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मौजूदा तीन सीटों पर कब्जा बरकरार रख पाएगी कांग्रेस?
राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के लिए किसी कठिन अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। ध्यान रहे कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कलियाबर, बरपेटा और नगांव- इन तीन सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था। हाल ही संपन्न असम के लोकसभा और विधानसभाओं के क्षेत्र परिसीमन के बाद दिख रहे बदलाव से इन तीनों सीटों पर जीत को बनाए रखना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है।
बिछ रही सियासी बिसात, संथाल और कोल्हान पर फोकस
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार आपके द्वार को जरिया बना रहे हैं। सरकार का दावा है कि 2021 में इस अभियान के पहले चरण के दौरान कुल 6, 867 शिविर लगाकर 35.95 लाख आवेदन प्राप्त किये गये। साल 2022 में दूसरे चरण के दौरान 5,696 शिविर लगाकर 55.44 लाख आवेदन प्राप्त हुए। सरकार का दावा है कि करीब-करीब सभी आवेदनों का निष्पादन हो चुका है।
आयोजन की बिसात पर जाति की सियासत
सबसे पहले बात बीते दिनों प्रदेश में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की करते हैं। इसका सीधा उद्देश्य पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा और अनुसूचित जाति, जनजाति को साधना था। इसमें नीतीश कुमार काफी सफल भी रहे। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरियों और दाखिले में 75 प्रतिशत आरक्षण को लागू कर दिया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के हस्ताक्षर और गजट अधिसूचना के साथ ही राज्य की सरकारी सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों के दाखिले में आरक्षण की नई व्यवस्था लागू भी हो गई है। नई व्यवस्था में पहले से जारी आरक्षण में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इनमें से 13 प्रतिशत पिछड़े एवं दो प्रतिशत अनसूचित जाति-जनजाति के कोटे में जोड़ा गया।
हलाल के सर्टिफिकेट से 'हराम' की कमाई
हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाली कम्पनियों और संस्थाओं जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट का कहना है कि दुनियाभर में हलाल प्रोडक्ट की मांग बहुत ज्यादा है, ऐसे में भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा सर्टिफिकेट हासिल करना बहुत जरूरी है परंतु यहां भी यह संस्थाएं झूठ का सहारा लेते दिख रही हैं, क्योंकि योगी सरकार ने निर्यात होने वाले सामानों पर हलाल सार्टिफिकेट पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। अब तो इनके खातों की जांच के बाद ही तमाम सच्चाई सामने आयेगी।
अगड़ों के सहारे पिछड़ों की सियासत चमकाती बीजेपी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की नाराजगी ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी
अब कृष्ण बनेंगे सियासी महाभारत में सारथी
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण प्रारम्भ हो जाने के बाद संघ और भाजपा के एजेण्डे में मथुरा और काशी ही शेष रह गए हैं। काशी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम पूरा हो चुका है और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया अब रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को सौंपने वाली हैं।
चारधाम यात्रा इस बार बना ऑलटाइम रिकार्ड
अप्रैल से नवंबर तक चली चारधाम यात्रा ने किस प्रकार से प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत किया, उसे आप इस आंकड़े से अनुमान लगा सकते हैं कि केदारनाथ और यमनोत्री में घोड़ा-खच्चर, हेली और डंडी-कंडी से ही 211 करोड़ का कारोबार हुआ। इसमें केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से 101.34 करोड़ का कारोबार हुआ, जबकि यमुनोत्री धाम में घोड़े खच्चरों से 21 करोड़ का कारोबार हुआ।
सात तोपों की सलामी के हकदार थे टिहरी नरेश
भारत वर्ष के दीर्घजीवी राजवंशों में से एक, पंवार वंश की रियासत टिहरी कभी हिमालयी रियासतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण रियासत मानी जाती थी, इसलिए टिहरी नरेश को महाराजा का दर्जा हासिल था।
बेदाग धामी एनडी तिवारी के बाद बनाएंगे नया रिकार्ड
उत्तराखंड सरकार के अस्तित्व में आने के साथ ही यहां लगातार राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत हो गई थी। राज्य गठन के समय मुख्यमंत्री बनाए गए नित्यानंद स्वामी को कुछ ही महीनों में इस्तीफा देना पड़ा और भगत सिंह कोश्यारी को कमान सौंपी गई। इसके बाद अब तक केवल नारायण दत्त तिवारी को ही पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का मौका मिला।
उत्तराखंड के लिए इन्वेस्टर समिट बनेगा 'संजीवनी'
