Sadhana Path Magazine - December 2019Add to Favorites

Sadhana Path Magazine - December 2019Add to Favorites

Go Unlimited with Magzter GOLD

Read Sadhana Path along with 8,500+ other magazines & newspapers with just one subscription  View catalog

1 Month $9.99

1 Year$99.99 $49.99

$4/month

Save 50% Hurry, Offer Ends in 11 Days
(OR)

Subscribe only to Sadhana Path

1 Year $4.99

Save 58%

Buy this issue $0.99

Gift Sadhana Path

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digital Subscription
Instant Access

Verified Secure Payment

Verified Secure
Payment

In this issue

धर्म - अध्यात्म, आयुर्वेद - स्वास्थ्य एवं ज्योतिष - संस्कृति की मासिक पत्रिका साधना पथ का दिसंबर अंक ओशो विशेषांक है जिसमें आप ओशो से जुड़े कई विविध आलेखों को पढ़ सकते हैं -

* मुझे कभी मृत मत समझना, मैं सदा वर्तमान हूं
* ओशो अमर हैं! महसूस करें उन्हें उनके चरण कमल से
* विशाल वटवृक्ष की तरह हैं ओशो
* सत्य! ओशो का सबसे बड़ा अपराध
* चिरागों की तरह जलती हुई ओशो की आंखें

मुझे कभी मृत मत समझना मैं सदा वर्तमान हूं

ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो । आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।

मुझे कभी मृत मत समझना मैं सदा वर्तमान हूं

1 min

ओशो अमर है! महसूस करें उन्हें उनके चरण कमल से

प्रचीन भारत में हमेशा यह माना जाता रहा है आप केवल गुरु के चरणों तक पहुंच सकते हैं या छूचरणों तक पहुंच सकते हैं या छू ,सकते हैं , क्यों ?

ओशो अमर है! महसूस करें उन्हें उनके चरण कमल से

1 min

चिरागों की तरह जलती हुई ओशो की आंखें

1964 में मैं जबलपुर आया हुआ था, महाराष्ट्र सरकार की ड्रॉइंग की एक परीक्षा देने के लिए जो मुंबई के सर जे जे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट्स में दाखिले के लिए जरूरी थी। अपने एक सम्बंधी के यहां ठहरा हुआ था।

चिरागों की तरह जलती हुई ओशो की आंखें

1 min

ओशो की प्रथम शिष्या मा आनंद मधु

मा मधु वर्तमान में त्रिवेणी घाट के निकट गंगा किनारे एक गुजराती आश्रम में निवासित हैं। ओशो की पहली शिष्या होने के कारण, उनके दर्शन के लिए विश्व भर से लोग आते हैं।

ओशो की प्रथम शिष्या मा आनंद मधु

1 min

मा आनंद शीला के भारत आगमन का अर्थ

34 वर्ष बाद मा आनंद शीला अपने देश भारत आई तो वह आते ही मीडिया-जगत पर छा गई। यह होना स्वाभाविक था क्योंकि एक वर्ष पहले ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवा नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' ने 6 किश्तों में मुख्यतःशीला को केंद्र पर रखा था ।

मा आनंद शीला के भारत आगमन का अर्थ

1 min

विमल कीर्ति: एक सम्राट बना ओशो का चौकीदार

25 जनवरी 1947 को जन्मे राजकुमार विमल कीर्ति जर्मनी के एक सम्राट के पुत्र और ब्रिटिश प्रिंस चार्ल्स के बहनोई थे। ओशो को उन्होंने जर्मनी में सुना और परिवार सहित ओशो कम्यून, पुणे में आकर सदा के लिए बस गए।

विमल कीर्ति: एक सम्राट बना ओशो का चौकीदार

1 min

ओशो ने ही मुझे अत्यंत सफल फिल्मकर बनाया : सुभाष घई

सुभाष घई फिल्म जगत के प्रसिद्ध निर्माता - निर्देशक हैं । उन्होंने कर्ज, हीरो, खलनायक, ताल आदि अनेक सुपरहिट फिल्में दीं। उन्हें अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं । उनका मानना है कि ओशो ने ही उन्हें अति सफल फिल्मकार बनाया है ।

ओशो ने ही मुझे अत्यंत सफल फिल्मकर बनाया : सुभाष घई

1 min

ओशो का वैज्ञानिक चिंतन

ओशो द्वारा दिए गए प्रवचन लगभग 650 हिंदी अंग्रेजी पुस्तकों में आबद्ध हैं। अब जबकि ओशो को दुनिया भर में स्वीकार किया जा चुका है, यह प्रासंगिक ही है कि उनकी विचार सरणी के उद्देश्य, महत्त्व, सार्थकता, वैज्ञानिक पक्ष आदि बिंदुओं को निष्पक्ष और स्पष्ट दृष्टिकोण से उकेरा जाए।

