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Vivek Jyoti - January 2024

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

इस अंक में

1. भारत के पुनरुत्थान के उपाय : विवेकानन्द ६ 2. सुभाष के छात्र-जीवन में स्वामी विवेकानन्द का प्रभाव (स्वामी सुवीरानन्द) ९ 3. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) १६ 4. (बच्चों का आंगन) आत्मशक्ति का बोध (श्रीमती मिताली सिंह) २१ 5. इष्ट को मूर्ति नहीं, जाग्रत समझो (स्वामी सत्यरूपानन्द) २३ 6. (युवा प्रांगण) क्या तुम्हारी कोई प्रतिमा है? (स्वामी गुणदानन्द) २४ 7. महादेवस्तवनम् (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) २५ 8. नारी शिक्षा में श्रीमाँ सारदा का योगदान (रीता घोष) २७ 9. मूर्त-महेश्वर : स्वामी विवेकानन्द (चम्पा भट्टाचार्य) ३५ 10. वात्सल्य की त्रिमूर्ति श्रीमाँ सारदा (हरेन्द्र सेराड़ी) ४०

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