Sarita Magazine - February Second 2024Add to Favorites

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In this issue

For more than 6 decades, Sarita has been one of the most trusted voices of social change.. The magazine features insightful commentary on social and political issues, thoughtful and entertaining fiction, as well as a distinctive mix of articles on subjects ranging from economy, travel, health, poetry, life and entertainment. It has remained one of most widely read Hindi magazines over the last seven decades.

क्या मुद्दों से दूर हो रही हैं हिंदी फिल्में

फिल्में सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए नहीं होतीं, बल्कि इन का गहरा असर लोगों के दिलोदिमाग पर भी पड़ता है, खासकर युवाओं पर. लेकिन आजकल मारधाड़, हिंसा, बलात्कार से भरी फिल्में आम आदमी के रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े मुद्दों को कोई जगह नहीं देती हैं, इसलिए वे लंबे समय तक चल नहीं पातीं.

क्या मुद्दों से दूर हो रही हैं हिंदी फिल्में

4 mins

थप्पड़ स्त्री के वजूद का अपमान

एक महिला को चोट पहुंचाने के पुरुष अनेक बहाने बना सकता है जैसे कि वह अपना आपा खो बैठा या फिर वह महिला इसी लायक है या वह होश में नहीं था परंतु वास्तविकता यह है कि वह हिंसा का रास्ता केवल इसलिए अपनाता है क्योंकि वह स्त्री को अपनी संपत्ति समझता है और उस के वजूद पर अधिकार जमाना चाहता है.

थप्पड़ स्त्री के वजूद का अपमान

7 mins

सोशल मीडिया पर शोक संदेश परिवार के कितने काम के

हमारी सारी सामाजिकता सोशल मीडिया तक सीमित हो गई है. खासकर जब बात शोक संदेश की होती है तो सोशल मीडिया पर इन की बाढ़ आ जाती है. कई बार फोटो पर फूलमाला देखते ही लोग शोक संदेश देने लगते हैं, जबकि मसला शोक का नहीं होता. कई तो शोक संदेश पर लाइक का बटन भी दबा देते हैं. क्या परेशान परिवार को इस से राहत मिलती है?

सोशल मीडिया पर शोक संदेश परिवार के कितने काम के

2 mins

लिवइन रिलेशनशिप में बच्चों की कस्टडी

लिवइन रिलेशनशिप में बच्चों की कस्टडी का मामला उलझनभरा होता है. यह रिश्ता भले ही कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया गया है मगर इस से जुड़े कुछ कानून अभी भी स्पष्ट नहीं हैं.

लिवइन रिलेशनशिप में बच्चों की कस्टडी

4 mins

गुरुघंटालों की करतूतें

चिन्मयानंदों को उन के कुकृत्य की सजा इसलिए नहीं मिलती क्योंकि अपने अंधभक्तों की बेशुमार संख्या दिखा कर वे सरकार को दबाव में रखते हैं. वोट खिसकाने की धमकी दे कर वे अपने पक्ष में फैसले करवाने के लिए सरकार को बाध्य करते हैं.

गुरुघंटालों की करतूतें

8 mins

बढ़ती हुई तोंद आकर्षण पर ग्रहण

महिला हो या पुरुष, हर कोई खुद को खूबसूरत और आकर्षक दिखाना चाहता है. मगर बढ़ती हुई तोंद इस आकर्षण पर ग्रहण की तरह नजर आती है.

बढ़ती हुई तोंद आकर्षण पर ग्रहण

4 mins

भारत रत्न पुरस्कारों के एवज में राजनीतिक बंदरबांट

भारत रत्न अब प्रदान नहीं किया जा रहा बल्कि बांटा जा रहा है जिस से इस का महत्त्व खत्म हो रहा है. आम लोगों की दिलचस्पी भी इस से कम हो रही है. इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को दिए जाने के कोई पैरामीटर्स भी नहीं हैं, इसलिए भी इस का औचित्य खत्म हो रहा है.

भारत रत्न पुरस्कारों के एवज में राजनीतिक बंदरबांट

10 mins

क्यों खास होता है विधानसभा अध्यक्ष

किसी दल के पास सरकार चलाने का स्पष्ट बहुमत न हो, तो विधानसभा अध्यक्ष की उपयोगिता बढ़ जाती है. सत्ता पक्ष अपनी पसंद का विधानसभा अध्यक्ष चाहता है. बिहार में नीतीश कुमार के बहुमत साबित करने से पहले पुराने विधानसभा अध्यक्ष को हटा कर नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया.

