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13 अप्रैल, 2022 को गुरुका मीन राशि में प्रवेश
पीताम्बरः पीतवपुः किरीटी चतुर्भुजो देवगुरुः प्रशान्तः। दधाति दण्डञ्च कमण्डलुञ्च तथाक्षसूत्रं वरदोऽस्तु मह्यम्।।
होली पर सिद्ध करें विशेष प्रभावी शाबर मन्त्र
शाबर मन्त्र देखने में सरल प्रतीत होते हैं, परन्तु उनके प्रभाव को भी हम सभी ने अपने जीवन में कई बार अनुभव किया है। होली का पर्व शाबर मन्त्र सिद्ध करने का विशेष पर्व है। प्रस्तुत है कतिपय उपयोगी शाबर मन्त्र।
वास्तु अनुकूलताओं से भी प्रसिद्ध है काशी विश्वनाथधाम
काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर का वास्तु विश्लेषण
राहु का गोचरफल अन्य ग्रहों के सन्दर्भ में
विशेषतः गुरु, शनि एवं केतु के सम्बन्ध में
राफेल नडाल के 21 ग्रैंडस्लेम राजयोगकारक दशाओं ने रचाया इतिहास
टूर्नामेंट के दौरान यदि राजयोगकारक ग्रहों की दशा हो, तो जातक का प्रदर्शन उस टूर्नामेंट में बेहतर होता है। ध्यातव्य रहे कि शुक्र लग्न, द्रेष्काण एवं नवांश तीनों में ही राजयोग का निर्माण कर रहा है।
रत्नों से संवारें अपना जीवन
मोती सफेद, सुनहरा, गुलाबी तथा काले रंगों में पाया जाता है। बसरा मोती सर्वश्रेष्ठ होता है। इसका स्वामी चन्द्रमा होता है। मोती पहनने से जातकों को मानसिक तथा शारीरिक लाभ होता है।
योगासन पाचन एवं प्रजननतंत्र में लाभकारी पश्चिमोत्तासन
योग के संदर्भ में पूर्व' यानि शरीर का सामने या पेट की तरफ का हिस्सा और पश्चिम यानि पीछे या पीठ की तरफ का भाग। 'उत्तान' का अर्थ होता है तानना'। चूँकि इस आसन में शरीर का पृष्ठ (पश्चिम) भाग पूरा तनता है, अतः इसे पश्चिमोत्तान' कहते है।
पत्रिका में केतु छायाग्रह होकर भी है शुभ!
केतु के सिर नहीं है, तो बुद्धि भी नहीं होगी। जब बुद्धि ही नहीं है, तो चालाकी और चतुराई होने का तो सवाल ही नहीं उठता। केतु के हृदय है और हृदय में ममता, दया, करुणा और भावुकता विद्यमान होती है। इससे मालूम चलता है कि हृदय से बनने वाले गुण केतु के अन्दर होंगे।
कैसा रहेगा मेष का राहु भारत के लिए?
राहु के राशि परिवर्तन पर विशेष
सर्वांगासन
शरीर के समस्त अंगों को फायदा पहुंचाने वाला
महामृत्युजय मन्त्र परिचय, महत्त्व और जपविधि
महाशिवरात्रि पर विशेष
बुद्धि-वृद्धि तथा विद्याप्राप्ति के प्रयोग
माघ मास में विशेष
प्रतिमाह 2 लाख तक कमाने का अवसर!
ज्योतिष में कॅरिअर
पुनः चुनौति भरा समय!
बोरिस जॉनसन
जहाँ 12 साल बाद लड़कियाँ बन जाती हैं लड़के!
एक अनोखा गाँव!
