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Vivek Jyoti - February 2023

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

इस अंक में

त्याग और प्रत्यक्षानुभूति का समय आ चुका है : विवेकानन्द १२६ देवों के देव : महादेव शिव (लक्ष्मीनारायण दोदका) १२९ संत सखूबाई (स्वामी राजेश्वरानन्द) १३२ श्रीरामकृष्ण का आकर्षण (स्वामी अलोकानन्द) १३७ (बच्चों का आंगन) आत्मशक्ति का बोध (श्रीमती मिताली सिंह) १४१ (युवा प्रांगण) परिश्रम और दृढ़ संकल्प : सफलता के सोपान (स्वामी गुणदानन्द) १४३ श्रीरामकृष्ण का नारियों के प्रति सहृदयता (मीनल जोशी) १५० विनोदप्रिय श्रीरामकृष्ण (डॉ. अवधेश प्रधान) १५६ आप भला तो जग भला (स्वामी सत्यरूपानन्द) १६१

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