क्यों खास होता है विधानसभा अध्यक्ष

5 mins

हल्द्वानी हिंसा कहीं धर्मयुद्ध का आगाज तो नहीं

हल्द्वानी की हिंसा को हलके में लेने की भूल भारी भी पड़ सकती है. यह महज कानूनी मुद्दा नहीं है बल्कि इस के पीछे ऐसा बहुतकुछ और भी है जो हर किसी को नजर नहीं आ रहा. यह असल में एक तरह का धर्मयुद्ध है और युद्धों के अंजाम कभी किसी के हित में नहीं रहे.

हल्द्वानी हिंसा कहीं धर्मयुद्ध का आगाज तो नहीं

6 mins

जेलों में महिला कैदी हो रही हैं गर्भवती

भारत की जेलों में 18 से 50 साल उम्र की 80 फीसदी महिला कैदी हैं. देश की 1,401 जेलों में से केवल 18 में महिला कैदियों के लिए अलग रहने की व्यवस्था है. बाकी जेलों में महिला कैदी पुरुषों के साथ साझा जेल में रहने को मजबूर हैं, जहां बीच में केवल एक दीवार के सहारे उन्हें अलग किया गया होता है.

जेलों में महिला कैदी हो रही हैं गर्भवती

8 mins

पीठ पर लदे सपने हुए राख

डिलीवरी बौयज के रूप में युवाओं की एक बड़ी संख्या ऐसे काम में अपनी जवानी झोंक रही है जिसे एक तरफ समाज हिकारत की नजर से देखता है तो दूसरी तरफ इस तरह की नौकरी कुछ सालों की ही होती है. इस में न तो बहुत ज्यादा आमदनी है, न प्रोविडेंट फंड, न पैंशन और न ही हैल्थ बीमा.

पीठ पर लदे सपने हुए राख

10+ mins

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के लिए विदेशी ऐक्ट्रेसेस के संघर्ष

बौलीवुड में सफल अभिनेत्री बनना आसान काम नहीं जबकि वे ऐक्ट्रैस विदेशी हों और हिंदी भाषा का ज्ञान न हो लेकिन इन बातों के बावजूद कई अभिनेत्रियों ने अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है.

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के लिए विदेशी ऐक्ट्रेसेस के संघर्ष

4 mins

रैस्टोरेंट या ढाबा कीमत जितनी उतनी सुविधा

महंगे होटल व सस्ती जगहों में साफसफाई की व्यवस्था और सुविधाएं अलगअलग होती हैं. ऐसे में यह आप को तय करना है कि आप ज्यादा रुपए खर्च करना चाहते हैं या कम में ही काम चला लेंगे.

रैस्टोरेंट या ढाबा कीमत जितनी उतनी सुविधा

3 mins

मूत्र असंयमता और इंटरस्टिम टैक्नोलोजी

अपने मूत्राशय पर नियंत्रण न रख पाना आम समस्या तो है पर कई बार यह शर्मिंदगी दे जाती है. लेकिन यह कोई लाइलाज समस्या नहीं, इसे नियंत्रित किया जा सकता है इंटरस्टिम तकनीक से क्या है यह तकनीक, जानें.

मूत्र असंयमता और इंटरस्टिम टैक्नोलोजी

3 mins

अंधविश्वास और स्वार्थ का गठजोड़ देश के लिए नुकसानदेह

पोंगापंथी, रूढ़िवादी, अंधविश्वासों में उलझा जनशक्ति वाला समाज स्वार्थियों के भ्रमजाल में फंस देश की प्रगति में कोई योगदान नहीं दे पाता, तर्क और विज्ञान से वास्ता न रख वह अंधानुकरण को ही अपनाता है.

अंधविश्वास और स्वार्थ का गठजोड़ देश के लिए नुकसानदेह

6 mins

लोकतंत्र में डर कैसा

जिस लोकतंत्र को बेखौफ होने की गारंटी माना जाता है, लोग उसी में ज्यादा डरे हुए हैं क्योंकि इस में गहरे तक धर्म ने जड़ें जमा ली हैं. इस के दूरगामी खतरे और नुकसान होंगे लेकिन उन की परवा किसे है? भाग्यवादी लोग हमेशा से ही धर्म के हाथों ठगे व छले जाते रहे हैं और आज भी यही हो रहा है.

