा है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भारत आ रहे हैं। ये पर्यटक जहां भी जाते हैं, वहां हर व्यक्ति की जेब में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पैसा जाता है
संस्कृति बचाने के लिए उतरे सनातनी
छत्तीसगढ़ में हो रहे कन्वर्जन के विरोध में हिंदू समाज के लोग लामबंद होने लगे हैं। लोगों ने उन तत्वों का विरोध शुरू कर दिया है, जो लोभ-लालच से हिंदुओं को ईसाई या मुसलमान बना रहे हैं
मुफ्त के चक्कर में लुटने का खतरा
जिस गूगल के ब्राउजर एप्लीकेशन क्रोम को दुनिया के 66 प्रतिशत लोग विश्वसनीय मानते हैं, उसमें मौजूद एक खामी ने 250 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के बेहद संवेदनशील डेटा को खतरे में डाला
'हां, पं. नेहरू ने खुद रा. स्व.संघ को 63 की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था'
साक्षात्कार - कृष्ण लाल पटेला जी
टूलकिट है बीबीसी
औपनिवेशिक मानसिकता वाला बीबीसी गोधरा के बाद हुए दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दोबारा दुष्प्रचार को हवा दे रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनुक और सांसद तक खारिज कर चुके हैं। अगले वर्ष भारत में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। यह तो शुरुआत है...
मिशनरियों के विरुद्ध फूटा आक्रोश
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में वनवासी समुदाय आंदोलित है। कारण, नारायपुर जिले की एड़का ग्राम पंचायत में कन्वर्जन का विरोध कर रहे वनवासियों पर लाठी-डंडों से लैस ईसाई मिशनरियों ने हमला किया। समाज ने बार-बार पुलिस से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई
'उत्कर्ष' और 'अपराजिता' की गाथा
दिल्ली में यौनकर्मियों हेतु पहली बार 'उत्कर्ष' नाम से एक औषधालय शुरू हुआ, वह उनकी बच्चियों को पढ़ाने हेतु 'अपराजिता' नामक प्रकल्प चल रहा
भारत माता ही वास्तविक देवी
स्वामी विवेकानंद कहते थे कि चित्त-शुद्धि के लिए अपने चारों ओर फैले हुए असंख्य मानवों की सेवा करो। आपस में ईर्ष्या-द्वेष रखने के बजाय, आपस में झगड़े और विवाद के बजाय, तुम परस्पर एक-दूसरे की अर्चना करो
संसार में सनातन संस्कृति का प्रसार
आज स्वामिनारायण संस्था विश्व के 55 देशों में पहुंच गई है। सनातन संस्कृति को फैलाने के साथ ही यह संस्था शिक्षा, संस्कार, रोजगार और सेवा के अनगिनत प्रकल्पों के माध्यम से समाज को एकसूत्र में बांध रही है
विश्व में श्रेष्ठता के प्रसारक
भारतीय ऋषि-मुनियों, धर्मोपदेशकों और आचार्यों ने पूरे विश्व का भ्रमण करते हुए ज्ञान और सत्य का संदेश दिया और सम्पूर्ण विश्व को श्रेष्ठ बनाने के अपने धर्म का पालन किया। इन विद्वानों ने ज्ञान, विज्ञान, भाषा, योग, ज्योतिष, खगोल विज्ञान, गणित का ज्ञान विश्व को देकर सुदूर क्षेत्रों तक भारतीय संस्कृति का विस्तार किया
जल पर संवाद - धार
पंचमहाभूत की अवधारणा पर पर्यावरण का देशज विमर्श स्थापित करने के दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा उज्जैन में 27 से 29 दिसंबर तक एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'सुजलाम्' का आयोजन किया गया
'यह दिशा और स्वत्व पर अडिग रहने की परीक्षा है'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ रहा है। राजनीतिक प्रभाव से लेकर महिलाओं की भागीदारी तक कई विषय ऐसे हैं, जो संघ के विरुद्ध प्रचार में प्रयुक्त होते रहे हैं। युवाओं की भागीदारी, तकनीक की भूमिका, एलजीबीटी समुदाय के प्रति दृष्टिकोण, आर्थिक विषय और पर्यावरण से लेकर तमाम विषयों पर लोगों की अपेक्षा रहती है कि संघ अपनी बात रखे और उन्हें एक दिशा दे। सरसंघचालक डॉक्टर मोहनराव भागवत ने पाञ्चजन्य- ऑर्गनाइजर संवाद में हितेश शंकर और प्रफुल्ल केतकर के साथ नागपुर में इन विषयों पर खुलकर बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस विशेष वार्ता के कुछ महत्वपूर्ण अंश:
आईटी में 'जनसांख्यिक लाभांश' ले पाएंगे हम ?
आज जनसंख्या का पहलू भारत के पक्ष में है और आईसीटी सेक्टर के लिहाज से भी इसकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। अब भविष्य ही बताएगा कि हम इसका कितना लाभ उठा सकेंगे
कहां हैं सीएए का विरोध करने वाले!
पाकिस्तन में हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के लिए कुफ्र संबंधी कानून को फिर एक बार औजार बनाया गया है। हिन्दू लड़कियों के अपहरण पर सोशल मीडिया पर दुख जताना एक हिन्दू बालक को बहुत भारी पड़ गया। इन्हीं की प्राण रक्षा के लिए सीएए कानून लाया गया था
छिवाला में ईसाई छल
ईसाई मिशनरियों ने उत्तरकाशी जिले के छिवाला गांव में छल से लोगों को बनाया ईसाई। आक्रोशित स्थानीय नागरिकों और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के जबरदस्त विरोध के बाद मामला दर्ज कर पुलिस कर रही है जांच
आज भी 'जिंदा' हैं बाबा जसवंत
1962 के युद्ध में महावीर जसवंत सिंह रावत ने 300 से अधिक चीनी सैनिकों को मारा। जब वे घिर गए तो उन्होंने अंतिम गोली अपने पर ही चला ली थी। उनकी इस वीरता का सम्मान करने के लिए भारतीय सेना उन्हें आज भी बलिदानी नहीं मानती और उन्हें पदोन्नत करती रहती है
मुक्ति की ओर 'मथुरा' !
मथुरा में श्रीकृष्ण की जन्मभूमि को लेकर हिन्दू समाज में उत्साह की वैसी ही लहर है, जैसी काशी स्थित विश्वनाथ मंदिर को लेकर है। काशी में न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण हुआ और अब उसी आधार पर यह मामला अदालत में आगे बढ़ रहा है। ठीक उसी तर्ज पर मथुरा का मामला भी आगे बढ़ता दिख रहा है
अटल जी ने जगाया मातृभाषा के प्रति गौरव बोध
अटल जी जानते थे कि प्रभात प्रकाशन विशुद्ध साहित्यिक दायित्वबोध से प्रकाशन कर रहा है। अपने विचारों के अधिष्ठान और विचारों की संपुष्टि के लिए भारतीय जीवन मूल्य, भारतीय धर्म-दर्शन-संस्कृति के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रकाशन कर रहा है, इसलिए वे हमेशा आशीर्वाद देते थे