गंगोत्री-बद्रीनाथ तक होगी चौड़ी रोड
चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना
केमद्रुम योग से भयभीत न हों
चन्द्रमा के दोनों ओर कोई ग्रह स्थित नहीं होने मात्र से केमद्रुम योग के भय से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, अपितु इस स्थिति में इस अशुभ केमद्रुम योग के प्रभावहीन और निष्फल होने की परिस्थितियों का भी विशेष रूप से परीक्षण कर लेना चाहिए।
अपने भाग्य से कोई भी भाग नहीं सकता
जिन्हें बार-बार लगातार सफलता मिल रही होती है, जिनके हर सोचेसमझे कार्य सिद्ध हो जाते हैं, उन्हें लगता है कि भाग्य उनके वश में है, लेकिन भाग्य किसी के वश में नहीं है, अपितु हम भाग्य के वश में होते हैं।
4 साल में 12वें सबसे अमीर व्यक्ति
चांगपेंग झाओ
सूर्य रत्न माणिक्य
माणिक्य रक्तवर्धक, वायुनाशक, उदररोग निवारक, नेत्ररोग निवारक और हृदयरोग में राहत देने वाला होता है। माणिक्य रत्न घर में रखने से उसकी किरणों के प्रभाव से घर में विद्यमान कीटाणु नष्ट होते हैं।
विश्वनाथ धाम कॉरिडोर सज गया काशीविश्वनाथ का दरबार
विश्वनाथ धाम कॉरिडोर सज कर तैयार है
रत्न दिलाते हैं प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता!
सौंदर्य हो या भविष्य, रत्नों का प्रभाव अज्ञात नहीं है। ऋग्वेद के प्रथम मण्डल के प्रथम सूक्त के प्रथम मंत्र में अग्नि को 'रत्नधातमम्' अर्थात् रत्नों को धारण करने वाला सम्बोधित किया गया है।
प्रतिमाह 2 लाख तक कमाने का अवसर!
ज्योतिष में कॅरिअर
पत्थरों पर लिखा महाकाव्य कोणार्क का सूर्य मन्दिर
राजा ने चन्द्रभागा नदी और समुद्र तट के संगम स्थल को मन्दिर निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान समझा और वहाँ सूर्य मन्दिर बनवाया, जो कोणार्क के नाम से विश्व प्रसिद्ध है।
ऑस्ट्रेलिया में फेरे, भारत से मंत्रोच्चारण
ई-पूजा से फेरे
83 ज्योतिष के आइने में
योग सामर्थ्य प्रदान करते हैं, तोदशाएँ अवसर देती हैं और उसमें सफलता प्रदान करती हैं, वही 1983 में हुआ।
माता दुर्गा के मन्दिर में जाने में श्रद्धालुओं को लगता है भय!
दुनिया में भगवान् के प्रति आस्था सदियों से चली आ रही है, परन्तु साथ ही अन्धविश्वास ने आस्था का साथ नहीं छोड़ा है। इसलिए माना जाता है कि आस्था और अन्धविश्वास का चोली-दामन का साथ है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में लोगों में अलग-अलग मान्यताएँ हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यह मन्दिर एक जाग्रत मन्दिर है, तो कुछ लोग इस मन्दिर को शापित मानते हैं। इसके अलावा कइयों का दावा है कि इस मन्दिर में देवी भोग के लिए बलि माँगती है, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहाँ एक महिला की आत्मा का वास है। और न जाने क्या-क्या अन्धविश्वास मन्दिर के लिए प्रचलन में हैं।
कैसे करें कारकांश कुण्डली से फलित
जन्मकुण्डली या लग्न कुण्डली में जो ग्रह सबसे अधिक अंशों का होता है, उसे 'आत्मकारक' या 'आत्माकारक' कहते हैं। इसका अर्थ होता है जातक स्वयं से संबंधित अथवा आत्मा को सन्तुष्टि देने वाला ग्रह।
परिजन की मृत्यु पर महिलाओं की अंगुली काटने की दर्दनाक परम्परा!
अजीबो-गरीब परम्परा का निर्वाह
धनु लग्न के अष्टम भाव में स्थित सूर्य का फल
कैसे करें सटीक फलादेश? (भाग-175)