Go Unlimited with Magzter GOLD

Go Unlimited with Magzter GOLD

Get unlimited access to 10,000+ magazines, newspapers and Premium stories for just

$149.99
 
$74.99/Year
The Perfect Holiday Gift Gift Now

कहां तक जाएगा यह हिन्दी-तमिल का झगड़ा

DASTAKTIMES

|

May 2025

उत्तर-दक्षिण का भाषाई युद्ध तेज हो गया है। पिछले कुछ महीनों से तमिलनाडु के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली स्थानीय भाषा को लेकर चला आ रहा विवाद निचले स्तर पर उतर आया है। डीएमके कार्यकर्ता संसद से लेकर सड़क तक केन्द्र सरकार को घेर रहे हैं। मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति के तीन-भाषा फार्मूले से हिंदी की अनिवार्यता को पहले ही हटा दिया था, इसके बावजूद तमिलनाडु सरकार इसे अपने यहां लागू नहीं कर रही है। स्टालिन सरकार ने इस साल राज्य के बजट की किताब से रुपए के हिंदी प्रतीक चिन्ह को हटाकर तमिल प्रतीक चिन्ह लगा दिया। आखिर किस दिशा में जा रहा है ये भाषाई विवाद, बता रहे हैं दस्तक टाइम्स के प्रधान संपादक रामकुमार सिंह।

- रामकुमार सिंह

कहां तक जाएगा यह हिन्दी-तमिल का झगड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रामेश्वरम की एक रैली में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भाषा विवाद के बीच गहरा कटाक्ष करते हुए कहा- कभी-कभी, मुझे आश्चर्य होता है जब मुझे तमिलनाडु के कुछ नेताओं के पत्र मिलते हैं, उनमें से किसी पर भी तमिल में हस्ताक्षर नहीं होते हैं। अगर हमें तमिल पर गर्व है, तो मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे कम से कम अपने नाम पर तमिल में हस्ताक्षर करें।' यह प्रधानमंत्री का तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उस चेतावनी का जवाब था जिसमें उन्होंने कहा था- 'मैं मोदी सरकार को चेतावनी देता हूं कि मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर मत फेंको। तमिलों की अद्वितीय लड़ाकू भावना को देखने की इच्छा मत रखो।' संसद में गरमागरम बहस चल रही थी। डीएमके के सांसद पीछे से तमिल-हिंदी को लेकर टीका टिप्पणी कर रहे थे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टालिन और उनकी पार्टी के सदस्यों पर ‘शरारत' करने का आरोप लगाया। प्रधान ने कहा, 'उनका एकमात्र काम भाषा संबंधी बाधाएं खड़ी करना है। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं।' इस बयान के अगले दिन तमिलनाडु में स्टालिन की पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आये और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उत्तर और दक्षिण के राजनेताओं के बीच ये कोई साधारण राजनीति से प्रेरित नोकझोंक नहीं है। न ही ये नई दिल्ली और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के बीच केन्द्र व राज्य के नेताओं के बीच कोई वाकयुद्ध है। इन तल्ख बयानबाजियों में भाषा के एक खतरनाक विवाद की पृष्ठभूमि छुपी हुई है। ये एक चिंगारी है जो कभी भी भाषाई विवाद को लेकर उग्र रूप धारण कर सकती है। यह तमिलहिंदी भाषा के ऐतिहासिक विवाद का नया संस्करण है। स्टालिन इस जख्म को एक बार फिर हरा करना चाहते हैं, वह भी स्कूली बच्चों की पढ़ाई की कीमत पर।

imageविवाद की जड़

MORE STORIES FROM DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

तिरूपति में शादी करना चाहती हैं जान्हवी कपूर

जान्हवी कपूर ने अपने अब तक के सफर में बहुत कुछ झेला है। उनके संघर्ष, दर्द और को जानकर व समझकर आप उन्हें शोहरत, प्यार और इंसानी स्वभाव को लेकर उनके शंकालु होने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते। इन सबके बावजूद, एक बेबाक बातचीत के दौरान, मुंबई की वरिष्ठ पत्रकार मीरा गणपति ने उनके अंदर पुराने ज़माने के रोमांस को पाने की ललक देखी।

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

महागठबंधन में गांठ

उपेक्षा का आरोप लगाकर झामुमो ने किया बिहार विधानसभा चुनाव से किनारा, चुनाव के बाद करेंगे हिसाब

time to read

8 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

लाभार्थी वोटर दिखाएगा रंग

इस चुनाव में बिहार का लाभार्थी वोटर अहम भूमिका निभाने जा रहा है। चुनाव का सारा दारोमदार इसी वोटबैंक पर है। अगर इस वोटबैंक का मोहभंग हुआ तो एनडीए को इसका खामियाज़ा उठाना पड़ सकता है लेकिन जमीन पर ऐसा होता नहीं दिख रहा। छह किस्तों में महिलाओं के खाते में दस हजार रुपए डाल कर एनडीए ने बिहार चुनाव का रुख बदल दिया है। पटना से दस्तक टाइम्स की रिपोर्ट।

