मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

10,000 से अधिक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और प्रीमियम कहानियों तक असीमित पहुंच प्राप्त करें सिर्फ

$149.99
 
$74.99/वर्ष

कोशिश गोल्ड - मुक्त

मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

मैगज़्टर गोल्ड के साथ असीमित हो जाओ

10,000 से अधिक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और प्रीमियम कहानियों तक असीमित पहुंच प्राप्त करें सिर्फ

$NaN
 
$NaN/वर्ष

जल्दी करें, सीमित अवधि का ऑफर!

0

घंटे

0

मिनट

0

सेकंड

.

Vivek Jyoti - December 2023

filled-star
Vivek Jyoti
From Choose Date
To Choose Date

Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

इस अंक में

1. मानव-देहरूपी मन्दिर सर्वश्रेष्ठ मन्दिर है : विवेकानन्द ६०६ 2. (बच्चों का आंगन) असम्भव को सम्भव किया (श्रीमती मिताली सिंह) ६१२ 3. लोकमान्य तिलक से विवेकानन्द के गीतोक्त कर्मयोग पर वार्तालाप (डॉ. विद्यानन्द ब्रह्मचारी) ६१३ 4. जो अन्नपूर्णा हैं, वे ही माँ सारदा हैं (चिन्मयी प्रसन्न घोष) ६१५ 5. गुरु-मन्त्र में महान शक्ति है (स्वामी सत्यरूपानन्द) ६१८ 6. मन:सूक्तम् (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) ६१९ 7. (युवा प्रांगण) जीवन में अनुशासन की आवश्यकता (स्वामी गुणदानन्द) ६२० 8. माँ सारदा कुटीर (स्वामी ओजोमयानन्द) ६२२ 9. प्रेममय स्वामी भूतेशानन्द जी महाराज (स्वामी आत्मस्थानन्द) ६२६ 10. राम-नाम का अमृत (मैथिलीशरण ‘भाईजी’) ६२८ 11. क्रोध से शान्ति की ओर (स्वामी ओजोमयानन्द) ६३० 12. दान करते रहो, एक दिन परमहंस भी आयेंगे (प्रभुदत्त ब्रह्मचारी) ६३९

हाल के अंक

संबंधित शीर्षक

लोकप्रिय श्रेणियां