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लंबी उम्र का राज और जापानी मौडल
Sarita
|November Second 2025
जापान में वृद्धों को बोझ नहीं समझा जाता बल्कि उन्हें औनर की तरह लिया जाता है.
यही कारण है कि जापान में जीवन प्रत्याशा बाकी देशों के मुकाबले काफी अधिक है. क्या है जापानी मौडल, जानिए आप भी.
जापान को सब से अधिक उम्रदराज लोगों का घर कहा जाता है. वहां जीवन प्रत्याशा दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे लोगों से कहीं ज्यादा है. हाल ही में जापान ने घोषणा की कि वहां 100 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों की संख्या एक लाख के पार हो गई है. इन में महिलाओं की संख्या 88 फीसदी है. जापान में सब से उम्रदराज शख्स नारा शहर के उपनगर यामातोकोरियामा की 114 वर्षीया महिला शिगेको कागावा हैं. वहीं, सब से उम्रदराज पुरुष तटीय शहर इवाता के 111 वर्षीय कियोताका मिजूनो हैं।
जापान 15 सितंबर को वृद्धजन दिवस मनाता है और उस दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है. उस दिन देश के प्रधानमंत्री 100 साल पूरे करने वाले लोगों को बधाईपत्र और चांदी का कप भेंट करते हैं.
गौरतलब है कि 1960 के दशक तक जापान की कुल आबादी में 100 साल से अधिक आयु के लोगों की संख्या किसी भी जी-7 देश की तुलना में सब से कम थी लेकिन उस के बाद के दशकों में इस में उल्लेखनीय परिवर्तन आया. जापान की सरकार ने 1963 में 100 साल या उस से अधिक की आयु के लोगों का सर्वे शुरू किया तो उन की संख्या सिर्फ 153 थी.यह आंकड़ा 1981 में बढ़ कर 1,000 और 1998 में बढ़ कर 10,000 हो गया. इस के बाद मात्र ढाई दशकों में इस ने एक लाख का आंकड़ा छू लिया. आज जापान को सब से तेजी से उम्रदराज हो रहे समाज के तौर पर जाना जाता है. हालांकि, यहां जन्म दर कम है.
इंसान अधिकतम कितने वर्ष इस धरती पर जीवित रह सकता है? इस सवाल का कोई सटीक जवाब नहीं है. हिंदू ग्रंथों में तो ऋषियोंतपस्वियों की आयु 200-300 साल तक बताई गई है. दरअसल मनुष्य का जीवन अनेक कारकों से प्रभावित होता है, जैसे खानपान, प्रदूषण बीमारियां, प्राकृतिक आपदाएं तनाव, दुख आदि.
This story is from the November Second 2025 edition of Sarita.
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