● देहरादून में 8 व 9 दिसंबर को होगा ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन, पहली बार प्रदेश में होगा 2 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश ● लंदन, यूएई, आबुधाबी पूंजी निवेश, प्रदेश में औद्योगिक गतिविधि व संरचनात्मक ढांचे का होगा विकास ● राज्य दोगुनी जीडीपी के लक्ष्य को हासिल करेगा, इससे पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी
बाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर डेस्टीनेशन उत्तराखंड
नब्बे के दशक में या कहें कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले उद्योग जगत में गुजरात का अधिक नाम नहीं था, लेकिन जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात की कमान संभाली और बाइब्रेंट गुजरात का नारा दिया तो उसकी तस्वीर व तकदीर बदल गई। राज्य की गणना माडल प्रदेश के रूप में होने लगी। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद के दावेदारी के लिए गुजरात मॉडल की बात सामने आई। अब इससे प्रेरणा लेकर ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उसी तर्ज पर उत्तराखंड को संवारने में जुटे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी ने एक कार्यक्रम में भी खुद यह कहा कि वे प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर ही राज्य में डेस्टीनेशन उत्तराखंड बनाने में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
पीएम मोदी की डेली मॉनिटरिंग से सफल हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
सिलक्यारा रेस्क्यू को सफल बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी अहम भूमिका रही।
सीएम धामी ने निभाई जिम्मेदार 'अभिभावक' की भूमिका, जीत लिया सबका दिल
सबसे बड़े टनल रेस्क्यू माने जा रहे सिलक्यारा रेस्क्यू को 28 नवंबर को रात में रेस्क्यू टीम ने पूरा कर लिया। इस उपलब्धि का मुख्य श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया जाएगा, क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहद सख्त दिखने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी का इस पूरे रेस्क्यू में बेहद भावनात्मक रूप देखने को मिला।
सबसे बड़ा सिलक्यारा रेस्क्यू पूरा उत्तराखंड ने रचा इतिहास ...और जिंदगी जीत गई
दुनिया का सबसे बड़ा माने जाने वाला सिलक्यारा रेस्क्यू 28 नवंबर को रात 8 बजे पूरा हुआ तो मानों 41 श्रमिकों को नई जिंदगी मिल गई। दीपावली की सुबह टनल में फंसे श्रमिकों के लिए बाहर आकर खुले आसमां के नीचे सांस लेना ईश्वर की कृपा से कम नहीं था। शुरू में नामुमकिन से लगने वाले इस रेस्क्यू को पूरा करना उत्तराखंड के लिए ही नहीं, देश के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। रेस्क्यू टीम दिनरात जुटी रही और सीएम पुष्कर सिंह धामी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ बड़े-बड़े फैसले लेते रहे। वहीं, पूरे रेस्क्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता भी किसी से छिपी नहीं रही। विश्वस्तरीय तकनीक और कुशल नेतृत्व के बल पर सिलक्यारा रेस्क्यू पूरा हो गया।
शराब घोटाला: केजरीवाल पर लटकती गिरफ्तारी की तलवार
ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। खैर, शराब घोटाले के मामले में भले ही मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के घर और अन्य ठिकानों से सीबीआई और ईडी को कोई भी साक्ष्य न मिले हों लेकिन अब इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर लटक रही है।
दस्तक देने को है नई महामारी!
चीन के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग प्रांत और बीजिंग के बच्चों में सर्वप्रथम निमोनिया के नए और हैरान करने वाले लक्षण देखे जा रहे हैं। बच्चों को तेज खांसी, बुखार और फेफड़ों में सूजन की समस्या हो रही है, जिससे इलाके के सभी अस्पताल लगभग भर गए हैं। इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए चीन के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है । ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी अलर्ट हो गया है और उसने चीन से इस बीमारी की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
नहीं खुल पायी मोहब्बत की दुकान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की गयी 'भारत जोड़ो यात्रा' को जिस प्रकार का जनसमर्थन मिला, वह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटों में तब्दील नहीं हुआ। यानि हिन्दी पट्टी पर 'मोहब्बत की दुकान' नहीं खुल पायी। वास्तव में इस चुनाव में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ राज्य में जहां कांग्रेस की सरकार थी, सरकार के प्रति जनाक्रोश उभरता कहीं से नजर नहीं आ रहा था।
मोदी की राह होगी आसान, 'इंडिया' में मचेगा घमासान!
मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के कारण भाजपा को मिली जीत
चक दे इंडिया!
