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नए ज़माने की रोचक कहानी
जयंती रंगनाथन की पुस्तक 'एफ.ओ. ज़िन्दगी' ऐसी कहानी कहती है जिसमें भागती-दौड़ती युवाओं की बातें, उनके जीवन में बनते-बिगड़ते रिश्ते, उधेड़बुन, भ्रम, आशा-निराशा आदि मौजूद हैं। यह ऐसी किताब है जिसे पढ़कर रोमांच, मुस्कान, मायूसी, हैरानी होती है। शुरु से ही पाठक कहानी में रम जाता है। कारण है उसका फास्ट-पेस होना।
योग और आहार से 100 साल कैसे जिएँ
योग ने मुझे ऐसे रोगों से मुक्ति दिलाई थी, जिन्होंने चिकित्सा विज्ञान के अन्य लोकप्रिय रोगोपचारों के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई थी। मैं उसकी नियमित रूप से साधना करती रही, उसके विषय में पढ़ती एवं बातचीत करती और कुछ समय में योग की चिकित्सक बन गई।
साधो ये उत्सव का गाँव - बनारस के ठलुओं की अड़ी और काशी की दिलचस्प यात्रा
काशी की यात्रा का अर्थ है, काशी को समझना, बूझना, थोड़ा गहरे उतरना और इसके परिचय के महासागर में अपने स्व के निर्झर का विसर्जन कर देना। सो कुछ बनारसी ठलुओं ने एक दिन अपनी अड़ी पर यही तय किया। व्यक्ति, समाज, धर्म, संस्कृति और काशी के अबूझ रहस्यों को जानने के लिए क्यों न पंचक्रोशी यात्रा की जाए? पंचक्रोशी यानी काशी की पौराणिक सीमा की परिक्रमा। सो ठलुओं ने परिधि से केंद्र की यह यात्रा शुरू कर दी। यात्रा अनूठी रही। इस यात्रा में हमने खुद को ढूँढ़ा। जगत को समझा। काशी की महान विरासत को श्रद्धा और आश्चर्य की नजरों से देखा। अंतर्मन से समृद्ध हुए। जीवन को समृद्ध किया। दिनोदिन व्यक्तिपरक होती जा रही इस दुनिया में सामूहिकता के स्वर्ग तलाशे। कुछ विकल्प सोचे। कुछ संकल्प लिये। खंडहर होते अतीत के स्मारकों के नवनिर्माण की मुहिम छेड़ी। यात्रा के प्राप्य ने हमारी चेतना की जमीन उर्वर कर दी। जब यात्रा पूरी हुई तो ठलुओं ने तय किया कि क्यों न इस यात्रा के अनुभव और वृत्तांत को मनुष्यता के हवाले कर दिया जाए! फिर आनन-फानन में इस पुस्तक की योजना बनी। यात्रा के दौरान दिमाग के पन्नों पर जो अनुभूतियाँ दर्ज हुई, ठलुओं ने उन्हें इतिहास के सरकंडे से वर्तमान के कागज पर उतारा और यह किताब बन गई....
शर्मिष्ठा एक सार्थक कथा
अणुशक्ति ने शर्मिष्ठा को भीतर तक महसूस किया है उसे जिया है तभी तो पाठक शर्मिष्ठा से गुजरते हुए अणु से एक तार होकर जुड़ जाता है। स्त्री का प्रेम, उसकी नियति उसका त्याग सब कुछ शर्मिष्ठा के माध्यम से अणुशक्ति ने महसूस कराया है। शर्मिष्ठा एक सशक्त नारी, धनुर्धर, चित्रकार और प्रतिभावान स्त्री के रूप में हमारे समक्ष आती है...
वाह उस्ताद - संगीत घरानों की दिलचस्प दास्तान
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में घरानों की परंपरा रही है। देश के अलग-अलग प्रांतों से इन घरानों की शुरुआत हुई और उसी जगह के नाम पर रखे गये हैं घरानों के नाम। हर घराने की अपनी खासियत, अपना इतिहास और अपना वंश है। यूँ तो संगीत का आनंद लेने के लिए ज़रूरी नहीं कि संगीत का ज्ञान हो लेकिन अगर थोड़ी बहुत संगीत की जानकारी हो, यह मालूम हो कि गायक और वादक के संगीत का क्या संदर्भ है, तो उसे सुनने में और ही आनंद आता है। इस पुस्तक में अलग-अलग घरानों से संबंधित जानकारी और उससे जुड़े किस्से-कहानियाँ हैं। इनमें से कई किस्से-कहानियाँ लेखक की सुनी-सुनाई हैं तो कई जगह अधिक रोचक बनाने के लिए मौजूदा तथ्यों का नाटकीयकरण किया गया है...
मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है - नारी जीवन से साक्षात्कार कराती कविताएँ
मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है - नारी जीवन से साक्षात्कार कराती कविताएँ
अन्तर्व्याप्त यन्त्रणा ओर प्रतिरोध की विलक्षण कविताएं
'मेरी राशि का अधिपति एक साँड है। की कविताएँ नयी सदी में उभरने वाली विशिष्ट अस्मिता की अत्यन्त प्रामाणिक, सिद्ध और मौलिक 'पहचान' हैं. समकालीन हिन्दी कविता के पन्ने पर एक सशक्त, दीर्घकालिक, प्रामाणिक हस्ताक्षर.. वीरू सोनकर
'मुश्किलें हमें हराती हैं, पर संघर्ष करने वाला हमेशा जीतता है।
किताब बताती है कि जैसा हम बोलते, देखते और करते हैं, वैसा हमारे जीवन में होता है। जैसा बोओगे, वैसा पाओगे। एक निश्चय के साथ आगे बढ़ना चाहिए। लेखक ने कहा है कि इंसान को मालूम होना चाहिए कि उसे कहाँ जाना है, उसका लक्ष्य क्या है, और मजबूत इच्छाशक्ति से वह किसी भी मजबूत दीवार को धराशायी कर सकता है...
सुरताल के जादूगर से साक्षात्कार
'दुनिया के लोगों को एक साथ लाने के लिहाज़ से ज़ाकिर की काबिलियत वाकई बेमिसाल है. वे केवल बातें ही नहीं करते, बल्कि आगे बढ़कर कर दिखाते हैं.'
शब्द और साधना
यह पुस्तक तीन खण्डों में विभाजित है। पहले खण्ड में एक ओर हिन्दी के भक्तिकाल के कवियों के काव्य का विद्यानिवास मिश्र और विश्वम्भरनाथ उपाध्याय द्वारा विवेचन और मूल्यांकन का पुनर्मूल्यांकन है तो दूसरी ओर आधुनिक काल के महावीर प्रसाद द्विवेदी और रामविलास शर्मा के चिन्तन और लेखन का विवेचन है। साथ ही महाकवि जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य 'कामायनी' पर मक्तिबोध के चिन्तन और लेखन का पुनर्मूल्यांकन है।
हिन्दी और उर्दू के बीच चन्द्रकान्ता
सबसे पहले तो मैं फ्रांचेस्का ओर्सिनी द्वारा दी गयी इस सूचना की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि 1898 में खत्री जी द्वारा ही चन्द्रकान्ता उर्दू लिपि में प्रकाशित की जा चुकी थी।
यादों का कारवाँ अद्भुत लोग, अनमोल स्मृतियाँ
समय और साँस के अलावा, हमारे जीवन काल में जो एक चीज़ सदैव साथ चलती है, वो है बीते दिनों की यादा स्मृति के गुलदस्ते में फूल महकते हैं या शूल चुभते हैं, ये तो नसीब पर निर्भर करता है, पर इतना तय है कि उम्र के हर मोड़ पर यादों का कारवाँ मनुष्य के साथ चलता रहता है, बशर्ते मनुष्य की स्मरण-शक्ति क्षीण न हो जाए।
वो अब भी पुकारता है'
इस नाटक से पता चलता है कि भारत में जिस जाति की समस्या को बहुत पहले ख़त्म हो जाना चाहिए था, वह आधुनिक युग की इस सदी में भी अपनी जड़े जमाए हुए है । और न सिर्फ जड़े जमाए हुए है बल्कि उसके अन्तर को बनाए रखने के लिए श्रेष्ठ वर्ण किसी भी हद तक जा सकता है ।
रुक जाना नहीं...सफलता की राह पर बढ़ते जाने के प्रेरक मंत्र
यह किताब हर आयु वर्ग को पढ़नी चाहिए. खासकर युवाओं के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं है.
भारतीय इतिहास की जटिलता और आकर्षण का सटीक परिचय
लेखक ने महावीर और बुद्ध के उपदेशों में समानताओं का उल्लेख करते हुए लिखा है कि दोनों ने ही प्रारंभिक हिंदू ग्रंथों, वेदों की मूलभूत मान्यताओं का विरोध किया।
बिकमिंग मेरा जीवन सफ़र
'उनके कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ थीं जिनसे धूप आती थी, खेलने के लिए खिलौने थे और पीछे की तरह एक कार्डबोर्ड का एक बड़ा सा प्लेहाउस था। अपनी कक्षा में मेरे दोस्त बन गए, वैसे बच्चे जो मेरी ही तरह वहां आने के लिए बेचैन रहते थे। अपने पढ़नी की क्षमता के ऊपर मुझे बहुत भरोसा था।'
अलग-अलग रंगों की लल्लनटॉप कहानियाँ
'लल्लनटॉप कहानी कॉम्पिटिशन' अपनी तरह की एकमात्र साहित्यिक प्रतियोगिता है, जिसके नियम और पुरस्कार राशि दोनों ही 'कोई दूसरा नहीं' की शक्ल लिए हुए हैं। नियम इस अर्थ में कि अगर आप में कुछ रचने का माद्दा है तो आप उसे इस प्रतियोगिता में उतरकर जांच सकते हैं, इसके लिए कोई बन्धन नहीं है; और राशि इस अर्थ में कि मात्र एक रचना के लिए यह राशि दूर-दूर तक नज़र और घोड़े दौड़ा लीजिए सर्वाधिक लगेगी...
'सहमत और अमृत कौर की कहानी संघर्ष, त्याग और साहस से भरी है'
हरिंदर सिक्का ने' कॉलिंग सहमत' लिखी, वह बेस्टसेलर हो गई । मेघना गुलज़ार ने आलिया भट्ट को लेकर पुस्तक पर' राज़ी' फिल्म बनाई जो ख़ासी चर्चित रही । अब लेखक दूसरी किताब' विछोड़ा' लेकर आये हैं, जिसे काफी सराहा जा रहा है । दोनों पुस्तकों की कहानी महिला केन्द्रित है । प्रस्तुत है । लेखक हरिंदर सिक्का से समय पत्रिका की खास बातचीत :
'जीवन के अद्भुत रहस्य' बताने वाली पुस्तक
जीवन कई नदियों का संगम है । यहां अनगिनत धारायें बहती हैं । हर पल उतार चढ़ाव से भरा जीवन अलग अलग रंगों से भरा हुआ है । आध्यात्मिक गुरु गौर गोपाल दास जीवन में संतलन एवं उद्देश्य प्राप्ति के लिए हमें ज्ञान देते हैं । उनकी पहली पुस्तक' जीवन के अद्भुत रहस्य' इसी पर आधारित है। इस पुस्तक का प्रकाशन पेंगुइन बुक्स ने किया है । यह' Life's Amazing Secrets' का हिंदी अनुवाद है । अंग्रेज़ी में पुस्तक की दो लाख से ज्यादा प्रतियाँ बिक चुकी है।