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'भारत जोड़ो' से पार्टी तोड़ो तक
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के संदर्भ में जयपुर से उठी चिन्गारी से बहुत से सवाल उठते हैं। पार्टी में संवादहीनता, मजबूत निर्णयों का अभाव, स्थितियों का आकलन न कर पाना, बचकाने तौर-तरीके, फलतः लगातार वरिष्ठ नेताओं का पलायन बताता है कि हाईकमान का रसूख घटता जा रहा है।
पीएफआई प्रतिबंधित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों को गैरकानूनी घोषित करते हुए 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्रीय एजेंसियों की दो दौर की छापेमारी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया
'लंपी' का कहर, दूध पर असर
देश के 16 राज्यों में लंपी चर्म रोग का संक्रमण फैल गया है। इसके कारण हजारों गोवंश असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। राजस्थान की स्थिति सबसे भयावह है। यहां सबसे अधिक गोवंश की मौत हुई है। इसी संकट की वजह से राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दूध उत्पादन में 20-30 प्रतिशत, जबकि गुजरात में 0.25 प्रतिशत की कमी आई है
सतत कृषि परियोजना से आई समृद्धि
किसानों को आत्महत्या से बचाने के लिए यवतमाल में दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान ने पहल की दुर्दशा के शिकार किसानों की काउंसलिंग से शुरू कर खेती को समृद्ध बनाने के लिए स्थानीय उपाय, कृषि सहयोगी उद्यमों को बढ़ावा और टिकाऊ खेती परियोजना पर अमल किया। आज यहां किसानों में समृद्धि दिखने लगी है
हिंदुत्व और अंत्योदय-बदलाव के वाहक
हिंदुत्व में जिस तरह मानव में एकात्मता और समानता की बात कही गई है, उसमें बेमानी भेदों के लिए कोई जगह नहीं है। पंक्ति का आखिरी व्यक्ति पंक्ति में सबसे आगे खड़े व्यक्ति के समान महत्व रखता है
रात को जब भी आंख खुलती है...
दीनदयाल जी के मामाजी बीमार थे और वे भुवाली (उत्तराखंड) के एक अस्पताल में भर्ती थे। दीनदयाल जी उनकी देखरेख के लिए उनके साथ थे। वहीं से उन्होंने अपने ममेरे भाई श्री बनवारीलाल शुक्ल को 10 मार्च, 1944 को एक पत्र लिखा था। जिससे समाज के प्रति उत्तरदायित्व का उनका बोध प्रदर्शित होता है।
सुरक्षित रहे भाषा की शब्द-संपदा
क्लिष्टता के नाम पर हिंदी की शब्द-संपदा को कमजोर करने वाले अंग्रेजी के कठिन शब्दों को सहजता से स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन हिंदी को लेकर अशुद्धता के दुराग्रह पर जोर देते हैं जो बहुत खतरनाक चलन है
दीदी और दाग
एक तरफ सीबीआई पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच कर रही है तो दूसरी तरफ ईडी भी मी लान्ड्रिग से जुड़े मामलों के राज खोलने में जुटा है। दिलचस्प बात यह कि इन सभी मामलों में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-मंत्रियों और राज्य के प्रशासनिक अफसरों की संलिप्तता खुलकर सामने आ रही
पंजाब में कन्वर्जन - सलीब और सवाल
पंजाब में ईसाई मिशनरियों के झांसे और जबरन कन्वर्जन के विरुद्ध जनआक्रोश बढ़ रहा है। आएदिन प्रार्थना और चंगाई सभाओं की आड़ में सांस्कृतिक धोखाधड़ी और कन्वर्जन को लेकर टकराव हो रहा है। राज्य में निरोधक कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन क्या आआपा सरकार पंजाब की अस्मिता को बचाएगी
सामान्य बच्चों से आगे बढ़े दिव्यांग बच्चे
बीकानेर के मूक-बधिर विद्यालय की अध्यापिका सुनीता गुलाटी ने मूक-बधिर बच्चों को नवाचार के जरिए इस तरह गढ़ा कि ये बच्चे राष्ट्रीय स्पर्धाओं में सामान्य बच्चों को पछाड़ने की स्थिति में पहुंच गए। उन्होंने ऑनलाइन वीडियो, अतिरिक्त शिक्षण मॉड्यूल, ऑडियो पुस्तक का निर्माण कर बच्चों में रुचि जगा और उनकी योग्यता को समाज के सामने रखा
हिंदू संस्कृति के प्रबल पक्षधर