ओशो का वैज्ञानिक चिंतन

1 min

विशाल वटवृक्ष की तरह हैं ओशो

प्रस्तुत आलेख कुटास्थानंद जी द्वारा ओशो पर दिए गए प्रवचन का संक्षिप्त रूप है। इनकी आवाज जैन मुनि तरुण सागर जी से मिलती-जुलती है जिस कारण जनमानस में यह भ्रांति है कि यह प्रवचन तरुण सागर जी का है।

विशाल वटवृक्ष की तरह हैं ओशो

1 min

थैलियम की बूंदे

रोनाल्ड रीगन प्रशासन ने जब अपनी रूढ़िवादी, ईसाई नीतियों के प्रवाह में ओशो को अक्टूबर 1985 में अकारण गिरफ्तार किया तब किसे पता था कि सदियों पूर्व सुकरात को दिए गए जहर की घटना पुनः दोहराई जा रही थी। प्रस्तुत है ओशो रजनीश को जहर दिए जाने की इस घटना का एक शोधपूर्ण विवरण लेखिका सू एपलटन की कलम से।

 थैलियम की बूंदे

1 min

ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा

सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09,1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।

ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा

1 min

युवा वर्ग एवं भविष्य के लिए नई दृष्टि

अकसर यह कहा जाता है कि ' भारत का युवा वर्ग राह खो बैठा है। ' वस्तुस्थिति , यद्यपि यह है कि भारत का युवा वर्ग देखता है, जानता है कि जिस राह पर वह खड़ा है वह सरासर गलत है। परंतु विडंबना यह है कि क्या गलत है और क्यों गलत है उसे वह ठीक से बता नहीं पाता है, समझा नहीं पाता है।

युवा वर्ग एवं भविष्य के लिए नई दृष्टि

1 min

ओशो के अष्टावक्र महागीता पर महाभाष्य

ओशो की यह महागीता जीवन के सभी सोपानों की तार्किक विवेचना करती है । गीता की मीमांसा करके ओशो ने जीवन की तलाश कर ली थी।

ओशो के अष्टावक्र महागीता पर महाभाष्य

1 min

मुझे समझने के लिए तुम्हें दिवाना मस्ताना होना पड़ेगा ।

ओशो को समझने के लिए आपको विचार शून्य होना होगा। कुछ भूलना होगा। जब नजर पर कोई सामाजिक चश्मा न रहेगा तो ओशो आपको सामने खड़े मिलेंगे ।

मुझे समझने के लिए तुम्हें दिवाना मस्ताना होना पड़ेगा ।

1 min

अप्प दीपो भव:

स्वामी कृष्णवेदांत ओशो के वरिष्ठ संन्यासियों में से एक हैं। प्रस्तुत है ओशो के अध्यात्म पर स्वामी जी से साक्षात्कार के प्रमुख अंश

अप्प दीपो भव:

1 min

सत्य-ओशो का सबसे बड़ा अपराध!

ओशो का सबसे बड़ा अपराध शायद यही रहा कि उन्होंने किसी को बरगलाया नहीं, धोरवा नहीं दिया। ऐसे व्यक्ति दुनिया में बहुत कम ही होते हैं, इसीलिए उनके रिवलाफ सामाज में दुष्प्रचार फैलाया गया। लेकिन ओशो अपने मार्ग से डिगे नहीं, ऐसे व्यक्ति को अपना आदर्श मानना बेहद कठिन और साहसिक कृत्य है।

सत्य-ओशो का सबसे बड़ा अपराध!

1 min

प्रेम और विवाह

जिसके जीवन में प्रेम की कोई झलक नहीं है, उसके जीवन में परमात्मा के आने की कोई संभावना नहीं है। प्रेम के अतिरिक्त कोई रास्ता प्रभु तक नहीं पहुंच सकता।

प्रेम और विवाह

1 min

ओशो : एकमात्र विकल्प

स्वामी चन्द्रमौली ओशो संन्यासियों में एक जाना-पहचाना नाम है। ओशो प्रचार-प्रसार में स्वामी जी का विशेष योगदान है। प्रस्तुत है उनसे हुई भेटवार्ता के कुछ महत्त्वपूर्ण अंश।

ओशो : एकमात्र विकल्प

1 min

नानक का धर्म नवीनतम है

नानक की 550 वीं जयंती एवं प्रकाश उत्सव पर प्रस्तुत है ओशो का विशेष प्रवचन जो उनकी 'एक ओंकार सतनाम' नामक पुस्तक में संकलित है ।

नानक का धर्म नवीनतम है

1 min

क्या दुनिया बचेगी ?

