Modern Kheti - Hindi Magazine - 15th January 2025

Modern Kheti - Hindi Magazine - 15th January 2025

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In this issue
Modern Technology in Agricultural
उपज की कीमत को स्थिर करने के लिए आप्रेशन ग्रीन का नहीं हो रहा है सही इस्तेमाल
फसल की कीमतों को स्थिर बनाए रखने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई केंद्र सरकार की प्रमुख ऑपरेशन ग्रीन्स योजना ने 2024-25 के लिए अपने आवंटित बजट का मात्र 34 प्रतिशत ही खर्च किया है।

2 mins
टिड्डी दल के हमले का हो सकेगा पूर्व अनुमान
रेगिस्तानी टिड्डा (शिस्टोसेरका ग्रेगेरिया) खेती के लिए सबसे खतरनाक प्रवासी कीटों में से एक है, जिससे कई क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के लिए इसका नियंत्रण जरुरी हो गया है।

3 mins
इन सीटू पराली प्रबंधन है कामयाब
1970 के दशक से भारतीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली \"हरित क्रांति\" का श्रेय मुख्य रुप से बौनी उच्च उत्पादक क्षमता वाली गेहूं की किस्मों और धान की किस्मों की शुरुआत को दिया जाता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने इन फसलों में और सुधार किया और साथ ही रासायनिक उर्वरकों के उपयोग और भूजल आधारित नलकूप सिंचाई को बढ़ावा दिया। खासतौर पर पंजाब, हरियाणा जैसे उत्तर-पश्चिमी राज्यों में इस पर खास ध्यान दिया गया।

2 mins
फल-सब्जियों के स्टोर के लिए एलईडी आधारित तकनीक
आईआईटी इंदौर के शोधकर्ताओं ने मिलकर किसानों के लिए अपनी उपज अधिक समय तक स्टोर करने के लिए एक तकनीक का विकास किया है। यह एलईडी लाईट-आधारित भंडारण तकनीक है। दावा किया जा रहा है कि यह तकनीक फल और सब्जियों को सड़ने से लंबे समय तक बचाए रखती है, जिससे किसान अपनी उपज की शेल्फ लाइफ बढ़ा सकते हैं।

1 min
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र की ओर से उच्च उपज वाली किस्में जारी
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), मुंबई ने विकिरण-आधारित उत्परिवर्तन प्रजनन तकनीकों का उपयोग करके विकसित गेहूं, चावल और तिलहन की आठ नवीन, उच्च उपज वाली, जलवायु-प्रतिरोधी किस्मों का अनावरण किया है। राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में लांच की गई इन गैर-जीएमओ किस्मों का उद्देश्य उत्पादकता और विविध कृषि स्थितियों अनुकूलता को बढ़ाकर भारतीय कृषि को बदलना है।

2 mins
दालों और अनाज की खपत में 5 प्रतिशत की गिरावट
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के विश्लेषण के अनुसार, भारतीय परिवारों ने पिछले 12 वर्षों में अपने खर्च के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव किया है तथा अपना ध्यान खाद्य पदार्थों से हटाकर गैर-खाद्य पदार्थों पर केंद्रित कर लिया है।

2 mins
बीज कानून अथॉर्टी लैटर
“Study of Seed Laws is not a problem but an opportunity to understand how legally we are soung”

5 mins
जैविक उत्पादों और स्थायी सामग्रियों में मशरुम माइसीलियम का योगदान
मशरूम की दुनिया में 'माइसीलियम' एक ऐसा तत्व है जो कई खाद्य, पोषण और औद्योगिक क्रांतियों का आधार बन रहा है। यह मशरूम के जीवन चक्र का वह हिस्सा है जो अदृश्य होते हुए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

7 mins
सूखे चारे को पौष्टिक बनायें, पशुधन को उत्पादक बनायें
पशुपालन एवं डेयरी उद्योग का हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व भर की कुल गायों का 20 प्रतिशत तथा भैसों का 57 प्रतिशत हमारे देश की धरोहर तो अवश्य है, परन्तु उनकी उत्पादन क्षमता अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है।

3 mins
सूचना संचार एवं कृषि विकास
यदि भारत को खुशहाल बनाना है, तो गांवों को भी विकसित करना होगा। आज सरकार ग्रामीण विकास, कृषि एवं भूमिहीन किसानों के कल्याण पर ज्यादा जोर दे रही है। इसलिये यह क्षेत्र बेहतरी की दिशा में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता वर्तमान सरकार की पहचान बन गए हैं। सरकार ने अगले पांच वर्षों में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये परम्परागत तरीकों से हटकर 'आउट-ऑफ-बॉक्स' पहल की गई है।

10+ mins
आय दोगुनी करने में कृषि तकनीकी सूचना तंत्र का योगदान
आज किसानों को समय-समय पर नई कृषि तकनीकों की जानकारियां देश में इंटरनेट, दूरदर्शन या मोबाइल फोन का कृषि उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है।

6 mins
लोगों के स्वास्थ्य पर दूध में मौजूद एंटीबायोटिक अवशेषों का प्रभाव
दूध की बढ़ती मांग ने उत्पादकों को व्यापक पशुपालन प्रथाओं को अपनाने के लिए मजबूर किया है। डेयरी पशुओं में विभिन्न रोग स्थितियों के उपचार के लिए पशु चिकित्सा दवाओं का उपयोग इस तरह के व्यापक पशुपालन प्रथाओं का अभिन्न अंग बन गया है।

3 mins
गेहूं की उत्तम पैदावार के लिए मैंगनीज का प्रबंधन कैसे करें?
गेहूं की उत्तम पैदावार के लिए मैंगनीज का प्रबंधन, हमारे देश में गेहूं, धान के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। भारत में आज कुल 8.59 करोड़ टन से अधिक गेहूं का उत्पादन हो रहा है। गेहूं की औसत उत्पादन 28.0 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है, जो कि अनुसंधान संस्थानों के फार्मों पर प्राप्त तथा नई किस्मों की उत्पादन क्षमता 50 से 60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से अत्याधिक कम है।

4 mins
बागवानी पौधशाला की स्थापना एवं प्रबंधन
बागवानी पौधशाला किसान बन्धुओं (नर्सरी) शब्द अंग्रेजी के नर्स या नर्सिंग से लिया गया है, जिसका अर्थ है- पौधों की देखभाल, पालन-पोषण और संरक्षण प्रदान करना।

10 mins
Modern Kheti - Hindi Magazine Description:
Publisher: Mehram Publications
Category: Business
Language: Hindi
Frequency: Fortnightly
Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.
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