Sadhana Path Magazine - January 2023Add to Favorites

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In this issue

अध्यात्म
चिंतन और मनन का पर्व: मकर संक्रांति
नववर्ष का स्वागत कैसे करें
नववर्ष यानी नवसंकल्प
मंगलकामनाओं का नववर्ष
ऐसी हो नववर्ष की संकल्प—रश्मि
क्या होता है कल्पवास
स्नान और ध्यान का पर्व मकर संक्रांति
विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति
कुम्भ का अर्थ
कुम्भ का ज्योतिषिय कारण
आखिर कौन हैं ये नागा साधु
कुम्भ के बाद कहां गायब हो जाते हैं नागा साधु
युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद का उद्धोन
ऐसे थे न्यायधीश महादेव गोविंद रानाडे
भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस

स्वास्थ्य
सेहत और स्वाद का खजान—साग
सूर्य आराधान का केंद्र है पश्चिमोन्मुख
देव मंदिर
चर्म रोग दूर करता है—पलाश
कैसे करें खाद्य प्रदार्थ में मिलावट की जांच
स्वास्थ्य समाचार
चमत्कारिक औषिधी—अलसी
खुश्की से पाएं मुक्ति
सर्दियों की देसी मिठाईयां
हर्ष उमंग एवं सद्भावना का त्यौहार—लोहड़ी
मसाले जो सर्दी से बचाए
एक्सरसाइज को बनाएं रोमांचक
जापान में कैसे 100 वर्ष
ज्योतिष
क्या एक—दूसरे के पूरक हैं
दर्शनशास्त्र और विज्ञान
जानिए चाय के कप से अपना भविष्य
सूर्य ग्रह और ज्योतिष
गेस्ट रूम के मानक नियम
मानसिक व्याधियों में सहायक रत्न
वस्तुएं जो सुख—समृद्धि लाएं
क्यों रखते हैं रविवार का व्रत
क्या आपकी कुंडली में धन प्राप्ति का योग है
राशियों में शनि की साढ़ेसति
प्रभाव एवं उपाय

गुरुवाणी
जीवन की गति को बदलना
साधना जीवन का रसास्वादन है
रचनात्मक कदम उठाएं
जीवन का गणित
गुरु से आर्शीवाद लेने की कला

नववर्ष का स्वागत ऐसे करें

यदि एक ओर हम यह कहते हैं 'अंत भला तो सब भला' वहीं दूसरी ओर हम यह भी मानते हैं 'यदि शुरुआत अच्छी होगी तो अंत भी अच्छा एवं सुखद होगा।' व्यवहारिक तौर पर दोनों ही बातें सही एवं सत्य हैं। इसलिए हमें चाहिए कि वर्तमान वर्ष के अंत में कुछ ऐसा करें जिससे हमारा आज एवं आने वाला कल यानी नव वर्ष दोनों संवर सके।

नववर्ष का स्वागत ऐसे करें

8 mins

नववर्ष यानी नव संकल्प

नए साल की नई भार के साथ सूर्योदय की नई किरणों की तरह आप एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लें। अपने मधुर व्यक्तित्व को निखारें और अपने आसपास के परिवेश को भी खुशहाल बनाए रखने की आदत बनाएं

नववर्ष यानी नव संकल्प

4 mins

मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व

यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।

मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व

5 mins

ऐसी हो नव वर्ष की संकल्प रश्मि

हर साल हम सभी पुराने वर्ष के जाने तक नए वर्ष के आने का जश्न मनाते हैं, लेकिन क्या सिर्फ जश्न मनाना ही काफी है।

ऐसी हो नव वर्ष की संकल्प रश्मि

5 mins

क्या होता है कल्पवास ?

कल्पवास एक तपस्या के समान है इसमें संयम, नियम के साथ अल्पाहार, भूमि पर शयन, शुद्ध मन, वचन जरूरी है।

क्या होता है कल्पवास ?

2 mins

स्नानं और ध्यान का पर्व 'मकर संक्रांति'

वसंत के आने के पूर्व तैयारी का पर्व है मकर संक्रांति। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य अपना अयन बदलता है। क्या महत्त्व है मकर संक्रांति का तथा कौन सी हैं इस पर्व से जुड़ी कथाएं आइए जानते हैं-

स्नानं और ध्यान का पर्व 'मकर संक्रांति'

4 mins

विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति

भारत त्योहारों का देश है, यहां प्रत्येक त्योहार को हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्हीं में से एक त्योहार है मकर संक्रांति जिसे भारत के प्रत्येक राज्य के लोग अपनी परंपरा, संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। कैसे मनाया जाता है भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति का त्योहार आइए जानते हैं-

विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति

4 mins

कुम्भ का ज्योतिषीय कारण

हिन्दू धर्म का एक बेहद महत्त्वपूर्ण पर्व कुम्भ धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक व ज्योतिष हर रूप में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

कुम्भ का ज्योतिषीय कारण

3 mins

आखिर कौन हैं ये नागा साधु ?

महाकुम्भ के मेले में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाले नागा साधुओं के बारे में हर कोई यह जानना चाहता है कि आरिवर कौन हैं ये ? क्या है इनकी अनोखी वेष-भूषा का रहस्य ? तो आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।

आखिर कौन हैं ये नागा साधु ?