time to read

4 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

उत्तराखंडः 18 हजार शिक्षकों पर संकट की तलवार

पूरे देश में टीईटी को अनिवार्य बनाने को लेकर जहां शिक्षकों में रोष और आक्रोश है, वहीं उससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं हैं। वहां विभिन्न स्कूलों में सेवारत 18 हजार शिक्षकों पर संकट की तलवार लटक रही है।

time to read

3 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

मानवीय गरिमा का लेखक

इस वर्ष साहित्य के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से हंगरी लेखक लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को उनके उपन्यास 'हर्ट 07769' के लिए नवाज़ा गया है। उन्हें यह सम्मान उनकी दूरदर्शी कृति के लिए मिला। उनकी रचनाएं, विशेषकर 'सियोबो देयर बिलो', चीन और जापान की यात्राओं से प्रेरित हैं, जो नश्वरता और सौंदर्य के गहरे विचारों को उजागर करती हैं। लास्ज़लो को आधुनिक साहित्य के सबसे कठिन, लेकिन गहराई वाले लेखकों में शुमार किया जाता है। उनकी लेखनशैली लंबी, विचारपूर्ण और दार्शनिक वाक्यों के लिए मशहूर है। कई बार एक वाक्य पूरी किताब जितने लंबे हो जाते हैं। उनकी भाषा में निराशा, हास्य और अस्तित्व की बेचैनी का मिलीजुला रूप नज़र आता है। पढ़िए, लास्जलो क्रास्जनाहोरकार्ड की रचनाशैली और उनकी कुछ रचनाओं के बारे में

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

प्रशांत किशोर की पहली अग्निपरीक्षा

जब चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने पिछले साल अक्टूबर में 200 दिनों की पदयात्रा के बाद जन सुराज पार्टी की शुरुआत की थी, तब उन्होंने खुद को बिहार की जड़ होती राजनीति में बदलाव का प्रतीक बताया। उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों को इकट्ठा करने और युवा एनर्जी से जुड़े एक मूवमेंट के साथ नीतीश कुमार की जेडी (यू) और लालू प्रसाद की आरजेडी की गहरी एकाधिकार वाली सरकार को चुनौती देने का वादा किया। टिकट वितरण के बाद पार्टी में विद्रोह, आरोप-प्रत्यारोप और पलायन ने पीके के 'सुधार अभियान' को झटका दिया है। जिन युवाओं और पेशेवरों ने बदलाव के सपने के साथ इस आंदोलन को खड़ा किया, वे अब आरोप लगा रहे हैं कि 'टिकट पैसों में बिके' और 'निर्णय ऊपर से थोपा गया।'

time to read

5 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

युवा हाथों में उत्तराखंड

2007 के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का ऐसा दौर शुरू हुआ कि उत्तराखंड विकास की वह रफ्तार नहीं पकड़ पाया जिसकी इस राज्य को सबसे ज्यादा ज़रूरत थी। 2014 में जब केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनी तब उत्तराखंड की सत्ता कांग्रेस के हाथ में थी। उत्तराखंड में मार्च 2017 में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई। लेकिन राज्य में बीजेपी अंदरूनी राजनीति और अंतर्कलह का शिकार हो गई। तब पहली बार बीजेपी हाईकमान को लगा कि राजनीतिक स्थिरता के अलावा इस नए और प्रगितशील राज्य को एक युवा और ऊर्जावान नेतृत्व की ज़रूरत है जो ज़रूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाने से न चूके। और बीजेपी हाईकमान ने उत्तराखंड की कमान युवा नेता पुष्कर सिंह धामी के हाथ में सौंप दी।

time to read

4 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

रजत जयंती का जश्न

पारंपरिक पहाड़ी टोपी पहने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड की स्थापना के 25 साल पूरे होने का जश्न मनाने नौ नवंबर को देहरादून आए।

time to read

3 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

उत्तराखंड को बनाएंगे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य

रजत जयंती पर विशेष

time to read

7 mins

November - 2025

DASTAKTIMES

DASTAKTIMES

अब यूपी के जेवर का जलवा

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत जल्द देश को एक जबरदस्त तोहफा देने जा रहे हैं। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन कर तैयार हो चुका है। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, पटना समेत 10 शहरों के लिए उड़ानें मिलेंगी। जेवर का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इतना बड़ा है कि इसमें एक साथ 178 विमान खड़े हो सकते हैं। एयरपोर्ट की डिज़ाइन पूरी तरह से इको-फ्रेंडली और फ्यूचर-रेडी है। यूपी के हवाई परिवाहन के क्षेत्र में आई क्रांति पर दस्तक टाइम्स की यह रिपोर्ट।

time to read

3 mins

November - 2025

Listen

Translate

Share

-
+

Change font size

Holiday offer front
Holiday offer back