गुटनिरपेक्षता नहीं है तटस्थता
Panchjanya|December 25, 2022
दुनिया अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति का लोहा मानती है। जनता पार्टी की सरकार में वे विदेश मंत्री थे। ऐसे ही जब भी संसद में विदेशी मामलों पर चर्चा होती थी, वे अपने विचारों से लोगों को चकित कर देते थे
गुटनिरपेक्षता नहीं है तटस्थता

हम युद्ध और शांति के बीच तटस्थ कभी नहीं रह सकते। हम गुलामी और स्वतंत्रता के बीच तटस्थ नहीं रह सकते। हम आजादी के लिए खड़े हैं। हम अपनी आजादी के लिए लड़े और स्वतंत्रता संघर्ष के दिनों से ही, हम दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्रता सेनानियों की मदद कर रहे हैं। नामीबिया या रोडेशिया या दक्षिणी अफ्रीका में जातिवादी गोरे शासकों के समर्थन का कोई प्रश्न ही खड़ा नहीं हो सकता। रंग भेद मानवता के विरुद्ध एक अपराध है। हम दूसरे गुटनिरपेक्ष देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस अपराध के विरुद्ध दूसरे देशों से लड़ रहे हैं। हम ऐसी विश्व व्यवस्था के प्रति वचनबद्ध हैं, जहां न तो कोई राजनीतिक प्रभाव हो और न ही जातीय भेदभाव। यदि आजादी खतरे में हो, यदि अन्याय करने का अपराध किया जाए, यदि ऐसे लोगों के द्वारा हम पर युद्ध थोपा जाए जिनको शस्त्र व्यापार से लाभ होता है। लेकिन गुटनिरपेक्षता का अनुकरण विश्व परिस्थिति को बदलने के सम्मान के साथ किया जाए। यह केवल एक राजनीतिक नीति ही नहीं हो सकती। वास्तव में हमें कुछ निश्चित सिद्धांतों से जुड़े रहना है, यदि परिस्थिति बदलती है तो हमें समायोजन करना पड़ेगा और उस समायोजन को छोड़ा नहीं जा सकता। 

मुझे खेद सहित यह कहना पड़ रहा है कि कुछ मिथ्या आरोप हैं। मैं स्वीकार करता हूं कि पाकिस्तान से संबंध सुधारने की प्रक्रिया पिछली कांग्रेस सरकार के समय हुई थी। लेकिन मैं उस प्रक्रिया को आगे ले गया हूं। मुझे बधाई दी जानी चाहिए या लांछन ? मैं जानता हूं आप बधाई नहीं देंगे। आप कंजूस हैं। मैंने बिना किसी कंजूसी के पूर्व प्रधानमंत्री की प्रशंसा की थी, यद्यपि मैंने उन्हें काली या दुर्गा नहीं कहा था। (8 अगस्त, 1978, राज्यसभा, विदेश मंत्री के रूप में)

कम्युनिस्टों का कुप्रचार

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