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Vivek Jyoti - April 2024

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

इस अंक में

1. हिन्दू धर्म में राष्ट्रीय भाव है आध्यात्मिकता : विवेकानन्द १५० 2. श्रीराम और श्रीरामकृष्ण (स्वामी निखिलात्मानन्द) १५३ 3. मित्रों के मित्र श्रीराम (रामकुमार गुप्ता) १५६ 4. दूसरों का हित पहले सोचो (स्वामी सत्यरूपानन्द) १५८ 5. (बच्चों का आंगन) हनुमानजी से सीखें (श्रीमती मिताली सिंह) १५९ 6. हिन्दी साहित्याकाश के प्रखर सूर्य श्रीराम (उत्कर्ष चौबे) १६० 7. (युवा प्रांगण) श्रीराम और युवा (स्वामी गुणदानन्द) १६७ 8. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) १७२ 9. संस्कृत साहित्य में श्रीराम (श्री अरुपम सान्याल) १७६

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