5 mins

युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन

युगपुरुष एवं करोड़ों युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। स्वामी जी के जन्मदिवस पर प्रस्तुत है युवाओं को दिए उनके कुछ प्रेरणादायक विचार।

युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन

5 mins

सेहत और स्वाद का खजाना - 'साग'

हरी सब्जियों में साग के अनेक लाभ हैं। क्या है साग के लाभ आइए जानते हैं इस लेख से-

सेहत और स्वाद का खजाना - 'साग'

6 mins

सूर्य आराधना का केंद्र है पश्चिमोन्मुख देव मंदिर

भगवान सूर्य को समर्पित भारत में अनेकों मंदिर हैं, ऐसा ही एक मंदिर औरंगाबाद में स्थित है। कैसे हुआ मंदिर का निर्माण, क्या मान्यता है इस मंदिर से जुड़ी ? आइए लेख से जानें विस्तारपूर्वक।

सूर्य आराधना का केंद्र है पश्चिमोन्मुख देव मंदिर

3 mins

चमत्कारिक औषधि अलसी

अलसी सिर्फ खाद्य तेल के रूप में ही प्रयुक्त नहीं होती अपितु इसके कई स्वास्थ्यकारी लाभ भी हैं। कैसे अलसी औषधि के रूप में भी काम करती है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।

चमत्कारिक औषधि अलसी

5 mins

खुश्की से पाएं मुक्ति

बाजार में आसमान छूती कीमत वाले कई मॉइश्चराइजर भरे पड़े हैं। किंतु आपकी रसोई में मौजूद कई उत्पादों का अगर आप सही तरीके से इस्तेमाल करें तो वे बेहद कम कीमत में प्रभावी मॉइश्चराइजर का काम कर सकते हैं।

खुश्की से पाएं मुक्ति

3 mins

हर्ष, उमंग एवं सद्भावना का त्योहार - लोहड़ी

लोहड़ी की बात करते ही आंखों के सामने छा जाती है आग, मूंगफली और रेवड़ी की तस्वीर और साथ ही उभर आता है ढोल और भंगडे का शोर, क्यों? आइये जानते हैं।

हर्ष, उमंग एवं सद्भावना का त्योहार - लोहड़ी

4 mins

जापान में कैसे 100 वर्ष आराम से जी लेते हैं लोग ?

जापान दुनियां में एक अत्याधुनिक देश के रूप में जाना जाता है, किन्तु जापान जितना बाहर से अत्याधुनिक या समृद्ध दिखता है उतना ही वहां रहने वाले लोग सामान्य जीवन या यूं कहे अनुशासनबद्ध जीवन पसंद करते हैं। शायद यही कारण है कि, जापान में 100 वर्ष का जीवन लोग आसानी से जी लेते हैं।

जापान में कैसे 100 वर्ष आराम से जी लेते हैं लोग ?

4 mins

क्या एक दूसरे के पूरक हैं दर्शनशास्त्र और विज्ञान ?

ज्ञान को हम दो भागों में विभक्त करते हैं। एक है विज्ञान और दूसरा दर्शनशास्त्र। अमूमन विज्ञान और दर्शनशास्त्र पृथक माने जाते हैं। किन्तु कई विषयों पर दोनों में पूरकता भी नजर आती है। दर्शन और विज्ञान के इस संबंध पर आइए विस्तार से चर्चा करें।

क्या एक दूसरे के पूरक हैं दर्शनशास्त्र और विज्ञान ?

5 mins

गेस्ट रूम के मानक नियम

प्रत्येक भवन अथवा प्रतिष्ठान में प्राय: अतिथि कक्ष (गेस्ट रूम) अवश्य बनवाया जाता है। इसका कारण यह है कि सभी परिवारों में उनके कुछ संबंधी, मित्र आदि अथवा प्रतिष्ठान से जुड़े लोग प्राय: दो-चार दिन के लिए किसी कार्य वश आते रहते हैं।

गेस्ट रूम के मानक नियम

2 mins

सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे ?

सुहागिन महिलाएं सिन्दूर क्यों लगाती हैं ?

सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे ?

3 mins

गुरु से आशीर्वाद लेने की कला

आशीर्वाद का अर्थ है- गुरु ने तुम्हारे शून्य में, तुम्हारी रिक्तता में अपने को भरा, ताकि तुम्हारे भीतर जो दबा पड़ा है, उसे पुकार मिल जाए, तुम्हारे भीतर जो बीज है वह भी अंकुरित होने लगे, उसे खबर मिल जाए कि मैं क्या हो सकता हूं!

गुरु से आशीर्वाद लेने की कला

5 mins

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Sadhana Path Magazine Description:

PublisherDiamond Magazines Pvt. Ltd

CategoryHealth

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Sadhna Path is a health and wellness magazine which also covers spirituality and ayurveda in collaboration with Sadhna Channel. Sadhna Path is an endeavour taken under the aegis of Diamond magazines, to make discerning and callous people stop aping the West blindly and realise their country's worth. It is a monthly Hindi transformative magazine being published for the last eight years, covering religion, astrology, spirituality, vaastu and Feng Shui. It is a complete magazine for your mind, body and soul.

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