CATEGORIES

प्रधानमंत्री जी का श्रद्धांजलि संदेश
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

प्रधानमंत्री जी का श्रद्धांजलि संदेश

माननीय पी.परमेश्वरन के निधन से मुझे गहन दुःख पहुँचा है। एक महान समाज सुधारक परमेश्वरन्जी ने अपना समूचा जीवन गरीबों की सेवा में अर्पण कर दिया। उन्होंने हमेशा अदम्य राष्ट्र भावना के साथ राष्ट्रीय लोकाचार का समर्थन किया, और अपने मार्ग में आनेवाली सभी कठोर बाधाओं का सफलतापूर्वक विरोध किया।

time-read
1 min  |
March 2020
सेवा
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

सेवा

विवेकानन्द केन्द्र को एक 'अध्यात्म प्रेरित सेवा संगठन' के रूप में परिभाषित किया गया है। दूसरी इतनी ही महत्त्वपूर्ण परिभाषा यह है कि यह 'मानव निर्माण तथा राष्ट्र निर्माण' के लिए समर्पित संगठन है। वास्तव में ये दोनों परिभाषाएं एक-दूसरे की पूरक और सुसंगत हैं। हम पहले प्रथम परिभाषा को देखेंगे।

time-read
1 min  |
March 2020
माननीय परमेश्वरन्जी : एक तपस्वी योद्धा
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

माननीय परमेश्वरन्जी : एक तपस्वी योद्धा

७० वर्ष तक अथक परिश्रम। २३ वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बनने के बाद ६३ वर्ष की आयु तक श्री परमेश्वरन्जी ने अथक रूप से पूरे समर्पण के साथ देश के लिए कार्य किया। उनका कार्य बहुआयामी था, लेकिन उद्देश्य एक ही था, हमारी भारत माता, इस महान मातृभूमि का कायाकल्प।

time-read
1 min  |
March 2020
एक सूर्य का अस्त
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

एक सूर्य का अस्त

प्रचंड वामपंथी तूफान के कारण केरल में घनघोर अन्धेरा छाया था। वहां का हिन्दू समाज, हिन्दू राष्ट्र, हिन्दू धर्म के विषय में बोलने की हिम्मत और आत्मविश्वास खो बैठा था। आदि शंकराचार्य की भूमि पर संस्कृत, योग, गीता, रामायण खोने लगे थे।

time-read
1 min  |
March 2020
स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक

सन् १८६२ ई. का सितंबर का महीना। बम्बई के विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन पर पूना की ओर जाने वाली ट्रेन खड़ी थी और उसके द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में कुछ मराठी नवयुवक बैठे थे, जिनमें एक का नाम था बाल गंगाधर तिलक। ट्रेन छूटने के थोड़ी देर पूर्व उसी डिब्बे में एक युवा संन्यासी ने भी प्रवेश किया।

time-read
1 min  |
January 2020
श्रीमद्भगवद्गीता पर विचार
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

श्रीमद्भगवद्गीता पर विचार

भगवद्गीता केवल ऐतिहासिक महाभारत युद्ध के प्रांगण में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश देकर उसके कर्तव्य का पालन करने के लिए प्रवृत्त करने का ही सन्देश नहीं अपितु यह हमें पाठ पढ़ाती है कि हम हमारे आध्यात्मिक संघर्ष तथा दैनिक जीवन पर पूर्ण विजय पाकर अपने कर्तव्य का पालन कैसे अर्जुन की भाँति सुचारु रूप से कर सकते हैं जो कि वास्तव में जीवन जीने की कला है।

time-read
1 min  |
February 2020
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का संबोधन
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का संबोधन

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का संबोधन

time-read
1 min  |
February 2020
विपश्यना और प्याज का रस बचाएगा डायबिटिज फुट के रोग से
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

विपश्यना और प्याज का रस बचाएगा डायबिटिज फुट के रोग से

वर्तमान समय में मधुमेह रोग भारत में बहुत तेजी से फैलता दिख रहा है। मधुमेह के रोगी के पैर में घाव होने पर यही माना जाता है कि कई महिनों के मंहगे उपचार से ही इसमें लाभ मिल सकता है। कई बार तो पैर काटने तक की स्थिति बन जाती है।

time-read
1 min  |
January 2020
भारत-चीन संबंधों में चेन्नई का जुड़ाव
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

भारत-चीन संबंधों में चेन्नई का जुड़ाव

तमिलनाडु के मामल्लपुरम् ( इसे महाबलिपुरम के नाम से भी जाना जाता है ) में भारत और चीन के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता का आयोजन एक महान दर्शन है । यहां गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ( यू ने स्को ) ने मामल्लपुरम् को विश्व धरोहर स्थल घोषित हुआ है ।

time-read
1 min  |
January 2020
भगवान शिव का स्वामी विवेकानन्द पर प्रभाव
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

भगवान शिव का स्वामी विवेकानन्द पर प्रभाव

स्वामी विवेकानन्द की शिव में गहरी आस्था थी तथा शिव का उन पर विशेष प्रभाव था क्योंकि उनकी माता भुवनेश्वरी देवी जो कि धार्मिक विचारों की महिला थी तथा जिनका अधिकांश समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना में ही व्यतीत होता था। ऐसा कहते हैं कि भुवनेश्वरी देवी की आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके स्वप्न में आये तथा कहा कि मैं तुम्हारे यहां जन्म लूंगा।

time-read
1 min  |
February 2020
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

स्वर्गीय श्री कपिलदा कहते थे, "मेरी दृष्टि में स्वामी विवेकानन्द के सन्देश के प्राण स्वर को समझकर कार्यान्वित करनेवाले तीन व्यक्तित्व हुए। उनमें से प्रथम हैं - भगिनी निवेदिता, दूसरे हैं महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस और तीसरे हैं कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द शिला स्मारक के निर्माता तथा विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय श्री एकनाथजी रानडे ।"

time-read
1 min  |
January 2020
नागरिकता विधेयक पारित  होना ऐतिहासिक
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

नागरिकता विधेयक पारित होना ऐतिहासिक

नागरिकता विधेयक का संसद के दोनों सदन से पारित होना एक ऐतिहासिक घटना है । इस विधेयक द्वारा नागरिकता कानून, १६५५ में संशोधन किया गया है ताकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, , बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सके ।

time-read
1 min  |
January 2020
जेएनयू की भयावहता
Kendra Bharati - केन्द्र भारती

जेएनयू की भयावहता

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या जएनयू का दृश्य किसी भी विवेकशील व्यक्ति को अंदर से हिला देने वाला है । विश्वविद्यालय परिसर में भारी संख्या में नकाबपोश लाठी डंडों, हॉकी स्टिक आदि लेकर छात्रों, पर हमला कर दें, छात्रावासों में . तोड़फोड़ करें, कुछ घंटों तक उनकी हिंसा जारी रहे और फिर आराम से भाग जाएं यह सब सामान्य कल्पना से परे है । जिस तरह के वीडियो दिख रहे हैं उनसे लगता ही नहीं है कि यह जेएनयू के स्तर का कोई विख्यात है ।

time-read
1 min  |
February 2020