लोकतंत्र में डर कैसा

4 mins

वैडिंग लोन से ही सही युवा खुद उठा रहे अपनी शादी का खर्च

अच्छी बात यह है कि युवा अपनी शादी के खर्च का पूरा बोझ पेरैंट्स पर न डाल कर खुद भी उसे शेयर करना चाहते हैं. ऐसे में पैसों के त्वरित इंतजाम के लिए वैडिंग लोन का चलन बढ़ रहा है लेकिन क्या यह आसानी से मिल रहा है, इसलिए वैडिंग लोन ले ही लेना चाहिए, जानिए इस से जुड़ी अहम बातें.

वैडिंग लोन से ही सही युवा खुद उठा रहे अपनी शादी का खर्च

6 mins

जब शादीशुदा महिला को हो जाए प्यार

अगर कोई शादीशुदा महिला अपने बच्चों को ले कर घर छोड़ने का फैसला लेती है तो उसे बच्चों से जुड़े कुछ जोखिम उठाने को तैयार रहना चाहिए. उसे पता होना चाहिए कि वह बच्चों के साथ सबकुछ कैसे मैनेज करेगी और बच्चों के भविष्य को बिगड़ने से कैसे बचाएगी.

जब शादीशुदा महिला को हो जाए प्यार

4 mins

कहीं जातीय और धार्मिक उन्माद तो नहीं आत्महत्या के कारण

बड़े शिक्षण संस्थानों में छात्रों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं की गहराई में जा कर विवेचना करना जरूरी है. कहीं देश में बढ़ रहे जातीय और धार्मिक उन्माद के चलते तो ये घटनाएं नहीं घट रहीं.

कहीं जातीय और धार्मिक उन्माद तो नहीं आत्महत्या के कारण

5 mins

मजाक करने का भी क्या वक्त होता है?

हंसना बेहद फायदेमंद होता है लेकिन कब, कहां, कितना और किन पर, यह जानना जरूरी है वरना माहौल बदनुमा हो सकता है.

मजाक करने का भी क्या वक्त होता है?

3 mins

मध्य प्रदेश घूस में सैक्स की मांग

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी भ्रष्टाचार पर सख्त रवैया दिखाया था जो अब राम नाम की आंधी में हवा होता दिख रहा है. घूसखोरी के लिए बदनाम इस राज्य में अब तो घूस में सैक्स तक की मांग बिना किसी लिहाज के की जाने लगी है.

मध्य प्रदेश घूस में सैक्स की मांग

4 mins

मायावती की जेब में अब नहीं दलित वोटर

दलित राजनीति का वह दौर अब खत्म हो गया जब बसपा अपने वोट किसी भी दल को ट्रांसफर करवा देती थी. मायावती दलित मुद्दों की जगह पौराणिकता में उलझ गई हैं. उन का नारा 'तिलक तराजू' बदल कर 'हाथी नहीं गणेश है' हो गया है. दलित वोटर अब पढ़ालिखा है. उसे पता है कि राममंदिर से उसे कुछ नहीं मिलना. दलित समाज की बात करने वाली मायावती अब अपने परिवार को आगे बढ़ा रही हैं. ऐसे में वोटर अब मायावती की जेब से बाहर निकल चुका है.

मायावती की जेब में अब नहीं दलित वोटर

4 mins

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सिद्धांतों की 'वाशिंग मशीन' है भाजपा

दानदक्षिणा बैंक के लिए भाजपा ने दक्षिणापंथी लोगों की भावनाओं को 'वाशिंग मशीन' में डाल कर धो दिया है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का असर यह हुआ कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना का मिशन छोड़ कर दक्षिणपंथी लोगों के साथ हो लिए. सरदार वल्लभभाई पटेल से ले कर कर्पूरी ठाकुर जैसे विरोधी विचारों के नेताओं तक को अपना बनाने में उस ने देर नहीं की.

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सिद्धांतों की 'वाशिंग मशीन' है भाजपा

6 mins

लड़खड़ाती विदेश नीति पड़ोसी हो रहे हैं दुश्मन

आज कोई पड़ोसी देश भारत का सगा नहीं है. सब चीन के इशारे पर चल रहे हैं. पिद्दीपिद्दी से देश हमें आंखें दिखा रहे हैं. भारत की विदेश नीति का मोदी सरकार ने बंटाधार कर दिया है और हम भजनकीर्तन में लगे हैं.

