Go Unlimited with Magzter GOLD

Go Unlimited with Magzter GOLD

Get unlimited access to 10,000+ magazines, newspapers and Premium stories for just

$149.99
 
$74.99/Year
The Perfect Holiday Gift Gift Now

संतान के साथ सुखी मां

Aha Zindagi

|

August 2025

मां बच्चे की दुनिया गढ़ती है और बच्चा उसकी दुनिया बन जाता है। जन्म से पहले, गर्भकाल से ही जो नाता गर्भनाल के ज़रिए जुड़ जाता है, वह एक उम्र के बाद कमज़ोर क्यों पड़ जाता है, यह सवाल ही पीड़ादायक है। परंतु सवाल ज़रूरी है, क्योंकि इसी से निकलेगी मां के सुख की राह...

- - डॉ. मोनिका शर्मा

संतान के साथ सुखी मां

मां और बच्चे के नाते से अनूठा इस संसार में क्या होगा! एक यही रिश्ता है जो बच्चे के जन्म से पहले ही बन जाता है। मां उस अजन्मे की उपस्थिति को महसूस कर सकती है और गर्भस्थ शिशु भी मां से प्रेम, पोषण और परवाह पाने लगता है। परवरिश के मोर्चे पर मां बच्चे के संसार में आने से पहले ही डट जाती है। दुनिया में आने के बाद वही बच्चे को जीवन से जुड़ने की सधी समझ देती है। बोलना ही नहीं मन की कहना भी सिखाती है। दूसरों का मन समझने का पाठ पढ़ाती है। परिस्थितियों को देखने-समझने और आंकने की व्यावहारिक दृष्टि देती है। परिवार और परिवेश में अपनों-परायों से जुड़ाव की सीख भी मां से मिले संस्कारों में समाहित होती है।

बावजूद इसके ज़माने की कड़वी हक़ीक़त है कि उम्र के साथ सांसारिक रंग-ढंग से जुड़ते बच्चे, मां से ही दूर होते जाते हैं। रिश्तों-नातों को निभाना सिखाने वाली मां से जुड़ा मन का बंधन ही ढीला पड़ने लगता है। मां कमोबेश हर मोर्चे पर धीरे-धीरे पीछे छूटने लगती है।

ज़रूरी है कि नई पीढ़ी के पालन-पोषण की यात्रा में आत्मीय आधार पर जुड़े इस रिश्ते की घनिष्ठता को ताउम्र बनाए रखने का सबक़ भी दिया जाए। स्त्रियों की भावनात्मक जद्दोजहद और ज़िम्मेदारियों से जुड़ी आपाधापी की अनदेखी करने वाले हमारे सामाजिक-पारिवारिक परिवेश में यह दायित्व भी स्वयं माताएं ही उठाएं।

प्रेम बरसाएं और बटोरना भी सीखें

MORE STORIES FROM Aha Zindagi

Aha Zindagi

Aha Zindagi

डिजिटल संसार में मानव अधिकार

वक़्त बदल चुका है! अब एक झूठी तस्वीर भी आपकी पूरी छवि और गरिमा को तार-तार कर सकती है। यह सिर्फ़ आपकी समस्या नहीं, आज पूरी दुनिया इसके घेरे में है।

time to read

6 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

सौदा

पुरानी वस्तुएं देकर कोई नई चीज़ मिल जाए तो इससे ख़ुशी की बात और क्या होगी! इस सौदे में अक़्लमंदी भी है। लेकिन निधि ने बिना अक़्ल लगाए कहीं बेहतर सौदा कर लिया। उसे बदले में कुछ मूल्यवान मिला है, यह उसके चेहरे की चमक बता रही थी।

time to read

7 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

क्या कहती है पुरुष की चुप्पी

कहते हैं कि स्त्रियों को समझा नहीं जा सकता, किंतु पुरुषों को समझना भी कहां आसान होता है! वे कम बोलते हैं, ज़्यादा महसूस करते हैं और अपनी भावनाएं शब्दों से कम, व्यवहार से ज़्यादा जताते हैं। उन्हें समझने की शुरुआत होती है उनकी चुप्पी, उनके नज़रिए और उनकी अनकही भावनाओं को महसूस करने से।

time to read

7 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

सभ्यता का गणित

ब्रह्मांड के हर हिस्से में गणित है। सौरमंडल की सीमा में और असीम निर्वात में। प्रत्येक चेतन में और जड़ में। विज्ञान में और कला में। इसके बिना न तो पानी संभव है, न प्राणी। बिन गणित सब सून !

time to read

7 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

ये माटी सभी की कहानी कहेगी...

भले ही मुहावरे की भाषा में मिट्टी के मोल का अर्थ बहुत सस्ता होता है, किंतु दुनिया की कोई शै एक मुट्ठी मिट्टी से अधिक समृद्ध नहीं है।

time to read

8 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

टीवी और हम लोग

टेलीविज़न ने केवल मनोरंजन नहीं किया, ख़बरें ही नहीं दिखाईं, उसने हम भारतीयों को भी बदल दिया।

time to read

6 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

चलें झरनों की ओर

.. यानी एक ऐसी यात्रा जहां एक ही सफ़र में मिलेंगे कई झरने।

time to read

1 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

मंजिल के क़रीब गुमराह होने की चाह...

पहली नज़र में यह चाहना एकदम अटपटी और अस्वाभाविक लगती है, लेकिन जब इसकी परतें खुलती हैं तो दुनियावी दौड़ के फ़लसफ़े बेमानी लगने लगते हैं।

time to read

4 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

टालमटोल पर जीत के 7 क़दम

कई बार कुछ ज़रूरी काम होते हैं, लोग उस काम के चारों ओर गोल-गोल चक्कर काटते रहते हैं। दिल चाहता है कि शुरू तो करें पर दिमाग़ कहता है, अभी नहीं। टालमटोल का यही नाज़ुक नृत्य एक कशमकश बन जाता है। आख़िर कैसे निकलें इस चक्रव्यूह से।

time to read

3 mins

December 2025

Aha Zindagi

Aha Zindagi

आप कौन-से ग्रह पर रहते हैं?

अगर आप सुर्खियां देखें, फिल्में देखें और इतिहास की किताबें पढ़ें तो आपको लगेगा कि हम पूरी तरह से एक बुरी प्रजाति हैं। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। ग़ौर से देखने पर आपको पता चलेगा कि हम वास्तव में बहुत अच्छे हैं।

time to read

4 mins

December 2025

Listen

Translate

Share

-
+

Change font size

Holiday offer front
Holiday offer back