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हाथी शरीर का 10 प्रतिशत तक पानी गंवा सकते हैं
एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि किसी गर्म दिन में हाथी अपने शरीर का 10 प्रतिशत तक पानी गंवा देते हैं। यह ज़मीन पर पाए जाने वाले किसी भी जीव की तुलना में अधिक है।
बकरियों का पालतू गुण
बकरियां सख्तजान होती हैं। इन्होंने कोलंबस के साथ अटलांटिक महासागर की लंबी यात्राएं कीं और मेफ्लावर तीर्थ यात्रियों के साथ रहीं इस दौरान सूखे और परजीवियों का सामना किया। हाल ही में एक शोध ने इनकी सहनशीलता की उत्पत्ति का खुलासा किया है।
समय से पहले फूल खिला देते हैं भूखे भंवरे
फास्ट फूड हमारी भूख शांत करने में मदद करता है। ऐसा ही जुगाड़ भंवरे भी करते हैं।
एक झींगे की तेज़ गति वाली आंखें
एक मामूली माचिस की तीली जितने बड़े स्नैपिंग झींगे (Alpheus heterochaelis) अपने जबड़ों को झटके से बंद करके ऊंची आवाज़ निकालने के लिए मशहूर हैं। इस आवाज़ के कंपन से उनका शिकार या शत्रु भौंचक्का रह जाता है। इन्हें पिस्तौल झींगा भी कहते हैं। और अब शोधकर्ताओं ने जबड़ों की इस रफ्तार से मेल खाती उनकी दृष्टि की भी खोज की है।
लड़ते-लड़ते मछलियां जीन्स में तालमेल बैठाती हैं
मुक्केबाज़ी का मुकाबला देखते हुए किसी के मन में यह ख्याल नहीं आता कि इस वक्त लड़ाकों के दिमाग के जीन्स में क्या हो रहा है। लेकिन लड़ाकू मछलियों पर हुए ताज़ा अध्ययन से पता चला है कि मछलियों की कुश्ती के वक्त उनके मस्तिष्क के जीन्स तालमेल से काम करना शुरू और बंद करते हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये जीन करते क्या हैं या वे लड़ाई को कैसे प्रभावित करते हैं, लेकिन संभावना है कि मनुष्यों में भी इसी तरह के बदलाव होते होंगे।
भविष्य का सूक्ष्मजीव-द्वैषी, अस्वस्थ समाज
कोरोनाकाल में लोगों में सूक्ष्मजीवों से सुरक्षा की चिंता बढ़ी है, जो शायद उचित भी है।
साबुन के बुलबुलों की मदद से परागण
परागणकर्ताओं के रूप में मधुमक्खियों की बराबरी करना मुश्किल है। लेकिन वैज्ञानिक इनके कुशल कृत्रिम विकल्प खोजने में लगे हुए हैं। और अब शोधकर्ता साबुन के बुलबुले से परागण कराने में सफल हुए हैं।
चातक के अंडों-चूज़ों की परवरिश करते हैं बैब्लर
पक्षी जगत बड़ी विचित्रताओं से लबरेज है। जहां अधिकतर पक्षी घोंसला बनाने, अंडों को सेने व चूजों की परवरिश का ज़िम्मा स्वयं उठाते हैं, वहीं ऐसे भी पक्षी हैं जो यह काम दूसरे पक्षियों को सौंप देते हैं। ऐसे पक्षियों को घोंसला परजीवी कहते हैं। घोंसला परजीवियों में कोयल और पपीहे के अलावा चातक भी हैं।
भारत में विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति
भारत में विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं विषय पर अधिकांश साहित्य, विज्ञान में महिलाओं की अनुपस्थिति' ही दर्शाता है जबकि अब हालात ऐसे नहीं हैं। उपलब्ध प्रमाणों के व्यापक विश्लेषण के आधार पर यह आलेख बताता है कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, हालांकि अलग-अलग विषयों में स्थिति काफी अलग-अलग है। अलबत्ता, विज्ञान के क्षेत्र में भले ही महिलाओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन अब भी उन्हें रुकावटों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार से लिंग-आधारित ढांचा बरकरार है और वैज्ञानिक संस्थानों को आकार देता है । आलेख का तर्क है कि संस्थानोंसंगठनों के मौजूदा मानदंडों और मानसिकता में बदलाव लाए बिना महिला समर्थक नीतियां शुरू करना प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
