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संसदीय राजनीति के शिखर पुरुष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी
बहुआयामी प्रतिभा के धनी और विशाल व्यक्ति त्व वाले भारत र अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में अजातशत्रु के नाम से स्मरणीय रहेंगे। उनके विराट राजनीतिक व्यक्ति त्व और कृतित्व की चर्चा स्वतंत्र भारत के इतिहास के हर मोड़ पर खूब होती है और होती ही रहेगी। भारत की संसदीय राजनीति के वे आधार स्तंभ और शिखर पुरुष थे, जिनके इर्दगिर्द संसदीय इतिहास घूम रहा है। उनका संसदीय कार्यकाल उनके व्यक्तित्व का अनुपम अध्याय था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां की संसदीय शासन व्यवस्था में संसद सर्वोच्च है। भारतीय संसद की जब भी चर्चा होती है, उसके इतिहास को टटोला जाता है तो इसमें यदि किसी एक व्यक्ति त्व का नाम हर भारतीय और राजनीतिज्ञ के मानस पटल पर उभरता है, वह नाम है श्रद्धेय अटलजी का, जिन्हें संसदीय राजनीति का शिखर पुरुष कहा जाता है।
अब प्राकृतिक आपदाओं पर आसमान से नजर रख सकेगा भारत
इसरो के वैज्ञानिकों ने बीते कुछ वर्षों में अंतरिक्ष की दुनिया में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। पिछले दिनों भी इसरो ने अंतरिक्ष में सफलता का ऐसा ही परचम लहराया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने महासागरों के वैज्ञानिक अध्ययन और चक्रवातों पर नजर रखने के लिए तीसरी पीढ़ी के ओशनसैट सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया। इसरो ने 44.4 मीटर लंबे अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-54 रॉकेट से ईओएस - 06 मिशन के तहत कुल 321 टन भार के साथ उड़ान भरी और ओशनसैट-3 सैटेलाइट के अलावा भूटान के एक उपग्रह सहित 8 नैनो उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। इस वर्ष का इसरो का यह पांचवां और आखिरी मिशन था, जो वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे समय तक चलने वाले मिशनों में से एक था। इसरो के पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल) रॉकेट का यह 54वां तथा पीएसएलवी-एक्सएल प्रारूप का 24वां मिशन था, इसीलिए इसरो द्वारा अपने इस मिशन को पीएसलीवी सी-54 नाम दिया गया।
भारत में चीतों की वापसी के साथ मना मोदी का जन्मदिन
यह संयोग ही है कि करीब 75 साल पहले भारत की धरती से चीते विलुप्त हो गए थे, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेष से चीतों के पुनर्वास की अनुमति मध्य प्रदेष सरकार के वन-विभाग को मिली थी।
श्रमशीलता को बनायें देश विकास का मंत्र
आजकल हमारे देश में महंगाई, बेकारी, गरीबी और गिरती विकास दर का तुलनात्मक अध्ययन होता है। नतीजा यह निकलता है कि देश की आर्थिक स्थिति उतनी खराब नहीं है, जिसकी आशंका जतायी गयी।
गांधी- शास्त्री के आदर्शों को करें आत्मसात
इसमें कोई शक नहीं है कि सोशल मीडिया ने आमजन के मुद्दों पर लामबंदी करने का बेहतरीन काम किया है। साथ ही इस सच्चाई से कौन इनकार कर सकता है कि इस मंच पर आने वाले अधकचरे ज्ञान ने समाज का बड़ा नुकसान भी किया है। इसी कारण 'व्हाट्स ऐप यूनिवर्सिटी का ज्ञान' जैसा जुमला भी चल पड़ा है। दरअसल, सोशल मीडिया ऐसा माध्यम है, जहां संपादक नाम की संस्था नहीं होती। परिणाम यह है कि किसी व्यक्ति के मन की भड़ास एक झटके में लाखों लोगों तक पहुंच जाती है। वह सच है अथवा नहीं, तत्काल इसका पता नहीं लगाया जा सकता। यह जाने बिना फारवर्ड करने की प्रवृति के बहुत से शिकार हो जाया करते हैं। कथित भड़ास किस हद तक जहरबुझी हो सकती है, उससे हम-आप आए दिन दो-चार होते ही हैं।
ईश्वरतुल्य है दादा-दादी का स्थान
