Modern Kheti - Hindi Magazine - 15th May 2023Add to Favorites

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Food packing & marketing

कृषि गतिविधियों को सैटेलाइट से मॉनीटर करेगा कृषि मैपर ऐप

कौन-से खेत में, कौन-सी फसल हो रही है, कहां ज्यादा है-कहां कम। कहां बर्बादी है, कहां फायदा है, इसका अवलोकन कर सकेंगे। इसके आधार पर किसानों को सलाह दी जा सकेगी कि इस बार किस हिस्से में खेती करना है, कहां नहीं।

कृषि गतिविधियों को सैटेलाइट से मॉनीटर करेगा कृषि मैपर ऐप

2 mins

मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहे हैं हम!

मोटे अनाजों की ऐसी कई किस्में भी हैं जिन्हें बायोफोर्टिफिकेशन तकनीकों के माध्यम से विकसित किया गया है। इसके तहत प्रजनन और संकरन तकनीकों के माध्यम से बीजों में पोषक तत्वों को बढ़ाया जाता है।

मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहे हैं हम!

2 mins

कुप्रबंधन के कारण बढ़ रहा है पानी का संकट

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि भारत में जल संकट, जल संसाधनों की कमी के कारण नहीं बल्कि उसके कुप्रबंधन के कारण है।

कुप्रबंधन के कारण बढ़ रहा है पानी का संकट

2 mins

अब अमेरिका में भी कर रहे हैं किसान आत्महत्याएं

केवल भारत में ही आत्महत्या नहीं कर रहे हैं, बल्कि यहां से हजारों किलोमीटर दूर अ देश अमेरिका में भी किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। अमेरिका में बिना किसी शोर शराबे के एक किसान की मौत के खिलाफ लड़ाई ने अब और तेजी पकड़ ली है।

अब अमेरिका में भी कर रहे हैं किसान आत्महत्याएं

2 mins

मधुमक्खियों के मरने के कारण कम हो सकता है सेब का उत्पादन

बेमौसमी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल के सेब बागवानों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। एक ओर जहां सेब और अन्य गुटलीदार फलों की सेटिंग (फूल से फल बनने की प्रक्रिया) में गहरा असर पड़ा है। वहीं दूसरी ओर पॉलिनेशन (परागण) के लिए रखी इटालियन मधुमक्खियों की मौत से बागवानों के साथ-साथ मधुमक्खी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

मधुमक्खियों के मरने के कारण कम हो सकता है सेब का उत्पादन

2 mins

जलवायु परिवर्तन का फसलों पर हो रहा है प्रभाव

देश में बदलती जलवायु का असर कई हिस्सों में दिखाई दे रहा है, जहां गेहूं तथा अन्य फसलों के पकते समय ओलावृष्टि तथा बेमौसम बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। नुकसान लगभग देश के सभी हिस्सों में हुआ है लेकिन भारत के उत्तर पश्चिम और पूर्वी हिस्से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

जलवायु परिवर्तन का फसलों पर हो रहा है प्रभाव

3 mins

फंगस का बढ़ रहा है फसलों पर हमला

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि महत्वपूर्ण फसलों पर तेजी से बढ़ती फंगस हमलों से दुनियाभर में भूखमरी का संकट उत्पन्न होने का खतरा है, क्योंकि फंगस की वजह से बड़ी मात्रा में फसलें नष्ट हो रही हैं।

फंगस का बढ़ रहा है फसलों पर हमला

2 mins

सब्जी की खेती से किस्मत बदलने वाले रामेश्वर सुथार

किसान रामेश्वर सुथार ने अपने गांव में सब्जी की खेती शुरू की है। वे 6 बीघा जमीन पर कई तरह की सब्जी उगा रहे हैं।

सब्जी की खेती से किस्मत बदलने वाले रामेश्वर सुथार

2 mins

हैविट अवार्ड विजेता डॉ. पीटर एस ओजीआंबो

डॉ. ओजीआंबो ने प्रत्येक साइंसदानों के साथ मिलकर सीडोपैरोनस्पोरा की लाग व ताप एवं पत्तों में नमी को निपटने के लिए एक नया मॉडल तैयार किया।

हैविट अवार्ड विजेता डॉ. पीटर एस ओजीआंबो

2 mins

सण्डा विधि से धान की रोपाई

सण्डा का शाब्दिक अर्थ होता है तगड़ा या हृष्ट-पुष्ट (रोबस्ट) क्योंकि इस विधि से तैयार नर्सरी पहली सघन रोपाई तथा अच्छे प्रबन्ध के बाद हृष्ट-पुष्ट होती है जिसमें सूखा एवं बाढ़ दोनों सहने की क्षमता होती है।

सण्डा विधि से धान की रोपाई

8 mins

धान की पौध उगाते समय सावधानियां

धान हरियाणा की महत्वपूर्ण फसल है। बढ़ती हुई माँग व निर्यात को देखते हुए धान की पैदावार में प्रति एकड़ बढ़ोतरी करना आवश्यक है जिसके लिए जरूरी है कि धान की पौध उगाने से लेकर रोपाई तक महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाये। अगर धान की पौध स्वस्थ होगी तभी अच्छी पैदावार की सम्भावना की जा सकती है।