हर बच्चा वैज्ञानिक है
हाल ही में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा "लचीले खाद्य, पोषण और आजीविका के लिए विज्ञानः समकालीन चुनौतियां' विषय पर एक वर्चुअल कसंल्टेशन आयोजित किया गया था। इसमें कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी के ब्रूस एल्बर्ट्स ने विज्ञान शिक्षा पर बहुत ही प्रासंगिक व्याख्यान दिया। व्याख्यान का विषय था विज्ञान संप्रेषण | यह विषय हमारे यहां निकट भविष्य में लागू की जाने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विशेष रूप से प्रासंगिक है।
जैविक मुद्रण की मदद से अल्सर का इलाज
आमाशय के अल्सर या आहार नाल के अन्य घावों से कई लोग पीड़ित होते हैं। इलाज के पारंपरिक तरीकों के साथ कुछ ना कुछ समस्याएं हैं। अब वैज्ञानिकों ने जैविक मुद्रण की मदद से अल्सर के उपचार का रास्ता सुझाया है।
पृथ्वी पर इतना पानी कहां से आया?
पृथ्वी पर जा-ब-जा मौजूद पानी जीवन के लिए अनिवार्य भी है और वैज्ञानिकों की चिंता का मसला भी कि पृथ्वी पर इतना पानी आया कहां से क्या पानी पृथ्वी के बनने के समय से मौजूद है, या पृथ्वी सूखी बनी थी और पानी से समृद्ध किसी बाहरी पिंड/पिंडों के टकराने के बाद पृथ्वी पर पानी आया? और अब साइंस पत्रिका में प्रकाशित एक नया अध्ययन यह संभावना जताता है कि पृथ्वी पर पानी यहीं उपस्थित मूल निर्माणकारी पदार्थों से आया है।
सूचना एवं संचार टेक्नॉलॉजी के प्रमुख पड़ाव
जिन दिनों मैं स्कूल में पढ़ा करता था उन दिनों कंप्यूटर एक गैराज के बराबर जगह घेरने वाली मशीन थे, जिनका उपयोग सिर्फ इंजीनियर करते थे। अब 50 वर्षों बाद, मैं और 50 करोड़ अन्य भारतीय मोबाइल स्मार्ट फोन के रूप में इसे अपनी जेब में रख सकते हैं! यह क्रांति कैसे हुई?
सरगम एक प्रागैतिहासिक तोहफा है
पिछले कुछ महीनों में कई समूहों ने इस संदर्भ में कई दिलचस्प शोध प्रकाशित किए हैं कि संगीत मन/मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है।
वायरस रोगों का इलाज भी कर सकते हैं
जीवाणु संक्रमण से उबरने की सफलता की कहानी ने मिस्र में क्वारेंटाइन बोर्ड के ब्रिटिश प्रतिनिधि मॉरिसन का ध्यान खींचा।
युनिस फुट - जलवायु परिवर्तन पर समझ की जननी
आज जलवायु परिवर्तन और बढ़ते वैश्विक तापमान की समस्या और इसके कारणों से हम वाकिफ हैं और इसे नियंत्रित करने के प्रयास में लगे हैं।
कोविड-19 वायरस और इसके पॉलीप्रोटीन
कोविड-19 वायरस और इसके पॉलीप्रोटीन
नर लीमर अपनी पूंछ से 'प्रेम रस' फैलाते हैं
रोएंदार पूंछ और पूंछ पर काले- भूरे छल्लों की खासियत वाले लीमर अपने नर प्रतिद्वंदी को दूर रखने के लिए पूंछ झटकने की अजीबो-गरीब आदत के लिए जाने जाते हैं।
वॉम्बेट की विष्ठा घनाकार क्यों होती है?
