उत्तर प्रदेश की सियासत को आजकल राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता ओमप्रकाश राजभर अपने पल-पल बदलते बयानों से गरमाए हुए हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों दल किस पाले में खड़े होंगे, यह कोई नहीं समझ पा रहा है। यह वह पार्टी है जिनके प्रमुखों को 'किसी' के साथ जाने में परहेज नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ताकतवर राजनैतिक घराने की तीसरी पीढ़ी इस समय अपनी सियासी साख बचाने के लिए छटपटा रहा रही है। कभी भारतीय लोकदल के बैनरतले अपनी हनक और धमक दिखाने वाले किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एवं उससे पूर्व दो बार यूपी की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो चुके चौधरी चरण सिंह और उसके बाद उनके पुत्र पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह जिन्हें लोग छोटे चौधरी के नाम से लोग बुलाते थे, जिनकी मृत्यु के बाद जब से राष्ट्रीय लोकदल की कमान जयंत चौधरी के हाथ आई है, तब से राष्ट्रीय लोकदल का वजूद संकट में आ गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तय मानक से कम वोट प्रतिशत मिलने के कारण पार्टी की मान्यता समाप्त हो गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसके बाद भी रालोद का 'सियासी डिमांड' कम नहीं हुआ है। करीब-करीब सभी बड़े राजनैतिक दल रालोद को अपने खेमे में लाने के लिए उत्साहित नजर आते हैं। आज भी राष्ट्रीय लोकदल सभी पार्टियों की चहेती बनी हुई हैतो इसकी वजह है पश्चिमी यूपी में जाट वोटों पर उसकी दमदार पकड़। वेस्ट यूपी में जाट वोटर हमेशा निर्णायक भूमिका में रहते हैं। किसी भी राजनैतिक दल को रालोद से गठबंधन करने में परहेज नहीं रहता है तो रालोद भी मौके की नजाकत भांप कर किसी भी पार्टी के साथ समझौता करने को तैयार रहता है। ऐसा ही अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में भी होता दिख रहा है।
Diese Geschichte stammt aus der July 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.
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उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला
कभी खलनायक तो कभी पुजारी और चर्चित सीरियल 'ऑफिस-ऑफिस' में मुसद्दीलाल न पर्दे पर छाए पंकज कपूर के सभी किरदार अभिनय की पाठशाला हैं। हिन्दी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम से आगे चलती है।
भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला
हाइब्रिड पिच में मैदान के अंदर की कुदरती टर्फ यानी मैदान की घास के साथ कुछ फीसदी हिस्सा पोलिमर फाइबर का होता है। इससे पिच टिकाऊ रहती है और इस पर एक जैसा उछाल भी मिलता है। इसमें पोलिमर फाइबर का इस्तेमाल पांच फीसदी ही होता है जिससे पिच के नेचुरल गुण बने रहें। यह आमतौर पर बेज या हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20-20 मिमी ग्रेड के नियमित पैटर्नमें 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है।
आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट
फटाफट क्रिकेट आईपीएल में ये पूरी तरह क्रिकेटेनमेंट बन जाता है। बॉलीवुड सितारों की चमक-दमक के साथ तीन घंटे का रोमांच। इस दौरान यह खेल नाटक में तब्दील हो जाता है। एक नया मार्केट प्लेस जिसे 'क्रिकेटेनमेंट' के नाम से जाना जाता है। यहां क्रिकेट बिल्कुल अलग तरीके से खेला जाता है। मजे लेने का अंदाज भी जुदा है। स्टेडियम में बड़ा रंगीन माहौल होता है। हर चौके, छक्के और विकेट पर चीयर लीडर्स डांस करती हैं।
सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!
सदनों की समिति के भीतर जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए उत्तर अधिकारियों को नागवार लगते हैं। निर्वाचित सरकार द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों को पूरा करना सिविल अधिकारियों की जिम्मेदारी है। विकास कार्यों को ठीक से सम्पन्न कराना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है। लेकिन तमाम राज्यों में भिन्न-भिन्न विभागों के लिए निर्धारित बजट का बड़ा भाग उपयोग में ही नहीं आता।
माँ का रिश्ता सबसे अनमोल
अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस (12 मई) पर विशेष
दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत
महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और डिम्बग्रंथि कैंसर हैं, जबकि पुरुषों में आमतौर पर पाये जाने वाले कैंसर में फेफड़े, मुंह और प्रोस्टेट आदि जैसे कैंसर शामिल हैं। वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत, भारत में सबसे अधिक महिलाओं में कैंसर का निदान किया जाता है। हालांकि भारत में सालाना दस लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं, यहां कैंसर की दर डेनमार्क, आयरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों या अमेरिका से कम है।
छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!
नेताओं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति इजराइल का यह डर, पूर्व में ईरानी द्वारा खुले तौर पर इजराइल के विनाश की वकालत करने से सच साबित होता है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2005 में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी ने खुले रूप से घोषणा किया कि इजराइल को 'मानचित्र से मिटा दिया जाना चाहिए।' इस उत्तेजक बयानबाजी ने इजराइली चिंताओं को बढ़ाया है जो ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं से उत्पन्न कथित खतरे को रेखांकित करता है।
क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक को जिस मूवी थ्री इडियट्स ने हीरो बनाया, वह मूवी उनकी असली जिंदगी से एक प्रतिशत भी वास्ता नहीं रखती, यह बात खुद सोनम वांगचुक ने दर्जनों बार मीडिया में कबूली है। मूवी में जिस वैज्ञानिक फुन्सुक (सोनम वांगचुक से प्रेरित चरित्र) का किरदार आमिर खान ने निभाया है, वह माली का बेटा है, जबकि सोनम वांगचुक मंत्री के बेटे हैं। उनके पिता सोनम वांग्याल कांग्रेस नेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बने।
बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब
रवीन्द्र सिंह भाटी को टिकट न देकर बीजेपी ने अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। अब कांग्रेस को जीत की किरण दिख रही है, लेकिन सर्वे कुछ और बयां कर रहे है। 2024 में राजस्थान की बाड़मेरजैसलमेर सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। शिव विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले रवीन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा भरा है। उनके चुनावी मैदान में उतरने से बाड़मेर के समीकरण रोचक हो गए हैं।
नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग
प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव में 19 अप्रैल को बस्तर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से वोट पड़े और मतदान प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। बस्तर में जहां पहले नक्सली चुनाव के दौरान भय पैदा करने के लिए धमाके करते थे, गांव में बैठक कर लोगों को डराते थे, मगर नक्सलियों का अब यह डर लोगों के दिमाग से निकल चुका है। यह कहा जा सकता है कि बैलेट पेपर अब बारूद पर भारी पड़ रहा है।