ओशो 1960 से ही नए मनुष्य के बीज बोते रहे । नया मनुष्य ही अपनी व पृथ्वी की रक्षा कर सकता है । किन्तु लोग उनको नहीं समझ पाए । और यही दुर्भाग्य बन गया है ।

क्या दुनिया बचेगी ?

1 min

ओशो का इंद्रधनुषी अध्यात्म: मायाजाल या समाधान

स्वामी अंतर जगदीश कई वर्षों से ओशो के अनुयायी हैं और ध्यान शिविरों का आयोजन करते रहे हैं । प्रस्तुत है उनसे साक्षात्कार के प्रमुख अंश ।

 ओशो का इंद्रधनुषी अध्यात्म: मायाजाल या समाधान

1 min

ओशो ने दुनिया को हास्य से भर दिया

ओशो ने आधुनिक मनुष्य को हंसता, नाचता, गाता धर्म दिया। रोती बिलरवती तनावग्रस्त दुनिया को ठहाकों से भर दिया।

ओशो ने दुनिया को हास्य से भर दिया

1 min

विरोध को श्रद्धा में बदलने की कीमिया है ओशो में

मुकेश कुमार कवि तथा लेखक हैं। प्रारंभ में ये ओशो के विरोधी रहे। 2008 में हृदय परिवर्तित हुआ और ओशो नव-संन्यास में दीक्षा ग्रहण की, नया नाम मिला स्वामी आनंद अमितेष

विरोध को श्रद्धा में बदलने की कीमिया है ओशो में

1 min

आधुनिक मनुष्य कौन है ?

कंटेम्प्रेरी , समकालीन मनुष्य को अस्तित्व में लाना है । वही मेरा काम है । यही कारण है कि हर कोई मेरे विरुद्ध है - क्योंकि वे लोग समकालीन नहीं हैं ।

आधुनिक मनुष्य कौन है ?

1 min

ओशो का सर्वाधिक लोकप्रिय 'सक्रिय ध्यान'

प्रतिस्पर्धा, एवं अति व्यस्तता के कारण आज का मनुष्य अति जटिल, कुंठित, चिंतित, निरूत्साहित, अवसादग्रस्त व तनावग्रस्त होता जा रहा है।

ओशो का सर्वाधिक लोकप्रिय 'सक्रिय ध्यान'

1 min

ओशो का अमृत संदेश कैसे फैलाएं ?

ओशो के अमृत संदेश को जनमानस तक कैसे पहुंचाया जाए ? यह प्रश्न अनेक परिपक्व मित्रों के मन में अक्सर उठता है , खासकर उनके , जिन्होंने ध्यान साधना द्वारा परम सत्य का रसास्वादन किया है ।

ओशो का अमृत संदेश कैसे फैलाएं ?

1 min

ओशो ने नारी को गौरवान्वित किया है

ओशो स्त्री को इस सृष्टि और जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग ही नहीं मानते, अपितु उच्चतम दर्जा भी देते हैं। ओशो ने संपूर्ण मानव इतिहास की गलतियों को सुधारते हुए अपनी पहली संन्यास दीक्षा स्त्री को ही दी। ओशो ने स्त्रियों को संन्यास देते हए उनके नाम के साथ 'मा' शब्द को जोड़ा और इस तरह उन्होंने स्त्री की आंतरिक संभावना को आवाज दी।

ओशो ने नारी को गौरवान्वित किया है

1 min

ओशो हैं इक प्यार का सागर

स्वामी ईशान महेश आध्यात्मिक उपन्यासकार एवं शिक्षक हैं । अपनी ध्यान-यात्रा में जाने का श्रेय वे ओशो के अंतरंग शिष्यों को देते हैं। प्रस्तुत है ओशो के प्रति स्वामी ईशान महेश का दृष्टिकोण।

ओशो हैं इक प्यार का सागर

1 min

Read all stories from Sadhana Path

Sadhana Path Magazine Description:

PublisherDiamond Magazines Pvt. Ltd

CategoryHealth

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Sadhna Path is a health and wellness magazine which also covers spirituality and ayurveda in collaboration with Sadhna Channel. Sadhna Path is an endeavour taken under the aegis of Diamond magazines, to make discerning and callous people stop aping the West blindly and realise their country's worth. It is a monthly Hindi transformative magazine being published for the last eight years, covering religion, astrology, spirituality, vaastu and Feng Shui. It is a complete magazine for your mind, body and soul.

  • cancel anytimeCancel Anytime [ No Commitments ]
  • digital onlyDigital Only
MAGZTER IN THE PRESS:View All