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मुस्लिमों को रास नहीं आता 'सपा-कांग्रेस' का साथ
DASTAKTIMES
|September 2023
प्रदेश कांग्रेस की कमान हाथ में आने के बाद जिस तरह से अजय राय ने राहुल-प्रियंका के क्रमशः अमेठी-वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर राग छेड़ा है, उससे कुछ समय के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं में नया जोश भले भर गया हो, लेकिन संगठन के अभाव में किसी भी राजनैतिक पंडित को इस बात की उम्मीद नहीं है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कुछ ज्यादा बेहतर कर पायेगी।

उत्तर प्रदेश की अस्सी लोकसभा सीटों पर पिछले दो चुनावों में जीत का परचम फहरा चुकी भारतीय जनता पार्टी अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भी अपनी जीत के बड़े-बड़े दावे कर रही है। एक तरफ बीजेपी जीत के दावे कर रही है तो दूसरी ओर तमाम न्यूज चैनलों के सर्वे भी यूपी में बीजेपी के खाते में 70 से अधिक सीटें जाने का अनुमान व्यक्त कर रहे हैं। इन पूर्वानुमानों ने आईएनडीआईए गठबंधन की नींद हराम कर रखी है। ऐसे में बीजेपी की चुनौती से पार के लिए कांग्रेस समाजवादी पार्टी वाला आईएनडीआई गठबंधन जिसका फिलहाल एक हिस्सेदार राष्ट्रीय लोकदल भी है, का नेतृत्व भी चुनावी जंग में अपनी ताकत दिखाने के लिए तरह-तरह के दांवपेंच अजमा रहा है। मंहगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था से लेकर मुस्लिमों पर अत्याचार का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। ओबीसी वोट हथियाने के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा जातीय जनगणना कराये जाने तक तक का शिगूफा छोड़ा जा रहा है। शिगूफा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रदेश की सत्ता में रहने के दौरान समाजवादी पार्टी ने कभी भी जातीय जनगणना कराये जाने की बात नहीं कही थी, जबकि प्रदेश में उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार रह चुकी है। एक तरफ समाजवादी पार्टी को अपने मुद्दों पर भरोसा है तो दूसरी तरफ यूपी फतह के लिए कांग्रेस राहुल-प्रियंका के नाम का पुराना रिकार्ड बजा रही है। भले ही पिछले कई चुनावों में कांग्रेस का राहुल-प्रियंका वाला रिकार्ड अटक गया था, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की तरह यूपी के नये कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी गांधी परिवार के नाम का जाप करने से आगे नहीं निकल पा रहे है।
This story is from the September 2023 edition of DASTAKTIMES.
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