Sadhana Path Magazine - February 2020Add to Favorites

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In this issue

धर्म - अध्यात्म,आयुर्वेद - स्वास्थ्य एवं ज्योतिष - संस्कृति की मासिक पत्रिका साधना पथ का फ़रवरी अंक महाप्रज्ञ विशेषांक है जिसमें आप पढ़ सकते हैं -
महाप्रज्ञ विशेष
आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विनयांजलि
कालजयी साहित्य के सर्जक
प्रज्ञापुरुष आचार्य महाप्रज्ञ
सहज अध्यात्म योग साधक
निर्विचार से उपजा विचार: आचार्य महाप्रज्ञ
बीसवीं सदी का अप्रतिहत व्यक्तित्व
महाप्रज्ञजी: सादर स्मरण
दिव्यात्मा महाप्रज्ञ
अलख जगाता आचार्य तुलसी का एक अनुयायी
आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्यिक मन
धर्म-अध्यात्म
इस माह के व्रत-त्योहार
शिव: विध्वंसक भी रक्षक भी
शिव का आभूषण है नाग
रुद्राक्ष में स्वयं विद्यमान हैं देवादिव महादेव
बप्पा की नगरी में भोले भंडारी
भांग, धतुरा, चंदन सफल करे शिव वंदन
महाकाल शिव की आराधना का महापर्व 'महाशिवरात्रि'
रामकृष्ण परमहंस- ईश्वरीय चेतना एवं धार्मिक सौहार्द के प्रवर्तक
स्वामी सहजानंद सरस्वती- किसानों को भगवान मानने वाला संंन्यासी
वेदों की ओर लौटो
कला से है प्यार तो सूरजकुंड मेले को है आपका इंतजार
स्वास्थ्य
वसंत ऋतु में कैसे रहें नीरोग?
संतुलित आहार की जानकारी भी है जरूरी
अमृत फल के जैसा है अमरूद
कम पौष्टिक नहीं चोकर
अलसी भी है असरकारी
स्वास्थ्य-समाचार
खान-पान पर हो ध्यान तो जीवन हो आसान
ताकि आप भी लें वसंत का आनंद
फूलों और पत्तों से भी संभव है उपचार
बदलते मौसम में कायम रखें चाय से दोस्ती
गुरुवाणी
ईश्वर का स्वरूप
दूसरों के लिए जीने में भी आनंद है
सारा खेल मन का है
संन्यासियों का क्या धर्म है
लगाव बुरा नहीं है
मन की शांति है जरूरी
साधना से पाएं सात्विक बुद्धि व उन्नति
भगवान प्रेम से प्रकट होते हैं
'उपासना' यानी क्या?
ज्योतिष
हर रंग का है एक प्रसंग
आपका खर्चा आपके हाथ
घर का मुख्य द्वार बने खुशियों का द्वार
सपने मार्गदर्शक हैं अपने
हाल बताए सितारों की चाल
पंचांग
विविध
ताजमहल से कम सुंदर नहीं ताज महोत्सव
ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी ने बिखेरा अध्यात्म का आलोक
नागरिकता संशोधन अधिनियम NRC और CAA का क्या है सच
कर्म मानुष का धर्म है सत् भाखे रविदास
अनुयायी नहीं, मार्गदर्शक बनें
स्वस्थ भारत से स्वच्छ भारत

शिवः विध्वंसक भी रक्षक भी

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि एक महत्त्वपूर्ण पर्व है, पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन महादेव के विशालतम स्वरूप अग्निलिंग से सृष्टि का उदय हुआ था।

शिवः विध्वंसक भी रक्षक भी

1 min

अनुयायी नहीं, मार्गदर्शक बनें

जब भी कभी हमारे सामने कुछ अच्छा करने की बात आती है, तो हममें से अधिकांश लोगों का उत्तर होता है, 'एक हमारे करने से क्या हो जायेगा?' अर्थात् जब सब लोग कर चुकेंगे, तभी तो हमारे करने से कोई लाभ होगा! परन्तु जरा सोचिए, जब सभी इस इंतजार में बैठे होंगें तो वह समय कब और कैसे आएगा! वास्तव में तभी कुछ अच्छा हो सकता है, जब हम यह मान लें कि सिर्फ हमारे करने से भी, सबकुछ न सही, बहुत कुछ तो अवश्य हो जाएगा। आप पूछ सकते हैं कि भला यह कैसे संभव है? तो जानते हैं, कैसे?

