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जहां मिलते हैं एक सींग वाले गैंडे
DASTAKTIMES
|July - 2025
असम की वादियों में काजीरंगा भले टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया गया हो लेकिन बरसों से इसकी पहचान यहां के एक सींग वाले गैंडे को लेकर रही है। एक सींगी गैंडे के साथ काजीरंगा केएनपी हाथी, जंगली जल भैंसों और दलदली हिरणों का प्रजनन स्थल भी है।

जब देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों की बात होती है तो काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) का नाम सबसे पहले आता है। यह नेशनल पार्क एक सींग वाले गैंडों के संरक्षण और इनकी बड़ी आबादी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लेकिन यहां कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं। उद्यान की विविधता के कारण इसे देश में 'जैव विविधता का हॉटस्पॉट' भी कहा जाता है। इसे वर्ष 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया था। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान करीब 430 वर्ग किलोमीटर के रेंज में फैला हुआ है। और यह क्षेत्र हाथी, घास के मैदानों, दलदली लैगून और घने जंगलों से भरा हुआ है और यहां 2200 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडे रहते हैं। यह दुनिया में उनकी कुल आबादी का लगभग 2/3 है।
मैरी कर्जन की सिफारिश पर 1908 में बना यह पार्क पूर्वी हिमालयी जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट- गोलाघाट और नगांव जिले के किनारे पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि भारत के वायसराय- केडलस्टन के लॉर्ड कर्जन की पत्नी मैरी कर्जन ने एक सींग वाले भारतीय गैंडे को देखने के लिए पार्क का दौरा किया था। यहां से लौटने के बाद उसने अपने पति को एक सींग वाले गैंडे की घटती प्रजातियों की रक्षा के लिए तत्काल उपाय करने के लिए राजी किया। सन् 1905 में 232 किमी (90 वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला प्रस्तावित काजीरंगा रिजर्व फॉरेस्ट बनाया गया।
प्रतिष्ठित एक सींगी गैंडे के साथ केएनपी हाथी, जंगली जल भैंसों और दलदली हिरणों का प्रजनन स्थल भी है। समय के साथ काजीरंगा में बाघों की आबादी भी बढ़ी है, और यही कारण है कि काजीरंगा को सन् 2006 में टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया गया। साथ ही पार्क को बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एविफैनल प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई। लेसर व्हाइट-फ्रंटेड गूज, फेरुगिनस डक, बेयर पोचर्ड डक और लेसर एडजुटेंट, ग्रेटर एडजुटेंट, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क और एशियन ओपनबिल स्टॉर्क जैसे पक्षी विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में मध्य एशिया से यहां के लिए पलायन करते हैं। निस्संदेह रिजर्व जानवरों की अच्छी आबादी के लिए जाना जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा रिजर्व यहां होने वाले वन्यजीव संरक्षण पहल के लिए लोकप्रिय है।
This story is from the July - 2025 edition of DASTAKTIMES.
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