पूर्वजन्म और केतु!
Jyotish Sagar|October-2023
वैदिक ज्योतिष ज्ञान का अपार भण्डार है। इसमें अतीत को पहचानने और भविष्य को जानने की अपार संभावनाएँ निहित हैं।
डॉ. सुकृति घोष
पूर्वजन्म और केतु!

जन्मपत्रिका में केतु की स्थिति, पूर्वजन्म की उन जिम्मेदारियों अथवा तीव्र आकांक्षाओं को इंगित करने में सक्षम है, जिन्हें वह अपने पिछले जन्म में अधूरा छोड़ आया था। केतु ‘ध्वजा' का प्रतीक होता है। ध्वजा हमारी पहचान होती है। केतु नामक ध्वजा को लेकर जातक पुनः जन्म लेता है, ताकि वह अधूरे छोड़े गए कार्यों को पूरा कर पाए, अतः जन्म के समय जातक की लग्नपत्रिका में केतु जिस भाव में स्थित होता है, उससे पूर्वजन्म का निश्चित ही गहरा सम्बन्ध होता है।

यदि जातक पिछले जन्म में अपने लिए ही कुछ कार्य करते हुए मृत्यु को प्राप्त हुआ हो, तो इस जन्म की जन्मपत्रिका के लग्न भाव में केतु स्थित होता है अर्थात् पिछले जन्म में निश्चित ही जातक स्वयं के उन्नति के लिए प्रयासरत था और उसकी वह इच्छा पूर्ण होने से पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गई थी। ऐसी स्थिति में इस जीवन में जातक स्वयं के ऊपर अत्यधिक ध्यान देने वाला होगा। वह स्वयं को ऊँचाई पर ले जाने की कोशिश करेगा। यदि केतु जन्मपत्रिका में अच्छा होगा, तो जातक को आगे भी ले जाएगा, लेकिन यदि केतु अच्छी स्थिति में नहीं होगा, तो उसे संघर्ष भी करना पड़ सकता है।

यदि केतु की स्थिति द्वितीय भाव में हो, तो सम्भवतः जातक पिछले जन्म में अपने कुटुम्ब के प्रति कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए मृत्यु को प्राप्त हुआ था अथवा धन कमाने या धन संचय करने में प्रयासरत रहते हुए काल-कवलित हुआ था। ऐसे में जातक निश्चित ही अपने पिछले जन्म के कर्त्तव्यों अथवा इच्छाओं की पूर्ति इस जन्म में करना चाहेगा। ऐसे जातक परिवार अथवा धन के मामले में सदैव जागरूक रहते हैं। इसी प्रकार तृतीय भाव में केतु की स्थिति की विवेचना की जा सकती है। हो सकता है जातक की मृत्यु उसके छोटे भाई-बहनों के प्रति कोई कर्त्तव्य निर्वाह करते हुई हो अथवा किसी पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए हुई हो, जिसे वह पूरा तो करना चाहता था, लेकिन कर नहीं पाया हो।

This story is from the October-2023 edition of Jyotish Sagar.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the October-2023 edition of Jyotish Sagar.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM JYOTISH SAGARView All
अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
Jyotish Sagar

अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।

time-read
2 mins  |
May 2024
सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ
Jyotish Sagar

सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ

सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।

time-read
2 mins  |
May 2024
जब नारद जी ने दिया श्रीहरि को शाप!
Jyotish Sagar

जब नारद जी ने दिया श्रीहरि को शाप!

जिस रास्ते से नारद जी जा रहे थे, उसी रास्ते पर श्रीहरि ने सौ योजन का एक मायावी नगर रचा। उस नगर की रचना भगवान् विष्णु के नगर वैकुण्ठ से भी ज्यादा सुन्दर थी।

time-read
7 mins  |
May 2024
घर की सीढ़ियों की दशा और दिशा आदि का विचार
Jyotish Sagar

घर की सीढ़ियों की दशा और दिशा आदि का विचार

दक्षिण-पश्चिम अथवा नैर्ऋत्य कोण सीढ़ियों के लिए शुभ माना जाता है, वहीं उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सीढ़ियाँ निर्मित नहीं करनी चाहिए।

time-read
2 mins  |
May 2024
भक्ति, वात्सल्य एवं शृंगार के परिचायक महाकवि सूरदास
Jyotish Sagar

भक्ति, वात्सल्य एवं शृंगार के परिचायक महाकवि सूरदास

पुष्टिमार्गीय भक्ति के दार्शनिक स्वरूप को सूरदास जी ने भली-भाँति समझा था तथा समझकर काव्य की भाव भूमि पर उसे प्रेषणीय बनाने के लिए वात्सल्य रस का अवलम्बन लिया।

time-read
4 mins  |
May 2024
क्रान्तिवीर विनायक दामोदर सावरकर!
Jyotish Sagar

क्रान्तिवीर विनायक दामोदर सावरकर!

सावरकर जेल से छूटकर जब वापस भारत आए, तो देश की आजादी का आन्दोलन जोर पकड़ रहा था। अब उन्होंने हिन्दू राष्ट्रवाद का समर्थन किया। जब देश के विभाजन का प्रस्ताव आया, तो सावरकर ने इसका विरोध किया पर तत्कालीन परिस्थितियों के कारण अन्ततोगत्वा देश का विभाजन हुआ।

time-read
3 mins  |
May 2024
पीपल को क्यों नहीं काटना चाहिए?
Jyotish Sagar

पीपल को क्यों नहीं काटना चाहिए?

श्री मद्भगवद्गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने बताया है कि, पीपल उन्हीं का एक रूप है। इसी कारण पीपल की पूजा करने पर भगवान् श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और हमारे दःखों को दूर करते हैं।

time-read
5 mins  |
May 2024
मृत्यु से परे की सत्यता!
Jyotish Sagar

मृत्यु से परे की सत्यता!

उसने मेरे पैरों पर मकड़े से चलाए और मेरे दोनों पैर स्थिर कर दिए। जब मैंने क्षमा माँगी, तो वह मेरे सामने आ गया।

time-read
5 mins  |
May 2024
कैसा रहेगा भारत के लिए वृषभ का गुरु?
Jyotish Sagar

कैसा रहेगा भारत के लिए वृषभ का गुरु?

संसद एवं विधानसभाओं पर कार्यपालिका की प्रधानता तो रहेगी, परन्तु विपक्ष की बली स्थिति और उसकी सक्रियता के चलते सत्ता पक्ष पर अंकुश भी रहेगा, जिससे संसदीय लोकतन्त्र की शक्ति का अहसास भी होगा।

time-read
4 mins  |
May 2024
आम चुनाव, 2024 के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी और राहुल के सितारे!
Jyotish Sagar

आम चुनाव, 2024 के सन्दर्भ में नरेन्द्र मोदी और राहुल के सितारे!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आम चुनाव, 2024 की दृष्टि से वर्तमान समय बहुत प्रतिकूल नहीं है। हालाँकि राहु की अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा और बाद में आ रही चन्द्रमा की प्रत्यन्तर्दशा नैसर्गिक रूप से अच्छी नहीं मानी जाती।

time-read
4 mins  |
May 2024