भारत आदि अनादि काल से बड़े बुजुर्गों माता पिता दादा-दादी नाना नानी वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करते आया है, जिनकी गाथाओं से भारत के साहित्य पुराण ग्रंथ राम लक्ष्मण रामायण गीता श्रावण भगत प्रल्हाद इत्यादि अनेकों महान योनियां भारत माता की गोद में अवतरित हुई है जो आज भी इस आस्था का बहुत सटीक प्रमाण है।
पर्यटन है सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि की कुंजी
दुनिया भर में कई अर्थव्यवस्थाओं की सफलता के लिए पर्यटन महत्वपूर्ण है। मेजबान स्थलों पर पर्यटन के कई लाभ हैं।
भारतीयता और सामाजिक समरसता का अनुपमेय उदाहरण है संघ
पूर्वाग्रह से ग्रसित कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति टिप्पणियां, बयान आते रहते हैं जो बहुत आपत्तिजनक होते हैं।
असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है दशहरा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा
समुद्री सीमाओं को मिला स्वदेशी रक्षा कवच
आखिरकार स्वदेश निर्मित भारत का पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रान्त राष्ट्र सेवा में मुस्तैद हो गया। बकौल प्रधानमंत्री यह विश्व क्षितिज पर भारत के बुलन्द होते हौसलों की हुंकार है।
मजबूत विपक्ष देश की सबसे बड़ी जरुरत
वैसे तो राजनीति शास्त्र के अनुसार लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता पर नकेल कसने के लिये विपक्ष का मज़बूत होना बहुत जरूरी है।
कहीं दंतविहीन शेर तो नहीं है केंद्रीय भूजल बोर्ड
'पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत संवैधानिक रूप से गठित केंद्रीय भूजल अथार्टी संभवतः एक दंत विहीन शेर साबित हो रहा है, क्योंकि जिस गति से ये बोर्ड उद्योगों की ग्राऊंड वॉटर के लिए एनओसी लेने हेतु नोटिस जारी कर रहा है, उस गति से न तो उद्योग आवेदन कर रहे है और न ही उन पर कोई वैधानिक कार्रवाई हो रही है। नतीजा, ग्राऊंड वॉटर के लिए बने अधिनियम कागजी शेर बनकर रह गए है।'
राजस्थान की राजनीति में आया भूचाल
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों अपनों के ही निशाने पर हैं।
आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ना जरूरी
जब देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद की शपथ ले रही थीं, उसी के आसपास अखबारों में एक समाचार इस आशय का भी छपा था कि बस्तर में कार्यरत गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर शीर्ष अदालत ने पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
मानवीय ऊर्जा और स्पंदन को उठाती है ताली
भारत के हजारों वर्षों के इतिहास का अगर हम अध्ययन करें तो हमें हर सामायिक अंतर में हमें अनमोल गाथाएं महसूस करने को मिलेगी, कि क्यों भारत को सोने की चिड़िया का दर्जा दिया जाता था, क्यों हजारों हमारे पूर्वजों, बड़े बुजुर्गों की अनमोल संस्कृति सभ्यता वैश्विक स्तर पर सटीक लुभावने, आकर्षित करने वाली हैं जिसपर बुरी नजरें अंग्रेजों की पड़ी और इस सोने की चिड़िया को गुलाम बनाकर अनमोल संसाधनों का दोहन किया।
गर्व के साथ आत्ममंथन का अवसर भी है स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्र शब्द का सीधा अर्थ है 'अपना तंत्र'। राजनीतिक संदर्भ में स्वतंत्रता समाज के अपने बनाए हुए तंत्र का अर्थ व्यक्त करती है।
जलवायु संकट पर सख्ती से ध्यान देने की जरूरत
कुछ दिनों पहले 'वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम्स' नामक जर्नल में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक पर्चे में 1970 से लेकर 2019 तक के जलवायु आंकड़ों का इस्तेमाल करके यह निष्कर्ष निकाला गया था कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण देश में मृत्यु दर में 94 फीसदी की कमी (पिछले 20 वर्षों में) आई है जबकि मृत्यु दर में तेज़ गर्मी के कारण 62.2 फीसदी और आकाशीय बिजली गिरने के कारण 52.8 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
