Try GOLD - Free

Vivek Jyoti Magazine - June 2025

filled-star
Vivek Jyoti

Vivek Jyoti Description:

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

In this issue

1. बहु रूपों में खड़े तुम्हारे आगे, और कहाँ है ईश : विवेकानन्द २४६ 2. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सम्पूर्ण विधि-विधान : एक सम्पूर्ण अवलोकन (अशोक पाण्डेय) २४८ 3. जप और ध्यान (स्वामी ब्रह्मेशानन्द) २४९ 4. महान पत्थर का मुख (नथानियल हॉथोर्न) २५३ 5. (बच्चों का आंगन) श्रीरामकृष्ण देव की गंगाभक्ति और गंगा दशहरा (श्रीमती मिताली सिंह) २५८ 6. योग-साधना और ब्रह्मचर्य (सन्तोष) २५९ 7. नादानुसन्धान विधि : आत्मसाक्षात्कार की ओर एक कदम (डॉ. गीता योगेश भट्ट) २६२ 8. (युवा प्रांगण) आधुनिक चुनौतियाँ और उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग (स्वामी गुणदानन्द) २६७ 9. अध्यात्म और सतत विकास में सन्तुलन चाहिए (श्री नरेन्द्र मोदी) २७० 10. गंगा – हम तो चलते जायेंगे (स्वामी मैथिलीशरण) २७४ 11. नीतिविमर्श: (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) २७५ 12. स्वामी ब्रह्मानन्द और भुवनेश्वर (स्वामी तन्निष्ठानन्द) २७६ 13. सूक्ष्म और स्थूल (स्वामी सत्यरूपानन्द) २८० 14. पारिवारिक क्लेश से मुक्ति कैसे मिले? (अरुण चूड़ीवाल) २८१ 15. (भजन एवं कविता) रथ में शोभित जगदीश्वर (आनन्द तिवारी) २५७ 16. जगन्नाथ का बुलावा आया है (सदाराम सिन्हा) २६६ 17. जयतु जयतु जय जगन्नाथ प्रभु (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) 18. गंगा-महिमा (डॉ. अनिल कुमार)

Recent issues

Related Titles

Popular Categories