Aha Zindagi Magazine - March 2025Add to Favorites

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In this issue

जीवन के रंगों से सराबोर एक पठनीय अंक। आमुख कथा में जीवन के ऐसे जोड़ीदारों का परिचय, जिनके बिना हमारा जीवन दिक़्क़त में पड़ जाएगा या ख़त्म ही हो जाएगा। इस अंक में लोकप्रिय अभिनेत्री अमीषा पटेल अहा! अतिथि के रूप में अपनी ज़िंदगी के अनजाने पहलुओं के बारे में बता रही हैं। ज़िंदगी की किताब स्तंभ केंद्रित है इंसानी वार्तालाप में क्रांति लाने वाले ग्राहम बेल पर। शहरनामा में पटना पर एक आत्मीय नज़र। इसके साथ ही कई अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और विचारपरक लेख तथा स्थायी स्तंभ।

सोच से शुरू होता है सब

लेखक, शोधकर्ता और प्रेरक वक्ता डॉ, डिस्पेंना के लिए वह भीषण दुर्घटना मानो सौभाग्य लेकर आई थी। दुर्घटना ने उनके शरीर को तो बुरी तरह तोड़ दिया था, परंतु उसके बाद कथि एक विचार ने उन्हें संसार के महान रहस्य से परिचित कराया।

सोच से शुरू होता है सब

5 mins

किताबें पढ़ने वाली हीरोइन.

बॉलीवुड में उनका प्रवेश मानो फूलों की राह पर चलकर हुआ। उनकी शुरुआती दो फिल्मों- कहो ना प्यार है और ग़दर-ने इतिहास रच दिया। बाद में भी कई अच्छी फिल्मों से उनका नाम जुड़ा।

किताबें पढ़ने वाली हीरोइन.

10+ mins

वन के दम पर हैं हम

भौतिक विकास के रथ पर सवार मानव स्वयं को भले ही सर्वशक्तिमान और सर्वसमर्थ समझ ले, किंतु उसका जीवन विभिन्न जीव-जंतुओं से लेकर मौसम और जल जैसे प्रकृति के आधारभूत तत्वों पर आश्रित है।

वन के दम पर हैं हम

6 mins

कुछ भी कचरा नहीं है!

घर की सफ़ाई कर कचरा फेंकने की तैयारी हो रही है तो ज़रा ठहर जाइए और थोड़ा विचार करिए, क्या इसे फेंकना ज़रूरी है या फिर ये किसी और काम आ सकता है। आपके नहीं तो किसी और के ही सही।

कुछ भी कचरा नहीं है!

4 mins

लौट आओ प्यारी गौरैया

गौरैया रोज़ आती। घर आंगन में सुबह से चींचीं करती, फुदकती, दाना चुगती और ज़रा-सी आहट पर फुर्र हो जाती। फिर एक दिन वह नहीं लौटी। आख़िर क्यों दूर हो गई हमसे...?

लौट आओ प्यारी गौरैया

3 mins

दिखता नहीं, वह भी बह जाता है!

जब भी पानी की बर्बादी की बात होती है तो अक्सर लोग नल से बहते पानी, प्रदूषित होते जलस्रोत या भूजल के अंधाधुंध दोहन की ओर इशारा करते हैं।

दिखता नहीं, वह भी बह जाता है!

4 mins

बांटने में ही आनंद है

दुनिया में लोग सामान्यत: लेने खड़े हैं, कुछ तो छीनने भी । दान तो देने का भाव है, वह कैसे आएगा! इसलिए दान के नाम पर सौदेबाज़ी होती है, फ़ायदा ढूंढा जाता है। इसके ठीक उलट, वास्तविक दान होता है स्वांतः सुखाय- जिसमें देने वाले की आत्मा प्रसन्न होती है।

बांटने में ही आनंद है

4 mins

सुगंध की संस्कृति

इत्र बनाने वाले कारीगर अपने अनुभव और परंपरा से इसमें गुलाब की नज़ाकत, चंदन की शांति और केवड़े की ताज़गी घोलते हैं, जिससे यह सिर्फ़ एक महक नहीं, एक एहसास बनकर उभरता है।

सुगंध की संस्कृति

4 mins

बहानेबाज़ी भी एक कला है!

कई बार कितनी भी कोशिश कर लो, ऑफिस पहुंचने में देर हो ही जाती है, ऐसे में कुछ लोग मासूम-सी शक्ल बना लेते हैं तो कुछ लोग आत्मविश्वास के साथ कुछ बहाना पेश करते हैं। और बहाने भी ऐसे कि हंसी छूट जाए। बात इन्हीं बहानेबाज़ लोगों की हो रही है।

3 mins

बहानेबाज़ी भी एक कला है!

कई बार कितनी भी कोशिश कर लो, ऑफिस पहुंचने में देर हो ही जाती है, ऐसे में कुछ लोग मासूम-सी शक्ल बना लेते हैं तो कुछ लोग आत्मविश्वास के साथ कुछ बहाना पेश करते हैं। और बहाने भी ऐसे कि हंसी छूट जाए। बात इन्हीं बहानेबाज़ लोगों की हो रही है।

बहानेबाज़ी भी एक कला है!

3 mins

वन का हर घर मंदिर

जनजाति समाज घर की ड्योढ़ी को भी देवी स्वरूप मानता है। चौखट और डांडे में देवता देखता है। यहां तक कि घर के बाहर प्रांगण में लगी किवाडी पर भी देवता का वास माना जाता है।

वन का हर घर मंदिर

3 mins

ताक-ताक की बात है

पहले घरों में ताक होते थे जहां ज़रूरी वस्तुएं रखी जाती थीं। अब सपाट दीवारें हैं और हम ताक में रहने लगे हैं।

ताक-ताक की बात है

2 mins

जहां देखो वहां आसन

योगासन शरीर को तोड़ना-मरोड़ना नहीं है, बल्कि ये प्रकृति की सहज गतियां और स्थितियां हैं। आस-पास नज़रें दौड़ाकर देखने से पता लगेगा कि सभी आसन जीव-जंतुओं और वनस्पतियों से ही प्रेरित हैं, चाहे वो जंगल का राजा हो, फूलों पर मंडराने वाली तितली या ताड़ का पेड़।

जहां देखो वहां आसन

2 mins

फ़ायदे के रस से भरे नींबू

रायबरेली के 'लेमन मैन' आनंद मिश्रा को कौन नहीं जानता! अच्छी आय की नौकरी को छोड़कर वे पैतृक गांव में लौटे और दो एकड़ कृषि भूमि पर नींबू की खेती करके राष्ट्रीय पहचान बनाई। प्रस्तुत है, उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी।

फ़ायदे के रस से भरे नींबू

3 mins

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Aha Zindagi Magazine Description:

PublisherDainik Bhaskar Corp Ltd.

CategoryLifestyle

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Aha! Zindagi, the New Age monthly magazine from Dainik Bhaskar Group revolves around the concept of Positive Living. A combination of body, mind and soul, its content inspires the reader to lead a Positive and good Life.

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