Denemek ALTIN - Özgür
अष्टस्वरूपा लक्ष्मी एक ज्योतिषीय विवेचना
Jyotish Sagar
|November 2023
गृहस्थ और सामाजिक जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा की आवश्यकता का महत्त्व सर्वविदित है। माँ के आशीर्वाद के बगैर सौभाग्य और सफलता की कल्पना करना भी व्यर्थ है।

आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, जयलक्ष्मी और विद्यालक्ष्मी माँ लक्ष्मी के ही अष्ट स्वरूप हैं। इन सभी स्वरूपों की कृपा यदि किसी व्यक्ति के जीवन पर हो, तो वह अत्यन्त ही भाग्यशाली कहलाता है, लेकिन संसार में बहुत कम जातकों का जीवन ही आदर्श जीवन होता है। प्रायः कोई न कोई कमी अवश्य ही रह जाती है। ग्रहों की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए माँ लक्ष्मी के इन अष्टस्वरूपों की ज्योतिषीय विवेचना भी की जा सकती है।
पूर्वजन्म के संस्कारों के आधार जातक के जन्म का कुल तथा परिवार का निर्धारण होता है। यदि अच्छे, संस्कारवान् कुल अथवा परिवार में जातक को जन्म प्राप्त होता है, तो इसे ही माँ आदि लक्ष्मी का आशीर्वाद कहते हैं, अतः दसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि पूर्वजन्म में माँ आदि लक्ष्मी की प्रेरणा से ही जातक कुछ ऐसे अच्छे कर्म कर लेता है कि आगामी जीवन में उसे अच्छा कुल और परिवार प्राप्त होता है। चूँकि इस प्रक्रिया में केवल जातक के पूर्वजन्म के अच्छे अथवा बुरे संचित कर्म ही काम आते हैं, अतः इसमें जातक का कोई बस नहीं चलता।
माँ अपने धनलक्ष्मी स्वरूप से जातक को धन का आशीर्वाद प्रदान करती है। जन्मपत्रिका का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है, जहाँ से जातक को धन का कितना सुख प्राप्त होगा अथवा जातक कितना धन कमा पाएगा? इसका निर्धारण होता है। कालपुरुष की कुण्डली में इस भाव में वृषभ राशि आती है, जिसके स्वामी शुक्र हैं, अतः यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में शुक्र पीड़ित हो, तो जातक को धन का सुख ठीक से प्राप्त नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में जातक को शुक्र के उपाय करने चाहिए तथा स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा-आराधना करना अत्यन्त शुभ फलदायी होता है। यह एक सामान्य विवेचना है। सही स्थिति की जानकारी के लिए अन्य ग्रहों की स्थिति, दृष्टि, योग इत्यादि देखना अति आवश्यक है।
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin November 2023 baskısından alınmıştır.
Binlerce özenle seçilmiş premium hikayeye ve 9.000'den fazla dergi ve gazeteye erişmek için Magzter GOLD'a abone olun.
Zaten abone misiniz? Oturum aç
Jyotish Sagar'den DAHA FAZLA HİKAYE
Jyotish Sagar
रोमांच और उतार-चढ़ाव युक्त जीवनगाथा
एक योद्धा, सेना का स्वामी, किंगमेकर, जेल और 7 विवाह
9 mins
August 2025

Jyotish Sagar
पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है "योग"
अपने व्यस्त जीवन के बीच हम अक्सर अपने पाचन तन्त्र के महत्त्व को नजरंदाज कर देते हैं। वह मुख्य कार्यकर्ता जो हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले पोषक तत्वों को अथक रूप से संसाधित करता है। हालाँकि, जब हमारा पाचन स्वास्थ्य लड़खड़ाता है, तो यह हमारे समग्र स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
2 mins
August 2025

Jyotish Sagar
सुख-सम्पत्ति का रहस्य और नवग्रहों का प्रभाव
गृहसुख अर्थात् वह आनन्द और सन्तोष जो किसी व्यक्ति को अपने निवास स्थान, परिवार, जीवनसाथी, सन्तान और भौतिक सम्पत्ति से प्राप्त होता है। यह जीवन की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण जरूरत है।
5 mins
August 2025

Jyotish Sagar
आत्मकारक ग्रह बनाम कर्मों की गठरी
शनि के आत्मकारक ग्रह होने की स्थिति में जातक को जीवनभर कठिन मेहनत करके संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषकर शनि की महादशा में अत्यधिक संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है।
9 mins
August 2025
Jyotish Sagar
पूर्व दिशा में निर्मित भवन और उसका वास्तुशास्त्रीय महत्त्व
पूर्व दिशा में सात्विक कर्म करना शुभ माना गया है। इसलिए इस दिशा में मन्दिर निर्माण, पूजाघर, बच्चों की पढ़ाई का कमरा ( स्टडी रूम) इत्यादि का निर्माण करना शुभ माना गया है।
4 mins
August 2025

Jyotish Sagar
थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मन्दिर दक्षिण की द्वारका में दर्शाती है चमत्कारी उपस्थिति
भारतभूमि अनेक ऋषि- मुनियों, देवी-देवताओं और अवतारों की लीलास्थली रही है। सतयुग से लेकर द्वापर युग तक भारतभूमि पर अनेक अवतार हुए हैं। इन्हीं अवतारों ने भारतभूमि पर कई चमत्कारी लीला रची हैं।
2 mins
August 2025

Jyotish Sagar
बुद्धि जाग गई!
पूर्वजन्मों में किए कर्मों के आधार पर मिला वर्तमान जन्म, अपने उस कर्म को सिद्ध करके ही रहता है, जिसके लिए जातक का जन्म हुआ है और बुरा, कष्टदायक, शुभ और सफलतादायक समय उसके लिए ही परिचायक होता है।
2 mins
August 2025

Jyotish Sagar
9 को है रक्षाबन्धन जानें कब बँधेगी राखी?
भारत में रक्षाबन्धन का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
2 mins
August 2025
Jyotish Sagar
जोहरान ममदानी अमेरिका में उभरता भारतीय मूल का राजनेता
भारतीय मूल एवं युगाण्डा में जन्मे अमेरिकन राजनेता जोहरान ममदानी इन दिनों चर्चा में हैं।
5 mins
August 2025
Jyotish Sagar
श्रीराधा और कृष्ण दिव्य युगल का दिव्य प्रेम
भारत की सांस्कृतिक परम्परा में राधा और कृष्ण का प्रेम, मात्र एक लौकिक सम्बन्ध नहीं, वरन् आध्यात्मिक स्तर पर सर्वोच्च प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
4 mins
August 2025
Translate
Change font size