Modern Kheti - Hindi Magazine - 1st March 2023Add to Favorites

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In this issue

Organic Farming

कृषि वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद गेहूं की चार किस्में की विकसित

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र में गेहूं की चार प्रजातियों को विकसित किया गया है। इसमें पूसा ओजस्वी व पूसा हर्षा शरबती और पूसा पौष्टिक व पूसा कीर्ति कठिया की किस्में हैं।

कृषि वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद गेहूं की चार किस्में की विकसित

2 mins

2022 - 23 में बंपर उत्पादन होने का अनुमान

कृषि वर्ष 2022-23 में प्रमुख खाद्यान्न फसलों में बंपर उत्पादन का अनुमान है।

2022 - 23 में बंपर उत्पादन होने का अनुमान

2 mins

रोगाणुरोधी दवाओं का पशुओं में बढ़ रहा उपयोग

एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में जिस तीव्र गति से भोजन के रूप में उपयोग किए जाने वाले पशुओं में रोगाणुरोधी दवाओं का उपयोग हो रहा है, वह दुनिया भर के औसत से बहुत अधिक है। इस दशक के अंत तक इसके इसी तरह बने रहने के आसार है।

रोगाणुरोधी दवाओं का पशुओं में बढ़ रहा उपयोग

2 mins

खादों से होने वाला कार्बन निकास कम करने की आवश्यकता

नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का पूरी दुनिया में उत्पादन और उपयोग किया जाता है जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन साथ ही इन उर्वरकों का बेतहाशा बढ़ता उपयोग पर्यावरण और जैवविविधता को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग की भी वजह बन रहा है।

खादों से होने वाला कार्बन निकास कम करने की आवश्यकता

2 mins

अरुणाचल में मिली मधुमक्खी की नई प्रजाति सेराटिना तवांगेंसिस

मधुमक्खियों को आमतौर पर छोटी बढ़ई मधुमक्खियों के रूप में जाना जाता है, उनके बहन समूह के विपरीत, बड़ी बढ़ई मधुमक्खियों या जाइलोकोपा एसपीपी, जिन्हें बोलचाल की भाषा में भामरा कहा जाता है।

अरुणाचल में मिली मधुमक्खी की नई प्रजाति सेराटिना तवांगेंसिस

2 mins

जीरो बजट प्राकृतिक खेती : कृषि की दशा और दिशा बदलने का एक प्रयास

प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देसी गाय है। प्राकृतिक खेती ( natural farming) कृषि की प्राचीन पद्धति है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की खेती में जो तत्व प्रकृति में पाए जाते हैं, उन्हीं को खेती में कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है।

जीरो बजट प्राकृतिक खेती : कृषि की दशा और दिशा बदलने का एक प्रयास

7 mins

उत्तर-आधुनिक कृषि

परिचय : 'स्पिलओवर' पुस्तक के लेखक डेविड क्वामेन ने चेतावनी दी है : “हम पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करते हैं और हम वायरस को उनके प्राकृतिक मेजबान से अलग कर देते हैं। जब ऐसा होता है, तो उन्हें एक नए मेजबान की जरूरत होती है। अक्सर, हम यह हैं। प्राकृतिक संसाधनों के लापरवाह प्रबंधन के कारण बहुत कुछ पहले ही समाप्त हो चुका है, जिसने कृषि सहित लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है।

उत्तर-आधुनिक कृषि

5 mins

धान- गेहूं फसल चक्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती

आज के संदर्भ में धान-गेहूं फसल चक्र में विविधीकरण की ओर प्रयास किये जा रहे हैं क्योंकि धान-गेहूं फसल चक्र के लम्बे समय से प्रचलित होने के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी, भूमिगत जल स्तर में गिरावट, खरपतवारों में प्रतिरोधकता की समस्याओं के साथ-साथ धान व गेहूं की उत्पादकता भी स्थिर हो गई है।

धान- गेहूं फसल चक्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती

4 mins

प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते कदम...

दूसरा हरित क्रांति के दौरान खाद-स्त्रों के अंधाधुंध प्रयोग से इन रसायनों के प्रभाव मानवीय शरीरों एवं जानवरों में देखने को मिल रहे हैं। आज लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से वह समझ रहे हैं कि प्राकृतिक ढंगों से पैदा किया भोजन ही उनके स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है। हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। यदि हरित क्रांति से पहले दृष्टि डाली जाये तो हमारे देश की 70 प्रतिशत जनसंख्या को कृषि से ही रोजगार मिल रहा था। उस समय जो पद्धतियाँ कृषि में इस्तेमाल की जा रही थीं।

प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते कदम...

10+ mins

मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय महत्व

मशरूम को खुम्ब, खुम्बी, पहाड़ी फूल, च्यू या कुकुरमुत्ता भी कहते हैं जो बरसात के दिनों में गले सड़े कार्बनिक पदार्थ पर अनायास ही दिखने लगता है।

मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय महत्व

4 mins

खरीफ फसलों में कैसे करें बीजोपचार

सघन फसल पद्धति की वजह से कीट व बीमारियों में बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से किसानों को अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है।

खरीफ फसलों में कैसे करें बीजोपचार

3 mins

आम की अधिक पैदावार हेतु अति उच्च सघन वृक्षारोपण प्रणाली

आम जिसे फलों का राजा भी कहा जाता है, सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला फल है।

आम की अधिक पैदावार हेतु अति उच्च सघन वृक्षारोपण प्रणाली

7 mins

पशुओं में होने वाली मुख्य बीमारियां तथा उपचार

दुधारू पशुओं में गलाघोंटू, लंगड़ा बुखार, मिल्क फीवर, थनैला, मुंहपकाखुरपका आदि रोग लगते रहते हैं। आज हम आपको इसके उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।

पशुओं में होने वाली मुख्य बीमारियां तथा उपचार

2 mins

मचान या बाड़ा विधि से करें सब्जियों की खेती

मचान या बाड़ा विधि से खेती करने से किसानों को बहुत से फायदे होते हैं, गर्मियों में अगेती किस्म की बेल वाली सब्जियों को मचान विधि से लगाकर किसान अच्छी उपज पा सकते हैं।

मचान या बाड़ा विधि से करें सब्जियों की खेती

3 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

PublisherMehram Publications

CategoryBusiness

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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