अनुयायी नहीं, मार्गदर्शक बनें

1 min

दूसरों के लिए जीने में भी आनंद है

जब कोई व्यक्ति दूसरों का ध्यान रख कर पहले उनके बारे में सोचता है, तो उसके भीतर एक अद्भुत भावना उत्पन्न होती है। जैसे ही आप किसी और के बारे में सोचते हैं, तो न केवल वह व्यक्ति आपके प्रति सोचता है बल्कि ईश्वर भी आपके लिए सोचते हैं।

दूसरों के लिए जीने में भी आनंद है

1 min

बीसवीं सदी का अप्रतिहत व्यक्तित्व

एक परमार्थ चेता संतहमारा देश धर्म प्रधान है। इसमें अनेक पंथ हैं, अनेक ग्रंथ हैं, अनेक साधना पद्धतियां हैं, अनेक धर्म प्रवक्ता और प्रशिक्षक हैं। समस्या है, हम कहां-कहां जाएं? सन् 1983 गुजरात यात्रा के दौरान एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ से उक्त प्रश्न पूछा।

बीसवीं सदी का अप्रतिहत व्यक्तित्व

1 min

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विनयांजलि

ईसा की बीसवीं सदी में भारत में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया। उनमें एक हैं परम पूज्य आचार्य श्री महाप्रज्ञ। अपने जीवन की बालावस्था में करीब साढ़े दस वर्ष की आयु में उन्होंने जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टम अनुशास्ता परम पूज्य आचार्य श्री कालूगणी के द्वारा मुनि दीक्षा ग्रहण की।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विनयांजलि

1 min

प्रज्ञापुरुष आचार्य महाप्रज्ञ

महाप्रज्ञ शब्द सामने आते ही एक | जिज्ञासा उभरती है कि महाप्रज्ञ कौन हो सकता है? यदा कदा 'महाप्रज्ञ' की शाब्दिक और आर्थी मीमांसा का प्रयत्न करती रहती हूं । शब्द और अर्थ मीमांसा के क्षणों में मुझे यह अनुभव होता है कि' महाप्रज्ञ' शब्द में एक शक्ति है, एक अर्थगांभीर्य है, प्राणवत्ता और गुणवत्ता है, उदात्त चेतना का अवबोध है, आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण का संबोध है ।

प्रज्ञापुरुष आचार्य महाप्रज्ञ

1 min

'अलख जगाता आचार्य तुलसी का एक अनुयायी'

' पहुंच न पाते स्वर जिस तक, तर्क की गति शिथिल होती राम तुम हो आर्य तुलसी, यह अनिर्वचनीय ज्योति'

'अलख जगाता आचार्य तुलसी का एक अनुयायी'

1 min

आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्यिक मन

आचार्य महाप्रज्ञ जी को मैंने हमेशा एक बड़े साहित्यकार के रूप में देखा है । वे पहले से मुनि नथमल के नाम से लिखते रहे थे । उनकी बचपन की अनेक घटनाओं को जोड़कर देखें तो मालूम पड़ता है कि वे बहुत ही संवेदनशील प्रवृत्ति के रहे और उनकी दृष्टि में ' अलौकिकता' का भरपूर प्रभाव रहा ।

आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्यिक मन

1 min

शिव का आभूषण है नाग

भगवान शिव के मस्तिष्क पर चन्द्रमा जटाओं में गंगा तो गले में सदैव नाग विद्यमान रहता है। शिव के गले में नाग की क्या महत्ता है आइए जानते हैं।

शिव का आभूषण है नाग

1 min

रामकृष्ण परमहंस- ईश्वरीय चेतना एवं धार्मिक सौहार्द के प्रवर्तक

महान संत, साधक, विचारक एवं सभी धर्मों की एकता पर बल देने वाले आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस भारत की 19वीं शताब्दी के प्रमुख संतों में से एक हैं। मां काली के अनन्य भक्त श्री रामकृष्ण का मानना था कि धर्म अलग-अलग रास्ते हैं लेकिन ये सभी एक ही लक्ष्य तक लेकर जाते हैं।

रामकृष्ण परमहंस- ईश्वरीय चेतना एवं धार्मिक सौहार्द के प्रवर्तक

1 min

स्वामी सहजानन्द सरस्वती- किसानों को भगवान माननेवाला संन्यासी

स्वामी सहजानन्द सरस्वती का जन्म उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा गांव में 22 फरवरी 1889 को महाशिवरात्रि के दिन हुआ था। चूंकि बचपन में ही उनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया था, इसलिए पढ़ाई के दौरान ही उनका मन अध्यात्म में रमने लगा। फिर वह क्षण भी आया जब गुरु दीक्षा को लेकर उनके बाल सुलभ मन में धर्म की कतिपय विकृति के रिवलाफ आंतरिक विद्रोह पनपा।

स्वामी सहजानन्द सरस्वती- किसानों को भगवान माननेवाला संन्यासी

1 min

वसंत ऋतु में कैसे रहें नीरोग?