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली के राधाकृष्णन भारतीय दर्शन, हिंदू धर्म, हिंदुत्व और विश्व बंधुत्व के प्रबल पक्षघर थे। उन्होंने ईसाइयों के देश इंग्लैंड में जाकर पादरियों की सभा में भारतीय दर्शन की श्रेष्ठता को सिद्ध कर भारत का मान बढ़ाया
चहुंमुखी विकास, बहुमुखी मेधा
शिक्षा संपूर्ण व्यक्तित्व के पुष्पन, पल्लवन एवं परिमार्जन का आधार है। मानव को सभ्य, सुसंस्कृत और योग्य बनाने के लिए यह अपरिहार्य है कि उसे समग्र शिक्षा प्रारंभ से ही दी जाए। समग्र शिक्षा से आशय है युवाओं में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, बौद्धिक, नैतिक, आत्मिक आदि सभी मानवीय क्षमताओं का विकास हो
शोध से ही निकलेगा समाधान
भारत जैसे विशाल देश में विभिन्न क्षेत्रों में जितने अधिक शोध होंगे, उतना ही अच्छा होगा। बीमारी, जल संचयन, तकनीक, उद्योग आदि में नए-नए प्रयोगों की बहुत आवश्यकता है। इनसे ही समस्याओं का समाधान निकलेगा
जैसा कार्य वैसा कौशल
भारत में नियोक्ताओं को आवश्यकता अनुरूप मानव संसाधन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है वहीं रोजगार के इच्छुक लोगों के पास रोजगार नहीं है। इसका कारण अभ्यर्थियों में नियोक्ताओं की जरूरत के अनुसार कौशल का न होना है। इस कमी को पूरा करने के लिए युवाओं को विभिन्न प्रकार के कौशलों से युक्त करना अनिवार्य
रुचि बनाएगी राह
12वीं के बाद विषय, कौशल का चयन महत्वपूर्ण होता है। शिखर तक जाने के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी अपनी अभिरुचि का ध्यान रखे। इस ज्ञान, कौशल को प्राप्त करने के लिए संसाधन भी छात्रवृत्तियों एवं शिक्षा ऋण के जरिए जुटाया जा सकता है
कौशलयुक्त हो समग्र शिक्षा
प्राचीन काल में गुरुकुलों में 16 विषय और 64 कौशल आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते थे। इसलिए प्रत्येक ग्रामीण समुदाय किसी न किसी प्रकार के कौशल से संपन्न था। आज सामान्य शिक्षा सफल ज्ञान आधारित करियर के लिए उत्कृष्ट आधार होते हुए भी स्नातकों को कौशल से लैस करने में विफल है। लेकिन नई शिक्षा नीति में विषय- वस्तु सिखाने के बजाय सीखने की कला एवं बुनियादी कौशलों को प्राथमिकता दी गई है
मछुआरों की आड़ विकास पर प्रहार
विदेशी इशारों पर चर्च देश में विकास विरोधी प्रपंच रचता रहा है। कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की बात हो या फिर तूतीकोरिन का स्टरलाइट कॉपर प्लांट या अब केरल का विझिंगम पोर्ट के निर्माण का विरोध, हर बार चर्च स्थानीय लोगों की आड़ लेकर विवाद पैदा करता है
हिंदू उत्सवों से हटे प्रतिबंध
उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान हिंदू उत्सवों पर लगे प्रतिबंधों को शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा हटाए जाने से महाराष्ट्र के हिंदू समाज में जश्न का माहौल है। इस बार 4000 से अधिक स्थानों पर दही-हांडी का आयोजन हुआ। सरकार ने भी इसे साहसिक खेल का दर्जा देते हुए गोविंदाओं को नौकरियों में आरक्षण की घोषणा की। हिंदू समाज गणेशोत्सव को पूरी धूमधाम से मनाने की तैयारी में जुटा
गांधी नाम भारी अब वफादारों की बारी
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर गांधी परिवार अनिच्छा दिखा रहा है। दरअसल, गांधी नाम अब राजनीतिक सफलता की गारंटी नहीं रहा। इस बीच कई बड़े नेता अपने पदों से त्यागपत्र दे चुके हैं जिससे पार्टी सांसत में है। अब अटकलें गांधी परिवार से बाहर किसी अन्य को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवादी राजनीति के विरोध के मुद्दे से सहमा हुआ है
घुसपैठियों से घिरता भारत
देश के सीमाई राज्यों में मुसलमानों की बढ़ती आबादी चिंताजनक है। राष्ट्र की संप्रभुता पर मंडराते इस प्रत्यक्ष खतरे ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की की चिंता बढ़ा दी है। इन घुसपैठियों से समय रहते निपटना जरूरी है
हल्दी एक गुण अनेक