वर्ल्डकप में लगातार छठी जीत के साथ भारतीय टीम ने शानदार ढंग से सेमीफाइन में किया प्रवेश
भारतीय संस्कृति में दिवाली के विविध रंग
दीपावली का त्योहार इस बात का प्रतीक है कि हम इन दीपों से निकलने वाली ज्योति से सिर्फ अपना घर ही रोशन न करें वरन् इस रोशनी में अपने हृदय को भी आलोकित करें और समाज को राह दिखाएं। दीपक सिर्फ दीपावली का ही प्रतीक नहीं वरन् भारतीय सभ्यता में इसके प्रकाश को इतना पवित्र माना गया है कि मांगलिक कार्यों से लेकर भगवान की आरती तक इसका प्रयोग अनिवार्य है।
इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर भारत का क्लियर स्टैंड
भारत और इजरायल के संबंध इसलिए भी दिखते हैं क्योंकि दोनों देशों में दक्षिणपंथी नेतृत्व है, लेकिन भारत की पॉलिसी इजरायल को लेकर पूरी तरह से यथार्थवादी बनी हुई है और फिलिस्तीन को लेकर वो आगे भी आदर्शवादी बना रहेगा और उसे समर्थन देगा। यही डी-हाईफेनेशन की नीति है।
कतर और भारतीय डिप्लोमेसी
ईरान को हमास के लिए टेरर फंडिंग करने का जिम्मेदार माना जाता है। ईरान ने हमास को हथियार भी दिए और पैसे भी और फिलिस्तीन के साथ अपनी इस्लामिक बंधुत्व भाव को भी उजागर करता रहा। इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी का इजरायल के साथ खड़े होने की बात करना पश्चिम एशिया की राजनीति करने वाले कुछ देशों को रास नहीं आया।
महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!
27 साल की उम्र में विधायक बने शरद पवार की राजनीति की विशेषता शुरुआती दौर से ही सूझ-बूझ से भरी रही है। यही वजह रही कि साल 1967 में वो एमएलए चुने गए जब उनकी उम्र महज 27 साल थी। शरद पवार लगातार उसके बाद बुलंदियों को छूते रहे और तत्कालीन दिग्गज नेता यशवंत राव चव्वहाण उनके राजनीतिक संरक्षक के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाते रहे।
मिशन 2024 : भाजपा सेट कर रही जीत का फॉर्मूला
सीएम की कुर्सी छिनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी। उन्हें लगातार दो बार पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन, भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व 2019 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह बात भी समझ चुका था कि पार्टी को अगर झारखंड की सत्ता में लौटना है तो आदिवासी चेहरे के हाथ में नेतृत्व की कमान सौंपनी होगी।
मोक्ष की धरती पर अर्द्धकुंभ
दुनिया के पहले गणतंत्र की धरती बिहार का धार्मिक इतिहास बहुत ही समृद्ध है। राजा जनक, माता सीता जैसी बहुत सी विभूतियों से बिहार की धरती ऐतिहासिक रही है। यहां तीन बार स्वयं शक्ति ने अवतरण लिया। माता सीता, अहिल्या और समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी का अवतरण हुआ। गौतम बुद्ध को यही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कुंभ भी इसे धार्मिक रूप से और समृद्ध बनाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मिथिला के राजा विदेह के समय से ही सिमरिया गंगा नदी तट पर कल्पवास मेले की परंपरा चली आ रही है।
धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति से पूर्व मंत्री हरक रावत की बढ़ीं धड़कनें
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह समेत विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया। खास बात यह है कि इस मामले में उत्तराखंड की सीबीआई पहले ही जांच कर रही है और तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से लेकर विभाग के कई आईएफएस अधिकारी भी इसकी जांच के घेरे में हैं। बड़ी बात यह है कि शासन स्तर पर वित्तीय मंजूरी दिए जाने के विषय पर भी कुछ बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।
भ्रष्टाचारियों पर खूब चल रहा धामी का डंडा
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के कारण उत्तराखंड की देशभर में हो रही चर्चा, आईएएस व आईएफएस को भी नहीं बख्शा
जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की हरी झंडी
परियोजना के निर्माण से नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर को 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध होगा। 1.50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। साथ में 63 मिलियन यूनिट बिजली भी मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र के इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बांध परियोजना हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान करेगी।
विकास पर कुंडली मार बैठे कई अफसर बजट का सही उपयोग होता तो बदल जाती उत्तराखंड की तस्वीर
योजनाओं को धरातल पर उतारने और बजट के सदुपयोग का समय जैसे ही आता है, विभाग ढीले पड़ने लगते हैं। बजट खर्च के आंकड़े इस सच से पर्दा उठा रहे हैं। आपदा प्रबंधन से हर वर्ष सबसे अधिक प्रभावित होने के बावजूद विभागीय बजट का उपयोग चौकाने वाला है। वर्ष 2022-23 में विभाग को 1366.63 करोड़ खर्च के लिए दिए गए, लेकिन मात्र 833.64 करोड़ का उपयोग हुआ। 532.99 करोड़ की राशि का उपयोग होता तो आपदा से प्रभावितों के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति के संवेदनशील प्रकरण निस्तारित हो सकते थे।
जब मोदी भी बिना कहे न रह सके, वाह धामी जी वाह!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे की धमक से धामी सरकार गदगद है। गढ़वाल में चारधाम यात्रा की तरह कुमाऊं में मानसखंड यात्रा के लिए गलियारा तैयार करने का मुख्यमंत्री जो सपना देख रहे हैं, पीएम ने उसे नई उड़ान दे दी है। बकौल पीएम, हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर बहुत जोर दे रही है। जो लोग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं, वे आस्था के केंद्र जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकेंगे।