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Vivek Jyoti - February 2025

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

इस अंक में

1. तू सर्वव्यापी आत्मा है, इसका मनन और ध्यान कर : विवेकानन्द ५४ 2. बेलूड़ मठ में स्वामी ब्रह्मानन्द मन्दिर (स्वामी विमलात्मानन्द) ५७ 3. स्वामी ब्रह्मानन्द और भुवनेश्वर (स्वामी तन्निष्ठानन्द) ५९ 4. श्रीरामकृष्ण के लीला-साथी मानस-पुत्र राखाल (स्वामी ईशानन्द) ६८ 5. (बच्चों का आंगन) पाठशाला में मित्रों के पिटाई से दुखित राखालराज (श्रीमती मिताली सिंह) ७१ 6. शिवसूक्तम् (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) ७२ 7. स्वामी विवेकानन्द और महात्मा गाँधी (स्वामी सत्यरूपानन्द) ७३ 8. (युवा प्रांगण) युवाशक्ति के प्रेरक स्वामी ब्रह्मानन्द (स्वामी गुणदानन्द) ७५ 9. ओंकारेश्वर तीर्थ, माँ नर्मदा और स्वामी ब्रह्मानन्द (डॉ. अन्वय मुखोपाध्याय) ७९ 10. भगवान भूतनाथ और भारत (पं. श्री अयोध्यासिंह जी उपाध्याय) ८३ 11. स्वामी ब्रह्मानन्द की काशी-लीला (उत्कर्ष चौबे) ८४ 12. कैलाश और शिवतत्त्व (ओमप्रकाश श्रीवास्तव) ८८ 13. (कविता) श्रीनर्मदा-स्तुति (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) ६४ 14. (कविता) देवी सरस्वति तुम्हें प्रणाम (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) ७२ 15. (कविता) ठाकुर शरण तुम्हारी आया (आनन्द तिवारी ‘पौराणिक’) ७८ 16. ब्रह्मानन्द चरित गान (डॉ. अनिल कुमार ‘फतेहपुरी’) ८१

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