हर भारतीय की रसोई में पाई जाने वाली हल्दी महज व्यंजनों का जायका ही नहीं बढ़ाती बल्कि अनेकानेक रोगों को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आयुर्वेद में तो हल्दी का उपयोग प्राचीन काल से चला ही आ रहा है, अब विदेशों में भी हल्दी के चिकित्सकीय गुणों को महत्व दिया जाने लगा है। कई गंभीर रोगों के निदान में हल्दी की भूमिका पर विश्वविद्यालयों में इस पर शोध हो रहे हैं
थायरॉयड से बचाए आहार एवं योग
हृदय रोग और मधुमेह के बाद भारत में अगर कोई रोग सबसे ज्यादा होता है तो वह है थायरॉयड । पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायरॉयड का खतरा अधिक होता है, खासकर गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के बाद इस बीमारी से बचने और राहत पाने के लिए आहार में बदलाव और योग का सहारा भी लिया जा सकता है
सेहत की दुश्मन न बने तकनीक
आज तकनीक पूरी तरह जीवन पर हावी है। स्मार्टफोन केवल संवाद का माध्यम नहीं रहा. बल्कि इसमें मनोरंजन से लेकर जरूरत की हर चीज मौजूद है। लेकिन इसके अत्यधिक प्रयोग से शरीर पर घातक प्रभाव पड़ रहे
कहां दुबक गया सेकुलर अमला!
न्यूयार्क में मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर हुए जिहादी हमले के विरुद्ध किसी सेकुलर पत्रकार की कलम नहीं चली, मजहबी उन्माद को कोसते संपादकीय भी नहीं दिखे। क्यों? इसके कारण की तह में जाना जरूरी है
कमाई हुई नहीं धुलाई हो गई
हिंदू आस्थाओं पर चोट करने वाले आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा' को हिंदुस्थान के लोगों ने पूरी तरह नकारा। 180 करोड़ रु. में बनी इस फिल्म में सेना और सिख समुदाय का अपमान किया गया है। भारी घाटे में चल रही फिल्म के वितरक आमिर से भरपाई की मांग कर रहे हैं
जनता के पैसे पर नेताओं की 'मुफ्तखोरी'
'रेवड़ी संस्कृति' के कारण पड़ोसी देश श्रीलंका तबाह हो गया। भारत में इस पर बहस तो शुरू हुई ही है, सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई भी चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए केंद्र सरकार तथा चुनाव आयोग से ऐसे रोकने के लिए जरूरी समाधान खोजने को कहा है
संघ मेरी आत्मा
16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि थी। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके एक लेख को प्रस्तुत किया जा रहा है, जो ऑर्गनाइजर में 1995 के वर्ष प्रतिपदा अंक में प्रकाशित हुआ था
स्वावलंबन से होगा सशक्तिकरण
हमारी स्वाधीनता को 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। हमें विचार करना होगा कि स्वाधीनता के शताब्दी वर्ष तक हमारे लक्ष्य क्या होंगे? भारतीय समाज और एक राष्ट्र के रूप में हमें कई आंतरिक और बाह्य संकटों का न केवल सामना करना है, अपितु उसका समाधान भी ढूंढना है। भारत को अभी भी समरसता के लिए और प्रयास करने होंगे क्योंकि समाज जितना समरस होगा, उतना सशक्त होगा।
ऐतिहासिक पड़ाव की ओर राष्ट्र की यात्रा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में भारत की स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले सेनानियों को नमन करते हुए भारत की एक राष्ट्र के रूप में यात्रा को एक ऐतिहासिक पड़ाव की ओर अग्रसर बताया। उन्होंने हर क्षेत्र में भारत के निरंतर आगे बढ़ने के लिए भारतीय जीवन मूल्यों को आधार बताया और देशवासियों से एक महान भारत के निर्माण में जुट जाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। प्रस्तुत है राष्ट्रपति के संदेश का मूल पाठ
स्वातंत्र्य समर और स्वदेशी विज्ञान
वर्ष 1855 में बंगाल के मुर्शिदाबाद तथा बिहार के भागलपुर जिलों में अंग्रेजों के अत्याचार की शिकार पहाड़िया जनता ने एकजुट होकर उनके विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था। इसे पहाड़िया विद्रोह या पहाड़िया जगड़ा या संथाल हूल कहते हैं। पहाड़िया भाषा में 'जगड़ा' शब्द का शाब्दिक अर्थ है- 'विद्रोह'। यह अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम सशस्त्र जनसंग्राम था।