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प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब
Shaikshanik Sandarbh
|September - October 2021
क्या छायाएँ पूरी तरह से अँधेरी होती हैं? क्या कुछ छायाएँ अन्य छायाओं से ज़्यादा गहरी होती हैं? एक मोबाइल फोन के कैमरे तथा मनुष्य की आँख में क्या चीज़ समान होती है? क्या कोई प्राकृतिक पिन-होल कैमरा होता है? यदि हम चाहते हैं कि हमें अपना दाहिना हाथ वैसा ही दिखाई दे जैसा वह दूसरों को दिखता है, तो हमें कितने दर्पणों की ज़रूरत होती है? इस लेख में लेखक ने ऐसे कई सरल तरीकों का ज़िक्र किया है जिनके द्वारा, छायाओं और प्रतिबिम्बों का उपयोग करते हुए, प्रकाश के शिक्षण में दैनिक जीवन के अवलोकनों को अवधारणाओं से जोड़ा जा सकता है।

विज्ञान के किसी भी विषय के बारे में उत्सुकता, प्रेरणा, और एक बुनियादी समझ निर्मित करना हमेशा एक चुनौती होती है। इसके लिए, सारे संसार में चल रही एक लोकप्रिय प्रवृत्ति, विशेष रूप से बनाए गए उपकरणों के माध्यम से, प्रौद्योगिकी कम्प्यूटर ऐनीमेशन्स और प्रदर्शनों का इस्तेमाल करना है। यह चलन, विद्यार्थियों के कम उम्र से ही जनसंचार माध्यमों और इंटरन
This story is from the September - October 2021 edition of Shaikshanik Sandarbh.
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