Vivek Jyoti Magazine - January 2022Add to Favorites

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In this issue

अनुक्रमणिका
* विवेकानन्द के ज्वलन्त मन्त्र
* प्रेम, करुणा, सहानुभूति और क्षमाशीलता की प्रतिमूर्ति : श्रीमाँ सारदा (स्वामी निखिलेश्वरानन्द)
* (बच्चों का आंगन) आपसे बड़ा बलिदानी पुरुष वीर क्या कोई हो सकता है? (स्वामी गुणदानन्द)
* (कविता) विवेकानन्द महान (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा)
* कन्याकुमारी के शिलाखण्ड पर स्वामी विवेकानन्द (स्वामी तन्निष्ठानन्द)
* (कविता) उठो जागो दुर्बलता त्यागो (मीहन सिह मनराल)
* स्वामी विवेकानन्द के राष्ट्र-ध्यान से अनुप्राणित हिन्दी काव्यधारा (लखेश चन्द्रवंशी)
* (युवा प्रांगण) वास्तविक सहायता (आशा गुप्ता)
* पुस्तक प्राप्ति
* प्राच्य-पाश्चात्य मनीषियों की दृष्टि में भारत
* सुख सुविधाओं में नहीं, भगवान के नाम में है (स्वामी सत्यरूपानन्द)
* श्रृंखलाएँ मंगलाचरण (स्तोत्र)
* पुरुखों की थाती
* सम्पादकीय
* वरिष्ठ साधुओं की स्मृतियाँ
* सारगाछी की स्मृतियाँ
* रामराज्य का स्वरूप
* श्रीरामकृष्ण-गीता
* प्रश्नोपनिषद्
* गीतातत्त्व-चिन्तन
* आध्यात्मिक जिज्ञासा
* साधुओं के पावन प्रसंग
* समाचार और सूचनाएँ

Vivek Jyoti Magazine Description:

PublisherRamakrishna Mission, Raipur

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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