हमने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम किया : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में बीते साढ़े तीन साल में परिस्थितियां बदली हैं। हर वर्ग के आय को बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है।
सुखद होती भारतीय एथलेटिक्स की तस्वीर
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी पिछले कुछ समय से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
देश में संसदीय शब्दावली का मुद्दा
पता नहीं अब संसद में 'भ्रष्ट' या 'तानाशाही' जैसे शब्द सुनाई देंगे या नहीं और यह भी नहीं कह सकते कि सांसद यदि इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो इनकी जगह कौन-से शब्द काम में लेंगे, पर यह तय है कि संसद के वर्तमान सत्र में इन और ऐसे शब्दों को लेकर कुछ बहस जरूर होगी।
हर घर तिरंगा के जश्न में डूबा पूरा देश
पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है।
सरकारी नजरअंदाजी+लापरवाही = भीषण अग्निकांड
हाल ही में जितने अग्निकांड प्रदेश में हुए हैं, उससे दो महत्वपूर्ण तथ्य तो सामने आ गए कि जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों ने फायर एन.ओ.सी को जबरदस्त तरीकों से नजरअंदाज किया और फिर संस्थानों ने अग्नि सुरक्षा को लेकर भारी लापरवाही बरती। नतीजा भीषण अग्निकांड के रूप में सामने आया। अभी तो नगर निगम और प्रशासन अस्पतालों की जांच में लगा है, क्योंकि वहां हादसे हुए है। जबकि अग्नि सुरक्षा नियम सिर्फ अस्पतालों में नहीं बल्कि होटल, रेस्टोरेंट, आवासीय एवं व्यवसायिक भवन, कोचिंग सेंटरों तथा अन्य संस्थानों पर भी लागू है पर इन पर सरकार का ध्यान तब तक नहीं जाएगा, जब तक वहां कोई भीषण अग्निकांड नहीं होगा!
नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का बढ़ता दायरा
नरेन्द्र मोदी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। मोदी की विदेश यात्राओं में इसकी झलक भी मिलती है।
निवेशकों को पसंद आ रहा उत्तरप्रदेश
कोरोना काल के बाद जब निवेशक समाज बहुत सोचसमझकर और फूंक-फूंककर निवेश कर रहा है, तब उत्तर प्रदेश में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा हो चुका है।
... तो भारत भी बढ़ सकता है श्रीलंका एपीसोड की ओर
मानसून का आगमन हो चुका है। देश के कई राज्यों में बारिश और बाढ़ के प्रलयकारी दृश्य देखे जा रहे हैं।
कैसे सहेजा जाएगा बारिश का पानी?
कुछ वर्ष पहले नेचर कंजरवेंसी ने साढ़े सात लाख से अधिक जनसंख्या वाले दुनिया के 500 शहरों के जलगत ढांचे का अध्ययन कर एक निष्कर्ष निकाला था जिसमें राजधानी दिल्ली पानी की कमी से जूझ रहे विश्व के 20 शहरों में दूसरे स्थान पर रही जबकि जापान की राजधानी टोक्यो पहले पर थी।
माननीया द्रौपदी मुर्मू क्या भारतीयों की राष्ट्रपति बन रही है या सिर्फ 'आदिवासियों' की?
महामहिम 'द्रौपदी मुर्मू' के भारत की अगली राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना को देखते हुए उन्हें हार्दिक अग्रिम बधाइयां।
कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से मुश्किलें और बढ़ जायेंगी
देश के किसी भी व्यक्ति को जाति, धर्म और भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का दर्जा देना अपने आप में गलत है।
जी - 7 देशों के सम्मेलन में भी भारत का डंका
संवाद और मेल-मिलाप की अपनी ताकत होती है। मिल-बैठकर बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और बड़े से बड़े तनाव पर शांति की मिट्टी डाली जा सकती है।
चिकित्सक सम्मान के सबसे बड़े हकदार
कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर में चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा करते नजर आए।