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के बाद हर बार की तरह इस बार के इगनोबेल पुरस्कार की भी घोषणा की गई।
सांसों का हिसाब
नोबेल पुरस्कार की एक खूबी यह है कि उनकी वजह से हम किसी विषय में हो रहे अनुसंधान के प्रति जागरूक हो जाते हैं। इस वर्ष चिकित्सा/कार्यिकी का नोबेल पुरस्कार इस अनुसंधान के लिए दिया गया है कि हमारा शरीर कोशिकाओं के स्तर पर ऑक्सीजन के उपयोग का नियमन कैसे करता है।
चांद को छूने की नई होड़
आज से तकरीबन पचास साल पहले 21 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने जब चंद्रमा पर कदम रखा था, तब उन्होंने कहा था कि “मनुष्य का यह छोटा-सा कदम, मानवता के लिए एक बड़ी छलांग है।"
2600 वर्षों तक सुरक्षित मस्तिष्क
शोधकर्ताओं को एक ऐसे व्यक्ति की खोपड़ी और दिमाग मिले हैं जिसका लगभग 2600 वर्ष पहले सिरकलम किया गया था ।
सौर ऊर्जा की मदद से ईंधन निर्माण
बढ़ता वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन आज काफी गंभीर समस्या है। इसे कम करने के प्रयास में लंबे समय से वैज्ञानिक जीवाश्म ईंधनों के विकल्प के रूप में, सौर ऊर्जा का दोहन कर, मीथेन बनाने के प्रयास कर रहे हैं।
गंध और मस्तिष्क का रिश्ता
गंध से हमारा बेहद करीबी रिश्ता रहा है। पकवानों की खुशबू से ही हम यह बता देते हैं कि पड़ोसी के घर में क्या बना है। गरमा-गरम कचोरी, कढ़ाई से उतरती सेव व पकोड़े, पके आम व खरबूजे की मीठी खुशबू हो या चंदन, गुलाब, मोगरा, चंपा आदि के इत्र की मदहोश कर देने वाली गंध हमें दीवाना बनाने के लिए काफी है।
मधुमक्खियां साथियों का अंतिम संस्कार करती हैं
मधुमक्खियां साथियों का अंतिम संस्कार करती हैं
गर्भ में कोरोनावायरस से संक्रमण की आशंका
एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार चीन में तीन शिशुओं में जन्म से पहले कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका जताई गई है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह परिणाम अनिर्णायक हैं और गर्भावस्था के दौरान इस वायरस के मां से बच्चे में संक्रमित होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
दा विंची द्वारा डिज़ाइन किया गया सबसे लंबा पुल
लियोनार्डो दा विंची बहुज्ञानी व्यक्ति थे जिन्होंने अपने समय के पर्यवेक्षकों को कई विषयों में फैले अपने जटिल डिज़ाइनों से प्रभावित किया था ।
यूरोप के नीचे एक डूबा हुआ महाद्वीप है
हाल ही में वैज्ञानिकों ने दक्षिण युरोप के नीचे एक डूबा हुआ महाद्वीप खोजा है । ग्रेटर एड्रिया नामक यह महाद्वीप 14 करोड़ वर्ष पहले मौजूद था । शोधकर्ताओं ने इसका विस्तृत मानचित्र बनाया है ।
सूखे से निपटने में मददगार रसायन
पानी की कमी या सूखा पड़ने जैसी समस्याएं फसल बर्बाद कर देती हैं । लेकिन साइंस पत्रिका में प्रकाशित ताज़ा अध्ययन के अनुसार ओपाबैक्टिन नामक रसायन इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है ।
बैटरी चार्जिंग मात्र 10 मिनट में
बैटरी चार्जिंग मात्र 10 मिनट में