लड़खड़ाती विदेश नीति पड़ोसी हो रहे हैं दुश्मन

6 mins

ईरान-पाकिस्तान सर्जिकल स्टाइक साजिश या सिर्फ शोशेबाजी

ईरान व पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. मुसलिम बहुल दोनों देश आमनेसामने आ गए हैं. मामला इतना सतही नहीं इसे क शियासुन्नी विवाद कह कर टाल दिया जाए, बल्कि पाकिस्तान सेना की उस अंतर्राष्ट्रीय साजिश को उजागर करता है जिस के लपेटे में भारत की विदेश नीति भी आ सकती है. कैसे, पढ़ें.

ईरान-पाकिस्तान सर्जिकल स्टाइक साजिश या सिर्फ शोशेबाजी

10+ mins

बौलीवुड स्टारपुत्र काम न आया पिता का नाम

स्टार का बेटा भी स्टार हो यह कोई जरूरी नहीं लेकिन दूसरों के मुकाबले उन के पास मौके ज्यादा रहते हैं. इस के बाद भी वे पिता के नाम के आगे रत्तीभर भी न ठहरे तो इसे आप क्या कहेंगे? पेश है, कुछ फ्लौप स्टारपुत्रों की दास्तां.

बौलीवुड स्टारपुत्र काम न आया पिता का नाम

6 mins

पेट को न बनाएं बीमारियों का अड्डा

कहते हैं पेट सही रहता है तो आधी बीमारियां यों ही ठीक हो जाती हैं. पेट शरीर का ऐसा हिस्सा है जो गलत खानपान के चलते बीमारियों का अड्डा बन सकता है. ऐसे में जानिए पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव के उपाय.

पेट को न बनाएं बीमारियों का अड्डा

4 mins

पहली हिंसा में ही पत्नी करे विरोध

पतिपत्नी के बीच घरेलू विवाद नई बात नहीं है. यह विवाद जब हिंसा में बदल जाता है तब बड़ी घटना घट सकती है, जो पतिपत्नी दोनों पर भारी पड़ जाती है. ऐसे में जरूरी यह है कि पतिपत्नी के बीच हिंसा जैसे हो, तभी उस का विरोध हो. हिंसा को यह समझ कर न सहें कि आगे सब ठीक हो जाएगा.

पहली हिंसा में ही पत्नी करे विरोध

5 mins

प्यार में ब्रेकअप आत्महत्या बुद्धिमानी नहीं

प्यार में असफलता या ब्रेकअप के चलते आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठा लेना कतई बुद्धिमानी काम नहीं. राजनांदगांव के अभिषेक नरेडी ने यही गलती या मूर्खता की थी जिस पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस इनकार कर दिया कि उस बात से से की प्रेमिका ने उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया था.

प्यार में ब्रेकअप आत्महत्या बुद्धिमानी नहीं

5 mins

शिक्षा के नाम पर धर्मप्रचार क्यों

विकास के मुद्दे अब मंदिर, मसजिद, मठ, घाट, गुरुद्वारे बन कर रह गए हैं. शिक्षास्थलों में भी धर्मप्रचार का काम किया जा रहा है. इस से न सिर्फ साइंटिफिक टैंपरामैंट खत्म होता है बल्कि तार्किक क्षमता पर भी असर पड़ता है, जो कि नव युवाओं में देखा जा रहा है.

शिक्षा के नाम पर धर्मप्रचार क्यों

6 mins

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Sarita Magazine Description:

PublisherDelhi Press

CategoryNews

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Sarita Magazine is a fortnightly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It was first published in 1945. The magazine targets women, and embodies the ideology of social and familial reconstruction.

Sarita Magazine is known for its wide range of content, including:

* Family stories: Sarita Magazine features stories about family relationships, including parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Social issues: Sarita Magazine also covers a variety of social issues, such as gender equality, women's empowerment, and child welfare.
* Culture and tradition: Sarita Magazine also features articles on Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Health and lifestyle: Sarita Magazine also covers health and lifestyle topics, such as nutrition, fitness, and beauty.
* Fashion and entertainment: Sarita Magazine also features articles on fashion and entertainment, including the latest trends in clothing, movies, and music.

Sarita Magazine is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, society, culture, health, lifestyle, fashion, and entertainment. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.

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