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मणिपुर के बहाने मोदी पर लगा रहे निशाने
DASTAKTIMES
|August 2023
आज एकजुट विपक्ष जब बीते कल में अपनी ढपली अपना राग छेड़े हुए था, तब भी सदन में हंगामा किया गया और कांग्रेस ने उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कांग्रेस ने कभी राफेल तो कभी पेगासस तो कभी अडाणी को लेकर संसद नहीं चलने दी। वास्तव में कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष के पास प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को घेरने के लिए कुछ है नहीं।

यह सही है कि देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बीती चार मई से जारी हिंसा चिन्ताजनक है और वहां से जैसी खबरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं वह विचलित करने वाले हैं। महिलाओं को सरेआम नग्न करके उनका यौन उत्पीड़न और फिर उनकी बेरहमी से हत्या से कई सवाल उठने लगे हैं। उपद्रवियों ने पुलिस और केन्द्रीय बलों के कैम्पों पर धावा बोलकर जिस तरह से हथियार और गोला-बारूद लूटा, उससे मणिपुर सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है। मणिपुर में अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। महिलाओं के साथ यौन हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। पांच हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, पर हिंसा की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं संपत्ति का भी खासा नुकसान हुआ है। लाखों लोगों को राहत शिविरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। संयुक्त विपक्ष के सदस्यों ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने के बाद वहां के हालात पर चिन्ता व्यक्त की है। विपक्षी दलों के ताजा बने गठबंधन इण्डिया के 21 सदस्यों ने राष्ट्रपति तक को ने अपनी चिन्ता से अवगत कराया है। वहीं विपक्ष ने मणिपुर की आड़ में राजनीति भी शुरू कर दी है। संसद का मानसून सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। गतिरोध के चलते सदन की कार्यवाही सुचारु तरीके से नहीं चल पा रही है। विपक्ष लगातार और बार-बार एक ही मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में मणिपुर को लेकर बयान दें। हालांकि ना तो ऐसी कोई बाध्यता है और ना ही कोई परम्परा कि प्रधानमंत्री ही हर मुद्दे पर बयान दें तभी विपक्ष संतुष्ट होगा। वास्तव में विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को झुकाना चाहता है। जब विपक्ष की बात हंगामे से नहीं बनी तब उसने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। हालांकि विपक्ष भी यह बात जानता है कि अविश्वास प्रस्ताव से है सरकार की सेहत पर कोई आंच नहीं आने वाली। वहीं विपक्ष ने यह दांव खेलकर प्रधानमंत्री मोदी को विपक्ष पर संसद के भीतर कड़ा प्रहार करने का मौका दे दिया है।
Diese Geschichte stammt aus der August 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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