मौसम के अनुकूल भोजन हमारे तन-मन दोनों के लिए स्वास्थ्यप्रद है तो भला वसंत जैसे मनमोहक ऋतु में हम अपने रवान-पान से समझौता क्यों करें! इस मौसम में भी हमारा आहार कुछ ऐसा हो कि स्वास्थ्य एवं स्वाद दोनों का सामंजस्य बना रहे।

वसंत ऋतु में कैसे रहें नीरोग?

1 min

खान-पान पर हो ध्यान तो जीवन हो आसान

खान-पान मानव जीवन का एक अहम हिस्सा है। अगर अच्छा स्वास्थ्य पाना है तो हमारा आहार कुछ इस तरह होना चाहिए कि उससे हमारी पाचन व्यवस्था प्रभावित न हो।

खान-पान पर हो ध्यान तो जीवन हो आसान

1 min

ताज महल से कम सुंदर नहीं ताज महोत्सव

देश की ऐतिहासिक धरोहर और दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताज महल दुनिया भर में प्रसिद्ध है। प्रेम की मिसाल, हस्तशिल्प-कारीगरी का बेहतरीन नमूनों में ताज महल का नाम आता है। और यह रखूबसूरती दोगुनी हो जाती है जब आयोजन होता है ताज महोत्सव का।

ताज महल से कम सुंदर नहीं ताज महोत्सव

1 min

संन्यासियों का क्या धर्म है

यह अपने मन में निश्चित जाने कि दण्ड, कमण्डलु और काषायवस्त्र आदि चिह्न धारण धर्म का कारण नहीं है, सब मनुष्यादि प्राणियों की सत्योपदेश और विद्यादान से उन्नति करना संन्यासी का मुख्य कर्म है।

संन्यासियों का क्या धर्म है

1 min

घर का मुख्य द्वार बने खुशियों का द्वार

घर के मुख्य द्वार को खुशियों का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहीं से घर में सम्पन्नता और समृद्धि आती है। इसी स्थान से घर में रहने वाले लोगों का भाग्य भी निर्धारित होता है। घर के मुख्य द्वार को शुभ और उत्तम बनाए रखने के लिए तमाम वस्तुएं लगाई जाती हैं। इन वस्तुओं को अगर सही तरीके से लगाया जाए तो लाभ हो सकता है। आइए जानते हैं घर के मुख्यद्वार से जुड़े कुछ वास्तु सुझाव।

घर का मुख्य द्वार बने खुशियों का द्वार

1 min

सपने मार्गदर्शक हैं अपने

मनुष्य गहरी नींद में सूक्ष्माकार होकर अपने भूत और भविष्य से संपर्क स्थापित करता है। यही संपर्क स्वप्न का कारण और स्वप्न का माध्यम बनता है। स्वप्न के मूल में हमारे जीवन में घटित घटनाएं होती हैं। सभी प्राणियों में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो स्वप्न देरव सकता है । जानते हैं इन सपनों का रहस्य इस आलेख से।

सपने मार्गदर्शक हैं अपने

1 min

'उपासना' यानी क्या?

तुम जब राम को स्मरण करते हो किसी आकांक्षा से, तब तुम झूठे हो। जब तुम्हारे भीतर कोई हेतु होता है तब तुम झूठे हो। अहेतुक स्मरण ही पूजा है, पाठ है प्रार्थना है।

'उपासना' यानी क्या?

1 min

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Sadhana Path Magazine Description:

PublisherDiamond Magazines Pvt. Ltd

CategoryHealth

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Sadhna Path is a health and wellness magazine which also covers spirituality and ayurveda in collaboration with Sadhna Channel. Sadhna Path is an endeavour taken under the aegis of Diamond magazines, to make discerning and callous people stop aping the West blindly and realise their country's worth. It is a monthly Hindi transformative magazine being published for the last eight years, covering religion, astrology, spirituality, vaastu and Feng Shui. It is a complete magazine for your mind, body and soul.

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