धान की पौध उगाते समय सावधानियां

4 mins

टमाटर की फसल में एकीकृत कीट प्रबंधन

यह देखा गया है कि टमाटर की उपज और गुणवत्ता कम करने के कई कारक हैं जैसे बीज, नर्सरी का खराब स्रोत, पौधों की आबादी, समय से पहले रोपाई, किस्मों का अनुचित चयन, उर्वरकों और सिंचाई का अत्याधिक उपयोग, खरपतवारों की असमय जांच, कीट-पतंगों और बीमारियों की गंभीर समस्या।

टमाटर की फसल में एकीकृत कीट प्रबंधन

5 mins

वर्टिकल गार्डनिंग

भारत में अत्यंत तेज गति से हो रहे शहरीकरण के शहर के आसपास खेती करने योग्य भूमि निरंतर कम होती जा रही है। शहर के लोग घर के पास ही सब्जियों की खरीदारी को इच्छुक होते हैं।

वर्टिकल गार्डनिंग

5 mins

भोजन उत्पादों के प्रभावी मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग की भूमिका

मौजूदा समय में पैकिंग का महत्व बढ़ता जा रहा है। विशेष तौर पर भोजन पदार्थों के मंडीकरण में पैकिंग वाला पहलू अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। वर्तमान समय का उपभोक्ता जानकार एवं जागरुक है। मंडियों के प्रसार एवं भोजन पदार्थों संबंधी चलंत मसलों के कारण वर्तमान उपभोक्ता गुणवत्ता भरपूर सुरक्षित एवं स्वस्थ भोजन पदार्थों की खपत की ओर बढ़ रहा है। भोजन पदार्थों की पैकिंग उपरोक्त दर्शाये गये संदर्भ में सफल होने के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।

भोजन उत्पादों के प्रभावी मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग की भूमिका

4 mins

बीज का व्यापार, लाइसेंस के ना-ना प्रकार

बीज कृषि का प्रमुख आदान है, अतः उसकी गुणवत्ता श्रेष्ठ होनी चाहिए। इसी कारण भारत सरकार ने बीज की गुणवत्ता नियन्त्रण के लिए बीज अधिनियम-1966, बीज नियम-1968 लागू किया।

बीज का व्यापार, लाइसेंस के ना-ना प्रकार

2 mins

डिजिटल कृषि-भारतीय कृषि का भविष्य

तकनीकी समाधानों को लागू करने से खेतों का विश्वसनीय प्रबंधन और निगरानी संभव हो जाती है। चूंकि किसानों को वास्तविक समय में खेतों का पूर्ण डिजिटल विश्लेषण प्राप्त होता है, वे तदनुसार कार्य कर सकते हैं और अतिरिक्त कीटनाशकों, उर्वरकों को लागू करने और कुल पानी की खपत को कम करने की आवश्यकता नहीं होती है।

डिजिटल कृषि-भारतीय कृषि का भविष्य

4 mins

अखाद्य तिलहन अरण्ड की व्यवसायिक खेती

अरण्ड खरपतवार मुकाबले के प्रति बहुत संवेदनशील फसल है। आरम्भ में खरपतवार अरण्ड के पौधे की अपेक्षा ज्यादा वृद्धि करते हैं। जिससे अरण्ड के पौधे की वृद्धि रूक जाती है। खरपतवार कीटों के प्रकोप में भी इजाफा करते हैं। अतः अरण्ड की अच्छी पैदावार लेने के लिए खरपतवार नियंत्रण अति आवश्यक है।

अखाद्य तिलहन अरण्ड की व्यवसायिक खेती

5 mins

सूत्रकृमि द्वारा उत्पन्न सब्जियों का मूल गांठ या जड़ गांठ रोग की पहचान व उनका प्रबंधन

सब्जियों के खेत में रोगी पौधे व उनके लक्षणों को देखकर इस रोग की आसानी से पहचान की जा सकती है। मूल-गांठ सूत्रकृमि मुख्यतः जड़ों अथवा कंदों के परजीवी होते हैं अतः इनके द्वारा उत्पन्न पौधे के ऊपरी भाग के लक्षण अन्य दूसरे रोगों या पर्यावरण कारकों के समान ही प्रकट होते हैं।

सूत्रकृमि द्वारा उत्पन्न सब्जियों का मूल गांठ या जड़ गांठ रोग की पहचान व उनका प्रबंधन

2 mins

कुकुर्बिट सब्जियां उगाने से संबंधित जानकारी

कूकरबिट्स कार्बनिक पदार्थों की समृद्ध सामग्री के साथ अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से पनपते हैं। हल्की मिट्टी आमतौर पर जल्दी फसल पैदा करने के लिए पसंद की जाती है।

कुकुर्बिट सब्जियां उगाने से संबंधित जानकारी

2 mins

गन्ने के रस के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ

गन्ना सफेद चीनी उत्पादन के लिए व्यापक रूप से कच्चे माल के रूप में जाना जाता है

गन्ने के रस के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ

2 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

PublisherMehram Publications

CategoryBusiness

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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