Samay Patrika - March 2022
Samay Patrika - March 2022
Obtén acceso ilimitado con Magzter ORO
Lea Samay Patrika junto con 8,500 y otras revistas y periódicos con solo una suscripción Ver catálogo
1 mes $9.99
1 año$99.99
$8/mes
Suscríbete solo a Samay Patrika
En este asunto
इस अंक में पढ़िए सच्ची घटनाओं पर आधारित उपन्यास 'पुलवामा अटैक' की खास बातें। इसकी खास बात है कि यह पुस्तक पाठक को सीधे दोस्तों, दुश्मनों, खून, बंदूकों और जीत की वास्तविक दुनिया में ले जाएगी। अशोक कुमार पांडेय की सावरकर पर लिखी किताब पिछले दिनों खूब चर्चा में रही है। यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश बताई जा रही है।
प्रभात प्रकाशन ने अरब देशों के बारे में महात्मा गांधी की सोच पर आधारित एक पुस्तक 'गांधी और इस्लाम' को प्रकाशित किया है। इसके लेखक हैं अब्दुलनबी अलशोला। मृणाल पांडेय ने 'माया ने घुमायो' में कथाओं को लिखा है। पुस्तक के आवरण पर लिखा है —'बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ।' वहीं धीरा खंडेलवाल की कविताओं की पुस्तक 'फिर से ज़िंदगी' एक बेहद खूबसूरत संकलन है जिसमें गर्जन है और न ही सूक्तियाँ बल्कि एक सहृदय इनसान की उक्तियाँ हैं, जो आत्मा से चलकर आत्मा में ही लीन हो जाती हैं।
रमानाथ राय की कहानियों का एक संकलन हिंदी में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित हुआ है। उनकी कहानियों में कल्पना और यथार्थ, स्वप्न और जागरण, मिथ और इतिहास का अद्भुत सम्मिश्रण देखने को मिलता है, जिसके माध्यम से आज के संश्लिष्ट जीवन को उकेरा गया है। किशोर मकवाणा की पुस्तक 'स्वामी विवेकानन्द का युवा जागरण' का एक खास अंश पढ़ें।
साथ में ऋषि राज की चर्चित पुस्तक 'कारगिल : एक यात्री की ज़ुबानी' में लेखक कहते हैं—'शहीदों ने भी जब देश पर जान कुरबान की होगी तो उन्होंने सोचा ही होगा कि हमारे देशवासी हमारी स्मृति, हमारी सोच एवं हमारी वैभवपूर्ण विरासत को जीवित रखेंगे और यही सोच हमारी युवा पीढ़ी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।'
समय पत्रिका में हर बार की तरह होगी नई किताबों की चर्चा।
पुलवामा अटैक
सच्ची घटनाओं पर आधारित उपन्यास
1 min
यूपी चुनाव और राजनीति की तासीर
उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
1 min
अनेक रहस्यों से पर्दा उठाती है 'वॉल स्ट्रीट और बोल्शेविक क्रांति'
वॉल स्ट्रीट और बोल्शेविक क्रांति
1 min
अरब देशों के बारे में महात्मा गांधी की सोच
बीते कुछ दशकों में अरब देशों ने अतिवाद, हिंसा और आतंकवाद की सबसे घिनौनी और खौफनाक तसवीरों को देखा है, जिन्हें धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करनेवाली सोच और तकरीरों से भड़काया व उकसाया जाता है। ऐसे विचारों और तकरीरों से नफरत व खून-खराबा को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे समाज बँट जाता है और सभ्यता की बुनियाद ही खतरे में पड़ जाती है। अगर ऐसी सोच का इलाज नहीं होगा, तो उनका अंतिम परिणाम खतरनाक बौद्धिक भटकाव के रूप में दिखेगा, जो सारे अरब देशों को निराशा, हताशा, संकट एवं विघटन के गर्त में धकेल देगा। इन मुश्किल और निराशाजनक परिस्थितियों के बीच लेखक महात्मा गांधी की बौद्धिक विरासत को फिर से याद करते हैं और उनके मुख्य संदेशों पर विचार करते हैं। उनके जीवन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लेखक उन विरोधाभासी परिस्थितियों पर रोशनी डालते हैं, जो पहले से मौजूद थीं और जिनके कारण मुसलमानों की राय भारत से अलग हो गई, चाहे खिलाफत का मुद्दा हो या फिर गांधी के कुछ विचारों के प्रति मुसलमानों की आशंका। 'गांधी और इस्लाम' इस्लाम और मुस्लिम देशों के सामने आई चुनौतियों से गांधीवादी तरीके से निपटने का एक प्रयास है।
1 min
बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाए
माया ने घुमायो
1 min
'इन कविताओं में एक अस्फुट, आवेगमय पुकार छुपी है'
चिन्मयी त्रिपाठी और उनकी कविताएँ
1 min
नर्मदा नदी की विलक्षण सांस्कृतिक कथा
यह उपन्यास नर्मदा के साथ हमें भारत की सनातनी संस्कृति के बारे में बहुत कुछ समझाने का प्रयास करता है।
1 min
कारगिल एक यात्री की जुबानी
शहीदों ने भी जब देश पर जान कुरबान की होगी तो उन्होंने सोचा ही होगा कि हमारे देशवासी हमारी स्मृति, हमारी सोच एवं हमारी वैभवपूर्ण विरासत को जीवित रखेंगे और यही सोच हमारी युवा पीढ़ी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।
1 min
Samay Patrika Magazine Description:
Editor: Samay Patrika
Categoría: Fiction
Idioma: Hindi
Frecuencia: Monthly
Samay Patrika hindi magazine -all about books.
- Cancela en cualquier momento [ Mis compromisos ]
- Solo digital