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पीस टू प्रोसपेरिटी में निवेश का नया डेस्टीनेशन उत्तराखंड
DASTAKTIMES
|October 2023
धामी ने ब्रिटेन के लंदन की राह चुनी। उसी लंदन की जिसे ब्रिटेन की वित्तीय राजधानी के रूप में देखा जाता है। उसी ब्रिटेन की जहां कभी भारत से धन का पलायन होता था, जिस ड्रेन ऑफ वेल्थ की बात दादा भाई नौरोजी करते थे, उसी ब्रिटेन से उत्तराखंड के विकास के लिए पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी अति उत्साह और रणनीति के साथ गये और उत्तराखंड की धरती से पहली बार किसी नेतृत्व द्वारा इकोनामिक पैराडिप्लोमेसी की शुरुआत की गई। एक राज्य, एक देश के साथ आर्थिक संपर्क स्थापित करने में लग गया और उसे अत्यन्त सकारात्मक परिणाम मिले।

उत्तराखंड की धरती से पहली बार किसी नेतृत्व द्वारा इकोनामिक पैराडिप्लोमेसी की शुरुआत की गई। एक राज्य एक देश के साथ आर्थिक संपर्क स्थापित करने में लग गया और उसे अत्यन्त सकारात्मक परिणाम मिले।
भारत एक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। एक तरफ जहां मोदी सरकार ने 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रण लिया है, वहीं भारतीय राज्यों के मन में यह जज्बा उभरा है कि वे आर्थिक प्रगति के नए मानक गढ़ें और इस दिशा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक नए आर्थिक विजन के साथ आगे आए हैं। सबसे पहले तो उन्होंने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की सीमितता की बात करने वालों को जवाब दिया कि संभावनाओं की राह तलाशने वाले सीमितता का भंवर नहीं, प्रयासों के महासागर देखते हैं। उत्तराखंड की जीडीपी कैसे बढ़ेगी, उसकी प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ेगी, केवल पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था है, कौन निवेश करेगा? ऐसे ढेरों सवाल उठाए जा रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने शांत चित्त से इन प्रश्नों का जवाब देश-दुनिया को देने का मन बनाया। उन्होंने सोचा कि उत्तराखंड को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए एक नए आर्थिक कायाकल्प से गुजारा जा सकता है, लेकिन इन्वेस्टर मीट ही जरूरी नहीं है, निवेशकों के मन में यह भरोसा पैदा करना भी जरूरी है कि उनके लिए उत्तराखंड के विविध क्षेत्रों में निवेश करना घाटे का सौदा नहीं होगा जिससे वो मुक्त हृदय से उत्तराखंड के आर्थिक विकास में साझेदार बन सके। नेचुरल इकोनॉमिक पार्टनर के रूप में देवभूमि की प्रगति के शेयर धारक बन सकें।
This story is from the October 2023 edition of DASTAKTIMES.
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