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Vivek Jyoti Magazine - March 2022

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Vivek Jyoti
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Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

In this issue

श्रीरामकृष्ण की दिव्य-वाणी १०२ भगवान शिव का व्यक्तित्व (डॉ. जया सिंह) १०५ शिवलिङ्गसूक्तम् (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) ११३ होली के विविध रंग (राजेश कश्यप) ११४ (बच्चों का आंगन) पुत्र को शूरवीर बनाने वाली माँ : जयवन्ता बाई (स्वामी गुणदानन्द) ११६ (युवा प्रांगण) न्यायार्थ परिवार, पार्टी का विरोध भी स्वीकार करें (सीताराम गुप्ता) १२१ श्रीरामकृष्ण का मानवतावाद (स्वामी आत्मस्थानन्द) १२४ क्रान्तिकारी-चिन्तन की देवियाँ (अरुण चूड़ीवाल) १२९ भगवान ने यह संसार ईश्वरप्राप्ति हेतु दिया है (स्वामी सत्यरूपानन्द) १३३ जब हृदय में मन्दिर बनने लगा (श्रीधर कृष्ण) १३६

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