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Religious-Spiritual

Rishi Prasad Hindi

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सम्पूर्ण संत-समाज व हिन्दू संगठनों से विनती...

संस्कृति की रक्षा में भारत के सभी हितैषियों को एकजुट होना पड़ेगा।

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February 2022
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सद्गुरु-वचनों में निष्ठा कितना ऊँचा बनाती है !

चौरासी के चक्कर से बचना हो तो ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु के चक्कर में आना सौभाग्य की बात है।

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February 2022
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शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण

वासनापूर्ति की बेवकूफी में ही दुःख है।

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February 2022
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महाशिवरात्रि-व्रत की महिमा निराली

असली 'मैं' को खोजते-खोजते नकली 'मैं' विलय होता है तो आत्मज्ञान हो जाता है।

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February 2022
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देवत्वहीन होने के लिए नहीं, देवत्व जगाने के लिए होती है उपासना

विद्यार्थी संस्कार

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February 2022
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जीवन में धर्म, सुख-समृद्धि और परमानंद लाना है तो 'ऋषि प्रसाद' के अभ्यासी बन जाइये

विकारी लोगों का संग छोड़ते जायें और सत्संगियों का, सत्शास्त्रों का संग बढ़ाते जायें तो जल्दी कल्याण होगा।

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February 2022
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...तो जीवनदाता तुम्हारा आत्मा प्रकट हो जायेगा

सत्संग में हमारे विवेक का दीया जलता है लेकिन हम रक्षा नहीं करते इसलिए बुझ जाता है।

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February 2022
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'ऋषि प्रसाद' व सत्साहित्य से बदला नारकीय जीवन

गुरुमंत्र की चिनगारी लेकर उसको फूंकते जाओ तो चाहे कितनी भी वासनारूपी घास हो, जल जायेगी।

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February 2022
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भक्तों के भाव स्वीकारते गुरुवर पग-पग पर सहाय करते बन रहबर

भगवान को तुम क्या देते हो इसका महत्त्व नहीं है बल्कि किस भाव से देते हो इसका बड़ा महत्त्व है।

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January 2022
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सूर्यदेव ने कार्तिकजी का पूजन रोककर पहले किनको पूजा ?

तुम आत्मदेव में जग जाओ तो वह दिन दूर नहीं कि देवी-देवता तुम्हें रिझाना शुरू कर दें।

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January 2022
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शरीर को स्वच्छ व पुष्ट करनेवाला गेहूँ का चोकर

अनुकूलता का सदुपयोग किया तो प्रतिकूलता का असर नहीं होगा।

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January 2022
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ईश्वरीय अंश विकसित कर यहीं ईश्वरतुल्य हो जाओ

भोगों से विरक्ति हो रही है तो समझो जगने की तरफ (ईश्वर की ओर) चल रहे हैं।

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January 2022
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कसाब के लिए मानवाधिकार है और संत के लिए नहीं ?

जो सच्चे संतों की निंदा करता है, उनको सताता है, वह अपने भाग्य को ठुकराता है, आत्मघात करता है।

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January 2022
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परिक्रमा क्यों ?

सत्संग से समत्व योग की कला सुनकर थोड़ा मनन करके अपने व्यवहार में लायें तो व्यवहार भी बंदगी हो जायेगा।

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January 2022
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दृढव्रती हो जाओ

अपने वास्तविक स्वरूप में टिकने की दृढ़ता आ जाय तो शांति तो हमारा स्वभाव है।

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January 2022
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ऐसा निःस्वार्थ सेवाभाव महान बना देता है

जो चिंता की खाई में नहीं गिरता है उसके हृदय में आनंद का झरना फूट निकलता है।

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January 2022
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आशारामजी बापू जेल में नहीं हैं, हमारी संस्कृति की रक्षा-प्रणाली जेल में है : श्री धनंजय देसाई

अधा वृत्राणि जङ्घनाव भूरि ।

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January 2022
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'सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति

तुम्हारे जीवन में जो भी श्रेय है, जो भी अच्छा है वह बाँटने के लिए है।

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January 2022

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मैं जिंदा हूँ तो केवल पूज्य बापूजी की वजह से !

सन् २००१ की बात है। मेरा प्लाइवुड का धंधा अच्छा चल रहा था लेकिन ज्यादा मुनाफे के लालच में मैं 'फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर' का काम करने लगा । उसमें मुझे बहुत घाटा सहना पड़ा और मेरे ऊपर डेढ़-दो करोड़ रुपये का कर्जा हो गया । पैसे समय पर न लौटाने के कारण मेरे ऊपर २२ केस हो गये । कई जगहों पर तो कोर्ट ने अरेस्ट वारंट तक निकाल दिये थे । जेल जाने की नौबत आ गयी थी। आखिर कोई रास्ता न निकलता देख परेशान होकर मैंने आत्महत्या करने का र निर्णय ले लिया।

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December 2021
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...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है

मोह (अज्ञान) सारी व्याधियों का मूल है, इससे भव का शूल उत्पन्न होता है।

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December 2021

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तुलसी के एक पत्ते पर बिक गये भगवान

जहाँ अपनापन होता है वहाँ प्रीति होती है अतः भगवान को अपना मानो।

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December 2021

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भक्तों की सुनते पुकार, सर्वांतर्यामी हैं मेरे करतार !

'पूज्य बापूजी के प्रेरक जीवन-प्रसंग' गतांक से आगे

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December 2021

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बापूजी के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी जल्द-से-जल्द रिहाई होनी चाहिए

अगर समाज में भाईचारा लाना है तो ब्रह्मवेत्ता संतों के ही प्रभाव-प्रसाद की जरूरत है।

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December 2021

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समता और लगन का महत्त्व

समता ऊँचा ब्रह्मास्त्र है। दूसरे कोर्स के बजाय समताप्राप्ति का कोर्स करो, यह सर्वश्रेष्ठ कोर्स है।

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December 2021

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सुप्रचार का एक तरीका यह भी...

जो ईमानदारी से गुरुसेवा करते हैं उनमें गुरु-तत्त्व का बल, बुद्धि, प्रसन्नता आ जाती है।

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December 2021

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अभेद दृष्टि लायें, चिंतन अनन्य बनायें

अपने को खोजोगे तो एक (परमात्मा) से दिल बँध जायेगा।

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December 2021

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क्या है मूल समस्या व उसके समाधान में 'तुलसी पूजन दिवस' का योगदान

सत्यस्वरूप परमात्मा का पता न होना और संसार सच्चा लगना - यही सबसे बड़ी भूलभुलैया है।

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December 2021

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तब हमें पता चलेगा कि उत्तरायण कितना मूल्यवान पर्व है !

दुराचार, अश्रद्धा या अहंकार ऐसा दुर्गुण है कि उससे सब योग्यताएँ नष्ट हो जाती हैं।

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December 2021
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यह जिनके हाथ लगी उनका जीवन चमक उठा

आप अपना अपमान नहीं चाहते हैं तो दूसरों का अपमान करने से पहले विचार करिये ।

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November 2021
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हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों?

भगवान के भजन से भगवान के ऐश्वर्य के साथ आपका चित्त एकाकार होता है।

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November 2021